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20 फ़रवरी, 2016

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का 21 फरवरी को छत्तीसगढ़ प्रवास

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के स्वागत के लिए छत्तीसगढ़ में सभी तैयारियां पूरी हो गई हैं। प्रधानमंत्री के रूप में श्री मोदी का यह दूसरा छत्तीसगढ़ दौरा होगा। उन्होंने इसके पहले 09 मई 2015 को राज्य के नक्सल हिंसा पीड़ित दंतेवाड़ा जिले का दौरा किया था। वे इस बार के अपने प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ की जनता को ’सबके लिए आवास’ मिशन के अपने संकल्प के अनुरूप नया रायपुर में कमजोर आय वर्गों और निम्न आय वर्गों के चालीस हजार परिवारों को किफायती मकानों की सौगात देंगे। वे इसके अलावा राजनांदगांव जिले के ग्राम कुर्रूभाठ (डोंगरगढ़) में गांवों को शहरों जैसी बुनियादी सुविधाएं देने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घोषित श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन का राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ करेंगे। श्री मोदी वहां पर राजनांदगांव के दो विकासखण्डों अम्बागढ़-चौकी तथा छुरिया को खुले में शौच मुक्त विकासखण्ड भी घोषित करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज नया रायपुर के सत्य साई अस्पताल परिसर में प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों के लिए की गई तैयारियों का निरीक्षण किया। उन्होंने कल राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में भी तैयारियों का निरीक्षण किया था। प्रधानमंत्री के रायपुर आगमन पर कल 21 फरवरी को प्रदेश के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह यहां माना स्थित स्वामी विवेकानंद विमानतल में उनका स्वागत करेंगे। उल्लेखनीय है कि श्री मोदी कल 21 तारीख को भारतीय वायु सेना के विशेष विमान द्वारा सवेरे यहां माना स्थित स्वामी विवेकानंद विमानतल पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री विमानतल से नया रायपुर के सत्य साई अस्पताल परिसर आएंगे। श्री मोदी वहां सवेरे आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नया रायपुर मुख्यमंत्री आवास योजना से संबंधित मकानों का शिलान्यास करेंगे। इसके अंतर्गत 40 हजार परिवारों के लिए मकानों का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री इस अवसर पर नया रायपुर के लिए मेक-इन-इंडिया अभियान के तहत स्वीकृत इलेक्ट्रॉनिक मेन्यूफेक्चरिंग क्लस्टर का शिलान्यास और छत्तीसगढ़ नवाचार एवं उद्यमिता विकास नीति का भी शुभारंभ करेंगे। श्री मोदी वहां से हेलीकॉप्टर द्वारा राजनांदगांव जिले के ग्राम कुर्रूभाठ (डोंगरगढ़) आएंगे और वहां रूर्बन मिशन का शुभारंभ करेंगे।श्री मोदी कल 21 फरवरी को प्रधानमंत्री आवास योजना (सबके लिए आवास मिशन) के अंतर्गत नया रायपुर में 40 हजार किफायती मकानों की आवासीय परियोजना का शिलान्यास करेंगे, ये मकान मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा बनवाए जाएंगे। उनमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग अर्थात ईडब्ल्यूएस श्रेणी के परिवारों के लिए छह लाख 50 हजार रूपए का मकान होगा, जो उन्हें मात्र साढ़े तीन लाख रूपए में दिया जाएगा। इसमें से शेष तीन लाख रूपए की छूट अनुदान के रूप में मिलेगी। इसमें से एक लाख 50 हजार रूपए केन्द्रीय अनुदान और एक लाख 50 हजार रूपए राज्य सरकार का अनुदान होगा। प्रत्येक मकान का कारपेट क्षेत्रफल 289.65 वर्ग फुट और सुपर बिल्टअप एरिया 383.08 वर्ग फुट होगा। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अंतर्गत ये मकान तीन लाख रूपए तक वार्षिक आमदनी वाले परिवार को दिए जाएंगे। निम्न आय वर्ग अर्थात एल.आई.जी. श्रेणी के लिए बनने वाले फ्लैट की कीमत नौ लाख 50 हजार रूपए होगी। इसमें भी हितग्राहियों को शासकीय अनुदान के रूप में तीन लाख रूपए की छूट मिलेगी। इस प्रकार उन्हें साढ़े नौ लाख रूपए का मकान साढ़े छह लाख रूपए में मिलेगा। एल.आई.जी. श्रेणी के मकानों के लिए छह लाख रूपए के आवास लोन में साढ़े छह प्रतिशत ब्याज की राशि केन्द्रीय अनुदान के रूप में होगी और राज्य शासन द्वारा एक लाख रूपए का अनुदान दिया जाएगा। प्रत्येक ईडब्ल्यूएस मकान (फ्लैट) का कारपेट क्षेत्रफल 430.01 वर्ग फुट और सुपर बिल्टअप एरिया 589.21 वर्ग फुट होगा। एल.आई.जी. मकानों के लिए हितग्राहियों की वार्षिक आमदनी सीमा तीन लाख रूपए से छह लाख रूपए तक निर्धारित की गई है। श्री मोदी इस अवसर पर नया रायपुर में छत्तीसगढ़ सरकार के इलेक्ट्रॉनिक मेन्युफेक्चरिंग क्लस्टर का भी शिलान्यास करेंगे। इसके अंतर्गत 70 एकड़ के रकबे में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण से संबंधित उद्योग लगाए जाएंगे। इसमें निजी क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा लगभग दो हजार करोड़ रूपए के पंूजी निवेश की संभावना है। उनके द्वारा लगाए जाने वाले 61 उद्योगों में तकरीबन चार हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। अब तक 11 निवेशकों ने इस क्लस्टर में उद्योग लगाने के लिए राज्य सरकार के साथ समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए हैं। इन उद्योगों में 938 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश होगा। प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ सरकार की जिस नवाचार और उद्यमिता विकास नीति का शुभारंभ करेंगे, उसके अंतर्गत राज्य में कोर इनक्यूबेटर-कम-एक्सीलरेटर की स्थापना की जाएगी। यह एक ऐसी भौतिक और बौद्धिक अधोसंरचना होगी, जहां उद्यमियों को तकनीकी मार्गदर्शन, प्रशिक्षण आदि की भी सहुलियत मिलेगी। इस नीति में आर्थिक विकास और रोजगार के अवसर विकसित करने पर विशेष जोर दिया जाएगा और इसमें सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित नवाचारी व्यवसायों को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया जाएगा। नया रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के साथ प्रदेश के राज्यपाल श्री बलरामजी दास टंडन, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केन्द्रीय शहरी गरीबी उपशमन मंत्री श्री एम. वैंकया नायडू, केंद्रीय इस्पात एवं खान राज्य मंत्री श्री विष्णुदेव साय, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, छत्तीसगढ़ आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत, नगरीय शासन एवं विकास मंत्री श्री अमर अग्रवाल और रायपुर के लोक सभा सांसद श्री रमेश बैस सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, केन्द्रीय पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पेयजल और स्वच्छता मंत्री चौधरी बीरेन्द्र सिंह, केन्द्रीय इस्पात एवं खान राज्य मंत्री श्री विष्णुदेव साय, केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री सुदर्शन भगत, छत्तीसगढ़ के पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चंद्राकर, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत तथा राजनांदगांव के लोकसभा सांसद श्री अभिषेक सिंह सहित अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री इस अवसर पर जरूरतमंद मरीजों को सस्ती और अच्छी क्वालिटी की दवाई उपलब्ध कराने के लिए एक सौ जेनेरिक मेडिकल दुकानों (जन औषधि मेडिकल स्टोर) की परियोजना का भी शुभारंभ करेंगे। केन्द्र सरकार के सहयोग से राज्य शासन द्वारा संचालित की जाने वाली इस परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ के शासकीय जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में जनऔषधि मेडिकल स्टोर खोले जाएंगे। इनमें मधुमेह, हृदय रोग, रक्तचाप आदि बीमारियों के इलाज के लिए चार सौ से ज्यादा जेनेरिक दवाईयां अत्यंत कम कीमत पर मरीजों को दी जाएगी। रूर्बन मिशन अर्थात गांवों को शहरों जैसी सुविधाओं के साथ विकसित करने की योजना केन्द्र सरकार द्वारा 15 सितम्बर 2015 को स्वीकृत की जा चुकी है। प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कुर्रूभाठ (डोंगरगढ़ ) में पूरे देश के लिए इस मिशन की शुरूआत करने जा रहे हैं। इसके अंतर्गत स्मार्ट सिटी की तर्ज पर गांवों को भी स्मार्ट गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ के चार जिलों-राजनांदगांव, धमतरी, कबीरधाम (कवर्धा) और बस्तर (जगदलपुर) को इस योजना में शामिल किया गया है। इन चार जिलों में चार समूह (क्लस्टर) बनाकर गांवों के समग्र विकास के लिए काम किया जाएगा। इस पर तीन वर्ष में लगभग 120 करोड़ रूपए खर्च होंगे। प्रधानमंत्री ग्राम कुर्रूभाठ (डोंगरगढ़) में इस मिशन के लिए मुरमुंदा ग्राम समूह (क्लस्टर) का भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे। रूर्बन मिशन के इस समूह में 16 ग्राम पंचायतों को शामिल किया गया है, जिनमें भगवानटोला, भंडारपुर, हरनसिंघी, जामरी, जटकन्हार, खल्लारी, कुर्रूभाठा, माटेकटा, मेढा, मुड़पार, मुरमुंदा, नागतराई, पिनकापार, पिपरिया, राजकट्टा और राका शामिल हैं।
धान के कटोरा छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी का हार्दिक स्वागत है - अशोक बजाज रायपुर 
DPR

04 फ़रवरी, 2016

गणतंत्र दिवस 2016 की झलकियाँ

गणतंत्र दिवस 2016 की झलकियाँ  
गणतंत्र दिवस 2016 : चौपाल रायपुर में ध्वजारोहण.

 गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर.

गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर.
गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर.

गणतंत्र दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर.

गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर.

गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर.
गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में बाल मित्र पत्रिका का विमोचन.
गणतंत्र दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में बाल मित्र पत्रिका का विमोचन.

गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय बजरंग हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय बजरंग हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर.
गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर में ध्वजारोहण.
गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर.
गणतंत्र दिवस 2016 : शासकीय कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल अभनपुर. 

गणतंत्र दिवस 2016 : अभनपुर नगर के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : अभनपुर नगर के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण.

गणतंत्र दिवस 2016 : अभनपुर नगर के मुख्य समारोह में ध्वजारोहण.
                                                                               
गणतंत्र दिवस 2016 : अभनपुर नगर का मुख्य समारोह.

गणतंत्र दिवस 2016 : उच्च. मध्य. शाला टेकारी (जुलुम).

गणतंत्र दिवस 2016 : उच्च. मध्य. शाला टेकारी (जुलुम).
गणतंत्र दिवस 2016 : उच्च. मध्य. शाला टेकारी (जुलुम).

                                                                           
गणतंत्र दिवस 2016 : ग्राम टोकरो (अभनपुर) .

                            गणतंत्र दिवस 2016 : ग्राम उपरवारा (नया रायपुर) .

16 दिसंबर, 2015

किसानों को अकाल की पीड़ा से उबारने समन्वित प्रयास की जरुरत

धान का कटोरा छत्तीसगढ़ पूरी तरह अकाल की चपेट में है. प्राकृतिक आपदा
व कीट प्रकोप के कारण विगत 12 वर्षों में पहली बार धान के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ा है. निश्चित रूप से इसका असर प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा. किसानों एवं खेतीहर मजदूरों के माथे पर चिंता की लकीरें स्पस्ट दिखाई दे रहीं हैं. कुछ लोग प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न इस स्थिति के लिए शासन व उसकी नीतियों पर दोष मढ़ने में लगे है. जबकि मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने विगत 12 वर्षों में कृषि की दशा व दिशा बदलने के लिए अनुकरणीय प्रयास किये हैं. देश के अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में कृषि क्षेत्र को ज्यादा प्राथमिकता दी गई है. मध्यप्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. डाॅ.रमन सरकार ने नदी-नालों में एनीकेट एवं नाला बंधान बना कर सिंचित रकबा बढ़ाया है. किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाई गई है फलस्वरूप भू-जल श्रोतो का उपयोग कृषि कार्य के लिए किया जा रहा है. किसान समृद्धि योजना व शाकम्भरी योजना के अन्तर्गत शासकीय अनुदान पर विद्धुत व डीजल पंप किसानों को उपलब्ध कराये जा रहें है. शासन ने कृषि व किसानों की बेहतरी के लिए ऐसे अनेक ठोस कदम उठाये है जो अनावृष्टि या अतिवृष्टि की स्थिति से  किसानों को उबार सकते है.

आजादी के बाद यदि ऐसा प्रयास किया जाता तो शायद यह भयावह स्थिति नहीं आती. दुर्भाग्य की बात है कि जिन लोगों ने किसानों को ना कभी एक अधेला बोनस दिया और ना ही कभी कृषि ऋण माफ किया वो लोग प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न स्थिति के लिए शासन को दोषी ठहरा कर राजनैतिक लाभ लेने का प्रयास कर रहें है जो कि निंदनीय है. अकाल को राजनैतिक बदला भुनाने का मुद्दा बनाने से किसानों की पीड़ा कम होने वाली नही है. आवश्यकता इस बात की है कि किसानों एवं खेतिहार मजदूरों को अकाल की पीड़ा से उबारने तथा उनका मनोबल बढ़ाने के लिए राजनैतिक व समाजिक स्तर पर समन्वित प्रयास की आवश्यकता है.

12 दिसंबर, 2015

पलायन मुक्त हुआ छत्तीसगढ़ - अशोक बजाज


डाॅ. रमन सरकार के 12 वर्ष पूर्ण होने पर विशेष लेख 

त्तीसगढ़ की प्रथम निर्वाचित सरकार ने डाॅ. रमन सिंह के नेतृत्व में 12 वर्ष पूर्ण कर लिये हैं। किसी भी सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के लिए 12 वर्ष पर्याप्त है लेकिन जिस सरकार को बेकारी, भूखमरी, पलायन एवं पिछड़ापन विरासत में मिला हो उस सरकार के कामकाज के मूल्यांकन के लिए 12 वर्ष का समय पर्याप्त नहीं है। छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। यहां के खेतिहर मजदूर लाखों की संख्या में प्रतिवर्ष अन्य राज्यों में पलायन करते थे। पदभार ग्रहण के समय छत्तीसगढ़ से पलायन को रोकना डाॅ. रमन सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती थी। इन बारह वर्षों में सरकार ने कृषि व ग्रामीण विकास की नीतियां बनाकर छत्तीसगढ़ को पलायनमुक्त राज्य बनाया। किसानों को उन्नत बीज प्रदान किया गया ताकि वे विपुल उत्पादन कर सके। इससे छत्तीसगढ़ अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बना। 

कृषि के क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या रहती है कि खेती पूरी तरह मानसून के भरोसे रहती है लेकिन रमन सरकार की नीति के चलते सिंचाई रकबा बढ़ गया। किसानों को ना केवल बोर खनन के लिए बल्कि विद्युत व डीजल पंप खरीदने के लिए शासन ने अनुदान देना प्रारंभ किया। शाकम्भरी योजना के अंतर्गत लघु व सीमांत किसानों को 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान होने से विद्युत व डीजल पंपों की बाढ़ आ गई। किसान समृध्दि योजना के अंतर्गत किसानों को नलकूप खनन एवं पंप प्रतिस्थापित करने हेतु 25000 रू. से 43000 रू. तक के अनुदान का प्रावधान रखने से भूजल श्रोतों का उपयोग कृषि उत्पादन के लिए होने लगा। ये ही नहीं बल्कि वर्षा जल को रोकने के लिए नदी - नालों में एनीकट, नालाबंधान एवं स्टाॅप डेम बनाये गये। इसी का परिणाम है कि कृषि के क्षेत्र में मानसून की निर्भरता कम हुई और किसान अच्छी पैदावार लेने में सफल हुए।

 त्तीसगढ़ के किसानों को खेती के लिए समुचित संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। इन बारह वर्षाें में किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से मिलने वाले फसल ऋण पर ब्याज दर 13 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत, बाद में 6 प्रतिशत फिर बाद में 3 प्रतिशत किया गया। पिछले 2 वर्षों से तो किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इस वर्ष राज्य के 925504 किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 2400 करोड़ रूपये का ऋण वितरित किया गया है। कृषि व किसानों के प्रति सरकार की उदार व प्रगतिशील नीतियों के चलते अन्न का भरपूर उत्पादन होने लगा। कृषि के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े फलस्वरूप छत्तीसगढ़ पूर्णतः पलायनमुक्त राज्य के रूप में स्थापित हुआ। 

सी प्रकार ग्रामीण विकास की दिशा में शासन ने ठोस कदम उठाकर गांवों में बुनियादी सुविधाओं शिक्षा, स्वास्थ्य एवं संचार के साधन विकसित किये। शिक्षा को प्राथमिकता देने का ही यह परिणाम है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अप्रवेशी एवं शाला त्यागी बच्चों की संख्या दिनोंदिन घटती जा रही है। न बारह वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उपस्वास्थ्य केन्द्रों के अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना की गई तथा कुपोषण को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया गया।

डाॅ. रमन सरकार ने गरीबों को चिंतामुक्त करते हुए सस्ते चांवल की योजना बनाई जो गरीबी व पलायन को रोकने में काफी कारगर सिध्द हुई है। इस योजना से राज्य की आधी से अधिक आबादी लाभान्वित हो रही है। यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ की जनता के दिल में प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅं रमन सिंह चाउर वाले बाबा के रूप में स्थापित हो गए हैं। 

तः हम कह सकते हैं कि डाॅ. रमन सिंह के कुशल नेतृत्व व प्रगतिशील नीतियों के चलते नवोदित छत्तीसगढ़ बीमारू राज्य से विकसित राज्य की श्रेणी में आ गया है। आज समूचे देश में छत्तीसगढ़ की नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं का ना केवल जिक्र हो रहा है बल्कि उनका अनुसरण भी हो रहा है। जो अपने आप में सफलता का परिचायक है। हमें यह कहने में भी अतिशयोक्ति नहीं होगी कि छत्तीसगढ़ की राजनीतिक क्षितीज में डाॅ. रमन सिंह अंगद के पांव की तरह स्थापित हो चुके हैं।