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29 अप्रैल, 2011

गर्म पानी से नहाने से होता है दिल का दौरा

सर्दी के मौसम में गर्म पानी से नहाने से ठण्ड से राहत तो मिलती है लेकिन यह दिल के दौरे की वजह भी बन सकता है. जापान में हुए एक नए अध्ययन में यह बात सामने आई है.

 जब मौसम सर्द हो तब ठन्डे पानी में हाथ डालने का भी किसी का मन नहीं करता, ऐसे में ठन्डे पानी से नहाने के बारे में तो सोचना भी मुश्किल होता है. जापान में हुए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि अगर सर्दी में गर्म पानी से नहाया जाए तो उस से दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है. जापान की क्योटो प्रिफेकचुरल यूनिवर्सिटी में यह शोध किया गया. रिसर्च टीम का नेतृत्व करने वाले चिका निशियामा बताते हैं कि गर्मियों की तुलना में सर्दियों में दिल के दौरे के मामले दस गुना बढ़ जाते हैं.

एशियाई देशों में पश्चिमी देशों की तरह सेन्ट्रल हीटिंग की व्यवस्था नहीं होती. ऐसे में गर्म पाने से नहाना ठण्ड से राहत पाने का एकमात्र उपाय समझा जाता है. खासकर जापान में लोग सर्दियों में काफी समय गर्म पानी के टब में बिताना पसंद करते हैं. इसी कारण वहां ऐसे स्पा भी हैं जहां लोग खास तौर से हॉट वॉटर ट्रीटमेंट के लिए जाते हैं.

निशियामा की टीम ने 2005 से 2007 के बीच हुए दिल के दौरे के 11,000 मामलों की जांच की. जांच में सामने आया कि जिन लोगों को दौरा पड़ा था उन में से 22 प्रतिशत लोग सो रहे थे, 9 प्रतिशत नहा रहे थे, 3 प्रतिशत काम कर रहे थे और 0.5 प्रतिशत व्यायाम कर रहे थे. बाकी लोगों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. लेकिन जब दौरे की असली वजह की जांच की गई तो पता चला कि सबसे अधिक दौरे नहाने और उसके बाद व्यायाम के कारण पड़े. बाहर के तापमान का भी इसमें बड़ा हाथ है. मतलब बाहर जितनी ज्यादा सर्दी हो गर्म पानी से नहाना उतना ही खतरनाक होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि शरीर बाहर के तापमान और पानी के तापमान के बीच ठीक से संतुलन नहीं बना पाता  और रक्त चाप गिर जाता है.DW HINDI






27 अप्रैल, 2011

सरगुजा में भण्डार गृह निगम के तीन गोदामों का लोकार्पण



रायपुर 26 अप्रैल 2011



छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने सरगुजा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर में एक करोड़ 62 लाख रुपए की लागत से बनने वाले 5400 मीटरिक टन क्षमता के गोदाम का भूमि पूजन किया। उन्होंने सरगुजा प्रवास के दौरान अम्बिकापुर लखनपुर और प्रतापपुर में एक-एक करोड़ रुपए की लागत से निर्मित गोदामों का लोकार्पण भी किया। इनमें से प्रत्येक गोदाम की क्षमता 3600 मीटरिक टन है। इस अवसर पर पूर्व विधायक श्री कमलभान सिंह सहित सर्वश्री घनश्याम अग्रवाल, मुनेश्वर राजवाडे, संतोष दास, रविन्द्र भारती, परमानंद जैसवाल, देवी राम अग्रवाल, बृजकिशोर पांडेय, शशिकांत गर्ग और बड़ी संख्या में ग्रामीण् उपस्थित थे।



18 अप्रैल, 2011

बढ़ते तापमान से मछलियों को तनाव


 दुनिया के कुछ हिस्सों में तापमान वृद्धि के कारण मछलियों की कुछ प्रजातियों पर गंभीर असर हो रहा है. उनका प्रजनन कम तो हो ही रहा है लेकिन तनाव और उनके मरने की आशंका भी बढ़ती जा रही है.

नेचर क्लाइमेट चेंज नाम की पत्रिका में प्रकाशित ताजा शोध लंबे समय से जिंदा रह रही मछलियों को केंद्र में रखते हुए किया गया है. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच तस्मान सागर में पाई जाने वाली बैंडेड मोरवोंग मछलियों पर वैज्ञानिकों ने यह शोध किया.

ताजा और पुराने आंकड़ों की मदद से वैज्ञानिकों ने पाया कि कुछ हिस्सों में समुद्री स्तर और तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी से इन मछलियों की संख्या कम हो गई.

नतीजों से पता चला है कि मछली की दूसरी प्रजातियों पर भी बढ़ते तापमान का असर हो रहा है. इस कारण पानी अम्लीय हो रहा है और और कोरल रीफ पर बुरा असर है. समुद्री पारिस्थितिकी के जानकार रॉन थ्रेशर कहते हैं कि सामान्य तौर पर ठंडे खून वाले प्राणी गर्म तापमान पर प्रतिक्रिया देते हैं और जैसे जैसे तापमान बढ़ता है उनकी संख्या भी बढ़ती है. लेकिन इसकी भी एक सीमा है. थ्रेशर बताते हैं, "कई प्रजातियों की जांच करने के बाद हमने पाया कि इनके बढ़ने की गति कम हुई है और बढ़ते तापमान के कारण शारीरिक तनाव बढ़ा है. व्यवसाय में उपयोग की जाने वाली मछलियां ज्यादा इधर उधर नहीं जातीं. वे पुरानी जगहों या उन्ही कोरल रीफ में लौट आती हैं जहां से चली थीं. इन पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ने वाला है."

बैंडेड मोरवोंग ऐसी मछलियां थीं जो किनारे के पास उथले पानी में रहती हैं और करीब सौ साल तक जिंदा रह सकती हैं. वहीं ट्यूना मछली जैसी प्रजातियां जो घूम सकती हैं वे लगातार दक्षिण के ठंडे पानी में जा रही हैं.

थ्रेशर और उनके साथियों ने 1910 से लेकर अब तक मोरवोंग के आंकड़ों पर शोध किया. इन मछलियों में ओटोलिथ्स नाम की संरचना का अध्ययन किया. यहां सालाना रिंग्स बनती हैं जो पेड़ के तनों में मिलने वाली रिंग्स जैसी होती हैं. इससे पता चला कि ऑस्ट्रेलिया के पानी में तो इस मछली की संख्या में बढ़ोतरी हुई है लेकिन बढ़ते हुए तापमान के साथ न्यूजीलैंड के आस पास बढ़ोतरी कम हो गई.


डायचे वेले के सौजन्य से






17 अप्रैल, 2011

|जय हनुमान ज्ञान गुन सागर


 ।।दोहा।। श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार

                    बरनौ रघुवर बिमल जसु , जो दायक फल चारि

 बुद्धिहीन तनु जानि के , सुमिरौ पवन कुमार
 बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरहु कलेश विकार

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिंहु लोक उजागर
रामदूत अतुलित बल धामा अंजनि पुत्र पवन सुत नामा

महाबीर बिक्रम बजरंगी कुमति निवार सुमति के संगी
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कान्हन कुण्डल कुंचित केसा

हाथ ब्रज औ ध्वजा विराजे कान्धे मूंज जनेऊ साजे
शंकर सुवन केसरी नन्दन तेज प्रताप महा जग बन्दन

विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करिबे को आतुर
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया रामलखन सीता मन बसिया

सूक्ष्म रूप धरि सियंहि दिखावा बिकट रूप धरि लंक जरावा
भीम रूप धरि असुर संहारे रामचन्द्र के काज सवारे

लाये सजीवन लखन जियाये श्री रघुबीर हरषि उर लाये
रघुपति कीन्हि बहुत बड़ाई तुम मम प्रिय भरत सम भाई

सहस बदन तुम्हरो जस गावें अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावें
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा नारद सारद सहित अहीसा

जम कुबेर दिगपाल कहाँ ते कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा राम मिलाय राज पद दीन्हा

तुम्हरो मन्त्र विभीषन माना लंकेश्वर भये सब जग जाना
जुग सहस्र जोजन पर भानु लील्यो ताहि मधुर फल जानु

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख मांहि जलधि लाँघ गये अचरज नाहिं
दुर्गम काज जगत के जेते सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते

राम दुवारे तुम रखवारे होत न आज्ञा बिनु पैसारे
सब सुख लहे तुम्हारी सरना तुम रक्षक काहें को डरना

आपन तेज सम्हारो आपे तीनों लोक हाँक ते काँपे
भूत पिशाच निकट नहीं आवें महाबीर जब नाम सुनावें

नासे रोग हरे सब पीरा जपत निरंतर हनुमत बीरा
संकट ते हनुमान छुड़ावें मन क्रम बचन ध्यान जो लावें

सब पर राम तपस्वी राजा तिनके काज सकल तुम साजा
और मनोरथ जो कोई लावे सोई अमित जीवन फल पावे

चारों जुग परताप तुम्हारा है परसिद्ध जगत उजियारा
राम रसायन तुम्हरे पासा सदा रहो रघुपति के दासा

तुम्हरे भजन राम को पावें जनम जनम के दुख बिसरावें
अन्त काल रघुबर पुर जाई जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई

और देवता चित्त न धरई हनुमत सेई सर्व सुख करई
संकट कटे मिटे सब पीरा जपत निरन्तर हनुमत बलबीरा

जय जय जय हनुमान गोसाईं कृपा करो गुरुदेव की नाईं
जो सत बार पाठ कर कोई छूटई बन्दि महासुख होई

जो यह पाठ पढे हनुमान चालीसा होय सिद्धि साखी गौरीसा
तुलसीदास सदा हरि चेरा कीजै नाथ हृदय मँह डेरा

।।दोहा।। पवन तनय संकट हरन मंगल मूरति रूप
             राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप

हनुमान जयंती पर आपको हार्दिक बधाई !!!
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