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06 सितंबर, 2010

लम्बी डगर है, लम्बा सफ़र है

     खूबसूरत बनायेगें , दुनिया की झांकी 


                                                       


आज मेरे जन्म दिन पर  बहुत सारे बधाई संदेश प्राप्त हुए .बधाई संदेश भेजने वाले अधिकांश लोग मेरे ब्लाग जगत मे आने से पहले मेरे लिए अंजान थे .अभी अभी संपर्क हुआ है.कुछ छतीसगढ़ के मित्र है तो कुछ अन्य प्रांत के है ,कुछ विदेश के मित्रों ने भी प्यार उड़ेला है .भाई ललित शर्मा एवं भाई पी .एस .पाबला ने आज की पोस्ट में उल्लेख कर मुझे अनुग्रहित किया है .
मै आप सभी मित्रों का आभारी हूँ जिन्होने मुझे जीवन के इस महत्वपूर्ण अवसर पर याद किया तथा मुझे ढेरों बधाइयाँ दी .मै आप सबकी शुभकामनाओं एवम् सदभावनाओं को जिंदगी भर संजों कर रखूँगा.आप सबकी प्रेरणा से मेरे जीवन में नये उत्साह का संचार हुआ है .आप सबने मुझे जीवन के सफ़र में मंजिल पा जाने की प्रेरणा दी है .झमा करियेगा मै अपनी भावनाओं को शब्द नहीं दे पा रहा हूँ .

धरती को गगन से मिलाना है बाकी,                                                           
 खूबसूरत बनायेगें ,दुनिया की झांकी ;
 संग है जमाना ,तो क्या फिकर है ,
 लम्बी डगर है , लम्बा सफ़र है.

गगन से भी ऊँचीं , मन की उड़ानें ,
 नहीं काम मुश्किल ,गर कोई ठाने ;
 राहों के  खतरों की, सबको  खबर है ,
 लम्बी डगर है , लम्बा सफ़र है .  



  
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05 सितंबर, 2010

आदर्श शिष्य की तरह आदर्श गुरु बनें

शिक्षक दिवस की बधाई

आज शिक्षक दिवस है।भारत में डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में हर साल पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है ।वे उच्च पदों पर आने से पहले एक कुशल शिक्षक थे।विश्व भर में शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है लेकिन तिथि सब जगह अलग अलग निर्धारित है।


यूनेस्को ने पांच अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया था।शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढि़यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरूआत १९९४ में की गई थी।कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है तो कहीं-कहीं यह अन्य दिनों की तरह ही एक कामकाजी दिन ही रहता है।
                              

एजेंशियों ने खबर दी है कि चीन में 1931 में नेशनल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षक दिवस की शुरूआत की गई थी। चीन सरकार ने 1932 में इसे स्वीकृति दी। बाद में 1939 में कन्फ्यूशियस के जन्मदिवस, 27 अगस्त को शिक्षक दिवस घोषित किया गया लेकिन बाद में 1951 में इस घोषणा को वापस ले लिया गया। वर्ष 1985 में 10 सितम्बर को शिक्षक दिवस घोषित किया गया। अब चीन के ज्यादातर लोग फिर से चाहते हैं कि कन्फ्यूशियस का जन्मदिवस ही शिक्षक दिवस हो।

रूस में 1965 से 1994 तक अक्टूबर महीने के पहले रविवार के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता रहा। वर्ष 1994 से विश्व शिक्षक दिवस पांच अक्टूबर को ही मनाया जाने लगा। अमेरिका में मई के पहले पूर्ण सप्ताह के मंगलवार को शिक्षक दिवस घोषित किया गया है और वहां सप्ताहभर इसके आयोजन होते हैं। थाइलैंड में हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यहां 21 नवंबर, 1956 को एक प्रस्ताव लाकर शिक्षक दिवस को स्वीकृति दी गई थी। पहला शिक्षक दिवस 1957 में मनाया गया था। इस दिन यहां स्कूलों में अवकाश रहता है। ईरान में वहां के प्रोफेसर अयातुल्लाह मोर्तेजा मोतेहारी की हत्या के बाद उनकी याद में दो मई को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। मोतेहारी की दो मई, 1980 को हत्या कर दी गई थी। तुर्की में 24 नवंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वहां के पहले राष्ट्रपति कमाल अतातुर्क ने यह घोषणा की थी। मलेशिया में इसे 16 मई को मनाया जाता है, वहां इस खास दिन को "हरि गुरू" कहते हैं।
इस प्रकार हम देखतें है कि अलग-अलग देशों में गुरूओं के सम्मान के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं।आज के शुभ अवसर पर सभी गुरुओं को नमन करते हुए आशा करता हूँ कि वे गुरु परंपरा का निर्वहन करते रहेंगें तथा आदर्श शिष्य की तरह आदर्श गुरु के रूप में स्थापित होंगें।
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04 सितंबर, 2010

ब्लागरों के लिए खुशखबरी

ब्लाग जगत की खबरें बनेंगीं अखबारों की सुर्खियाँ

  ब्लाग के दीवानों के लिए यह खुशखबरी से कम नहीं कि आने वाले दिनों में ब्लाक जगत की गतिविधियों की खबरों को अखबारों में स्थान मिलने लगेगा .रायपुर की एक प्रमुख सांध्य दैनिक के सह संपादक ने ब्लाग संबधी चर्चा के दौरान ब्लाक जगत की गतिविधियों के सम्बन्ध में शीध्र ही प्रतिदिन एक पेज के समाचार लगाने की सहमति दी है . है ना यह खुशखबरी . अभी तक कुछ नामीगिरामी हस्तियों द्वारा लिखें गए पोस्ट को ही अखबार वाले छापते रहें है ,लेकिन अब सामान्य ब्लागरो तरफ भी उनका ध्यान जा रहा है .
वास्तव में आने वाला समय ब्लाग का है. अखबार के पाठकों में जब ब्लाग के खबरों के प्रति दिलचस्पी बढ़ेगी तब अन्य अखबारवाले भी उसका अनुसरण करेंगें .हमें इस बात पर गौर करना है कि ब्लाग की खबरें जब अखबार की सुर्खियाँ बनेगी तब समाज में ब्लाग के बारे में अच्छी धारणा बने , लोग इसे बड़े चाव से पढ़े . हमें ब्लाग में प्रकाशित सामग्री (पोस्ट) की गुणवत्ता के बारे में परस्पर विचार विमर्श करना चाहिए.वरिष्ठ ब्लागरों का मार्गदर्शन आगे बढ़ने में मददगार होगा . फ़िलहाल मै अखबार का नाम प्रकट नहीं कर रहा हूँ . उसके लिए नए पोस्ट का इंतजार करें .वैसे छतीसगढ़ विशेष कर रायपुर के ब्लागरो को थोडा 
 माथापच्ची करने दीजिये . 00234

02 सितंबर, 2010

इंटरनेट बादशाह भारत

इंटरनेट बादशाह बनने की राह पर भारत


                                         भारत जल्द ही इंटरनेट की दुनिया का बड़ा खिलाड़ी बनने वाला है. 2015 तक भारत में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़कर 23 करोड़ 70 लाख हो जाएगी. अभी आठ करोड़ से ज्यादा भारतीयों की इंटरनेट तक पहुंच है.


                                             बोस्टन के कंसल्टिंग ग्रुप की रिपोर्ट इंटरनेट्स न्यू बिलियन का कहना है कि 2015 तक ब्रिक्री देश यानी ब्राजील, रूस, भारत, चीन और इंडोनेशिया में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ कर एक अरब 20 करोड़ हो जाएगी. यह संख्या जापान और अमेरिका के इंटरनेट यूजर्स से भी काफी ज्यादा होगी. 2009 के दौरान ब्रिकी देशों में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की संख्या 61 करोड़ रही.




                                           रिपोर्ट कहती है कि 2009 से 2015 के बीच ब्रिकी देशों में इंटरनेट यूजर्स की तादाद में सालाना 9 से 20 प्रतिशत की रफ्तार से इजाफा होगा. इसकी बड़ी वजह होगी युवा पीढ़ी. ब्रिकी देश में दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी रहती है. इसलिए वहां इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली संख्या में वृद्धि को लेकर ज्यादा हैरानी भी नहीं होनी चाहिए. भारत को तेज रफ्तार के साथ बढ़ने वाला बाजार बताते हुए रिपोर्ट कहती है कि 2015 तक 19 प्रतिशत लोग इंटरनेट इस्तेमाल करने लगेंगे. फिलहाल यह तादाद सात प्रतिशत के आसपास है. इसके मुताबिक अभी भारत में 8 करोड़ 10 लाख इंटरनेट यूजर्स हैं. 2015 तक यह संख्या तीन गुनी वृद्धि के साथ 23 करोड़ 70 लाख हो जाएगी. फिलहाल चीन में दुनिया के सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर हैं. करीब 36 करोड़.






                                          अभी भारत में ज्यादातर इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले बड़े शहरों में ही रहते हैं. हालांकि वहां छोटे शहरों और कस्बों से भी लोग आकर बसे हैं. रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल भारतीय लोगों की इंटरनेट तक सीमित पहुंच है, लेकिन जल्द ही इसमें विस्तार होगा. इसके मुताबिक भारत में इंटरनेट यूजर्स औसतन आधा घंटा ही वर्ल्ड वाइड वेब की दुनिया में रहते हैं. यह ब्रिकी देशों में सबसे कम औसत है. यह औसत 2015 तक बढ़कर लगभग पौना घंटा होने की उम्मीद है. हालांकि फिर भी भारत इस मामले में अन्य ब्रिकी देशों के मुकाबले पीछे ही रहेगा.





                                  हालांकि यह एक सधा हुआ अनुमान ही है. लेकिन इंटरनेट सेवा की कीमतें घटने और नेटवर्क बढ़ने से कुछ और भी हैरान करने वाली बातें सामने आ सकती हैं. अभी बहुत कम लोगों के पास ही कंप्यूटर हैं. लेकिन इंटरनेट सुविधा वाली मोबाइल फोनों की संख्या बढ़ रही है. भारतीय बाजार में वृद्धि की बड़ी संभावना ग्रामीण क्षेत्रों में छिपी है.




 dw news         00241