ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

28 अप्रैल 2014

मिशन 2014 (3)

मिशन 2014 : रायपुर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी श्री रमेश बैस ने दलबल के साथ दिनांक  4.4.2014 को नामांकन दाखिल किया.

सांध्य दैनिक छत्तीगढ़ रायपुर, दिनांक 4.4.2014

रायपुर में नामांकन रैली, दिनांक 4.4.2014
रायपुर में नामांकन रैली, दिनांक 4.4.2014

                                                                    
रायपुर में नामांकन रैली, दिनांक 4.4.2014
                                                                        
दैनिक भास्कर रायपुर, 5 अप्रेल 14
                                                                            
रायपुर में नामांकन रैली, दिनांक 4.4.2014









मिशन 2014 (2)

कार्यकर्ता सम्मेलनों के नज़ारे . . .
अभनपुर विधानसभा चुनाव क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक दिनांक 2 अप्रेल 2014
आरंग में कार्यकर्ता सम्मलेन, दिनांक 3.4.2014
p
आरंग / बताइए मैंने ऐसा क्या कहा कि हाथ उठा कर सभी ताली बजाने लगे ?



धरसींवा में कार्यकर्ता सम्मलेन, दिनांक 3.4.2014

मिशन 2014 (1)

         रायपुर लोकसभा के चुनाव 24 अप्रेल 14 को संपन्न हुए. मतदान शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष हुआ. चुनाव की तैयारी में सारे कार्यकर्ता भीषण गर्मी में जीजान से जुटे थे. चुनाव अभियान की शुरुवात 26 मार्च 2014 को धार्मिक नगरी चंपारण से हुई. लगभग एक माह तक चले इस चुनाव अभियान की तस्वीरें प्रस्तुत है - 

चंपारण में वृहत बैठक दिनांक 26.03.2014

                                                                      

15 अप्रैल 2014

14 अप्रैल 2014

बैसाखी पर्व का धार्मिक महत्त्व

बैसाखी नए साल के आगमन से जुड़ा है और तो इसका धार्मिक महत्व भी है। दसवें सिख गुरु गुरु गोबिन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना इसी दिन की थी। बैसाखी दरअसल एक लोक पर्व है। फसल तैयार होने के उल्लास में यह पर्व और भी खास बन जाता है। सर्दियों के खत्म होने और गर्मी की शुरुआत के साथ ही लोगों का मन उल्लास से भर जाता है। ऐसे में इसे बदलते मौसम के जश्न के तौर पर भी देखा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, गुरु गोबिन्द सिंह ने वैशाख माह की षष्ठी तिथि को खालसा पंथ की स्थापना की थी। सूर्य मेष राशि में अक्सर 13 या 14 अप्रैल को प्रवेश करता है, बैसाखी इन्हीं दोनों दिनों में से किसी एक दिन मनाई जाती है। सिखों के पहले गुरु बाबा नानक देव ने वैशाख माह को आध्यात्मिक साधना की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण बताया है।

बैसाखी का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी खास स्थान है। रॉलेट एक्ट का विरोध करने के लिए बैसाखी के दिन 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में हजारों लोग इकट्ठा हुए थे। जनरल डायर ने निहत्थी भीड़ पर गोलियां बरसाई थीं, जिसमें हजारों लोग शहीद हुए थे। (नभाटा) 

बैसाखी पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ !
                                              - अशोक बजाज