ये कौन चित्रकार है ?
आज अनायास ही आज एक चित्रकार से भेंट हो गई, मै बैठा ही था कि उस कलाकार ने पेन - कागज उठाया और देखते ही देखते उसने मेरा रेखाचित्र तैयार कर दिया. आप नीचे चित्र देख रहें होंगें .इस चित्र को बनाने में उसने मुश्किल से 10 मिनट लगाए. क्या कलाकारी है ? वाह भाई मान गए. मै तो चित्र देख कर अवाक् रह गया. अवाक् इसलिए भी रह गया क्योकि उसने इस चित्र को बनाने में मात्र १० मिनट का समय लिया. अब तो आप भी जानना चाहेंगे कि वह कलाकार कौन हैं ? मै भी उससे पहली बार मिला हूँ .
उस कलाकार का नाम है श्री श्रवण शर्मा है जो अम्बीकापुर से रायपुर आया ह . उम्र वही लगभग 50 वर्ष, चेहरे में उसके आत्मविश्वास की लकीरे झलक रही थी. अभावो एवं मजबूरियों में भी ख़ुशी एवं संतोष के भाव को प्रगट करने की कला सच्चे कलाकार में ही होती है. श्रवण शर्मा के चेहरे में मै ख़ुशी एवं संतोष के भाव को आसानी से पढ़ रहा था. उसने बताया कि वह बचपन से यह काम कर रहा है. उसके एलबम में अनेक चित्र थे जो देखते ही बनते थे. उसने गाँव ,गलियों ,चौपालों एवं पशु -पाक्षियो के चित्र दिखाए .ग्राम्य जीवन को दर्शाने वाले लुभावने चित्रों का उसके पास बहुत बड़ा संग्रह है.उसने अनेक राजनेताओं के चित्र भी बनायें है. इस दुनिया में ना हुनरबाजों की कोई कमी है और ना ही हुनर बाजों के चाहने वालों की. इस कलाकार की कलाकृति को देखकर मुझे बरबस ही गीतकार भरत व्यास द्वारा लिखित तथा मुकेश का गाया फिल्म 'बूँद जो बन गयी मोती' का यह गीत जिसमे प्रकृति की विशेषताओं का चित्रण किया गया है, याद आ गया . . .
ये कौन चित्रकार है ? ये कौन चित्रकार है ?
सपनों की सच्चाई को जिसने दिया आकार है.
ये कौन चित्रकार है ?
भाजपा संगठन महामंत्री श्री रामप्रताप जी के साथ चित्रकार श्री श्रवण शर्मा.