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18 जुलाई, 2011

मुख्यमंत्री को किसानों ने धान से तौलकर सम्मानित किया


मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को आज रायपुर जिले में स्थित राज्य के प्रसिध्द तीर्थ चम्पारण्य प्रवास के दौरान किसानों ने धान से तौल कर सम्मानित किया। ग्रामीण सेवा सहकारी समिति चम्पारण्य के किसानों ने मुख्यमंत्री को वर्ष 2010-11 में छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक चावल उत्पादन के लिए केन्द्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से प्राप्त राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। चम्पारण्य के किसान सर्वश्री बलिराम निषाद, चैतूराम यादव, विष्णु साहू, वीरेन्द्र साहू और शोभिन्द साहू सहित अनेक किसानों ने मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में यह राष्ट्रीय पुरस्कार छत्तीसगढ़ के हमारे लाखों मेहनतकश किसानों के कठोर परिश्रम को प्राप्त सम्मान है। यह पुरस्कार राज्य के सभी किसानों को समर्पित है। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री चन्द्रशेखर साहू, राज्य भण्डार गृह निगम अध्यक्ष श्री अशोक बजाज तथा सर्वश्री जगत प्रकाश नड्डा, रामप्रताप सिंह और रामसेवक पैकरा समेत अनेक वरिष्ठ नेता और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री को नई दिल्ली में केन्द्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा इस महीने की सोलह तारीख को आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के हाथों छत्तीसगढ़ के यह राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया था।

15 जुलाई, 2011

बलिहारी गुरु आपकी





ज गुरु पूर्णिमा है , इस अवसर पर सभी गुरुओं को प्रणाम करता हूं जिनके द्वारा प्रदत्त ज्ञान रुपी प्रकाश से जीवन आलोकित हुआ . गुरु के ज्ञान से ही जीवन की इस लंबी और काँटों भरी डगर में चलना  आसान हुआ है. 

ॐ  गुरुवे   नम:


बंदऊँ गुरु पद पदुम परागा। सुरुचि  सुबास  सरस  अनुरागा॥
अमिअ मूरिमय चूरन चारू। समन सकल भव रुज परिवारू॥

 अर्थ --- मैं गुरु के चरण कमलों की रज की वन्दना करता हूँ जो सुरुचि, सुंदर, स्वाद, सुगंध तथा अनुराग रूपी रस से पूर्ण है। वह अमर मूल संजीवनी जड़ी का सुंदर चूर्ण है जो सम्पूर्ण भव रोगों के परिवार को नाश करने वाला है. 
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बलिहारी  गुरु  आपकी  घरी घरी सौ बार॥
मानुष तैं देवता किया करत न लागी बार॥


अर्थ --- मैं अपने गुरु पर प्रत्येक क्षण सैकड़ों बार समर्पित हूँ जिन्होने  मुझे बिना विलम्ब के मनुष्य से देवता कर दिया.
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गोस्वामी तुलसीदास नें भी श्री रामचरित मानस की रचना करने के पूर्व अपने गुरु की वंदना करते हुये यह सोरठा लिखा है : --------


बंदउँ  गुरु  पद  कंज  कृपा  सिंधु  नररूप हरि।
महामोह तम पुंज जासु बचन रबि कर निकर॥


अर्थ --- तुलसी दास जी नें कहा है कि मैं उन गुरु महाराज के चरणकमल की वंदना करता हूँ जो कृपा के समुद्र और नर रूप में श्री हरि ही हैं और जिनके वचन महामोह रूपी घने अन्धकार का नाश करने के लिए सूर्य किरणों के समूह हैं.
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पंडित पाढ़ि गुनि पचि मुये गुरु बिना मिलै न ज्ञान ।
ज्ञान  बिना  नहिं  मुक्ति  है  सत्त  शब्द  परनाम॥


अर्थ --- गुरु का स्थान गोविन्द से भी बढ़कर होता है. सद्गुरु के बिना तो परमार्थ की प्राप्ति हो ही नही सकती. माता पिता  तो जन्म देते हैं किन्तु वो गुरु ही है जो हम आपको को मनुष्य बनाते हैं. गुरु के बिना ज्ञान नही मिलता और ज्ञान के बिना मनुष्य पशु से बढ़कर नही. 

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गुरु  गोविन्द  दोउ  खडे ,  काके  लागूं  पाय।
बलिहारी गुरु आपनो गोविन्द दियो मिलाय॥
अर्थ ---  जब हम संशय की स्थिति में होते है तब गुरु ही हमें मार्ग बताते  है .

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श्री गुर पद नख मनि गन जोती। सुमिरत दिब्य दृष्टि हियँ होती॥
दलन   मोह   तम  सो  सप्रकासू। बड़े   भाग  उर   आवइ   जासू॥
 अर्थ ---  श्री गुरु महाराज के चरण नखों  की ज्योति मणियो के प्रकाश के समान है जिसके स्मरण करते ही हृदय में दिव्य दृष्टि उत्पन्न हो जाती है.वह प्रकाश अज्ञान रूपी अन्धकार का नाश करने वाला है वह जिसके हृदय में आ जाता है उसके बड़े भाग्य हैं. 
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हरिहर आदिक जगत में पूज्य देव जो कोय ।
सदगुरु  की  पूजा  किये  सबकी  पूजा  होय ॥


अर्थ ---  कितने ही कर्म करो, कितनी ही उपासनाएँ करो, कितने ही व्रत और अनुष्ठान करो, कितना ही धन इकट्ठा कर लो और् कितना ही दुनिया का राज पा लो लेकिन जब तक सदगुरु के दिल का राज तुम्हारे दिल तक नहीं पहुँचता तब तक सदगुरुओं के दिल के खजाने तुम्हारे दिल तक नही उँडेले जायेंगे . इसी प्रकार जब तक तुम्हारा दिल सदगुरुओं के दिल को झेलने के काबिल नहीं बनता तब तक सब कर्म उपासनाएँ पूजाएँ अधुरी रह जाती हैं.यह  अच्छी तरह समझ लो कि  देवी  देवताओं   की पूजा के बाद भी कोई पूजा शेष रह जाती है, किंतु सदगुरु की पूजा के बाद कोई पूजा नहीं बचती.

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सत गहेए सतगुरु को चीन्हे सतनाम विश्वासा॥

कहै कबीर साधन हितकारी हम साधन के दासा॥
 अर्थ ---  प्रत्येक मानव को गुरु भक्ति और साधन का अभ्यास करना चाहिए। इस सत्य की प्राप्ति से सब अवरोध समाप्त हो जाते हैं.

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सदगुरू की महिमा अनंत, अनंत कियो उपकार ॥
अनंत   लोचन   उघडिया   अनंत  दिखावन हार॥
अर्थ --- वास्तव में गुरु की महिमा अनंत है गुरु नें मुझ पर अनेको उपकार किए है उन्होने मेरी बंद आंखो को खोलकर मुझे सत्मार्ग में चलने की प्रेरणा दी.
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  हे गुरुदेव ! आपके श्रीचरणों में अनंत कोटि प्रणाम करते हुए परमात्मा से प्रार्थना करता हूँ  कि आप जिस पद में विश्रांति पा रहे हैं , हम भी उसी पद में विशांति पाने के काबिल हो जायें अब आत्मा-परमात्मा से जुदाई की घड़ियाँ ज्यादा न रहें. ईश्वर करे कि ईश्वर से हमारी प्रीति बढ जायें तथा प्रभु करे कि गुरु-शिष्य का सम्बंध और प्रगाढ हो जायें.

गुरु  ब्रम्हा ,  गुरु  विष्णु  ,  गुरु   देवो   महेश्वर:
गुरु साक्षात् पर ब्रम्हा तस्मे श्री गुरुवे नमो नमः



07 जुलाई, 2011

स्वतंत्रता सेनानियों के गांव भुरका को मिला गौरव ग्राम का दर्जा

ग्रामीणों ने राजधानी आकर मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद




मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से आज सवेरे यहां उनके निवास पर जनदर्शन कार्यक्रम में राज्य भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज के नेतृत्व में रायपुर जिले के अभनपुर विकासखंड स्थित गौरव ग्राम भुरका से आए प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने ग्राम भुरका को गौरव ग्राम का दर्जा दिए जाने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। ग्रामीणों ने कुछ माह पूर्व जनदर्शन में भुरका को गौरव ग्राम का दर्जा दिलाने का आग्रह मुख्यमंत्री से किया था। तीन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सर्वश्री कन्हैया प्रसाद शुक्ला, रामाधार शुक्ला और श्री गंगा प्रसाद शुक्ला ग्राम भुरका के निवासी थे। प्रतिनिधि मंडल ने ग्राम पंचायत भुरका की सरपंच श्रीमती गीता साहू, उप सरपंच डॉ. विनित शुक्ला सहित श्रीमती रजनी साहू, श्रीमती सोहदरा साहू, श्रीमती दायावती पटेल, श्रीमती रूखमणि यादव, श्रीमती गोदावरी साहू, श्री हरिशंकर शर्मा और श्री सीताराम यादव भी शामिल थे।



कुरूद में गोदाम का शिलान्यास

राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष अशोक बजाज ने धमतरी जिले के कुरूद ब्लाक के ग्राम भांठागाँव में लगभग 1.30 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित गोदाम का शिलान्यास  किया . इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बढ़ते उत्पादन के मद्दे नजर खाद्यान भण्डारण की क्षमता को तीन गुना किया जायेगा . कार्यक्रम में अन्य लोगों के अलावा प्रवीण चंद्राकर, निरंजन सिन्हा, दयाराम साहू, खूबलाल कुर्रे,शिवकुमार ठाकुर आदि उपस्थित थे .