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18 फ़रवरी, 2011

' राजिम कुंभ '

आज माघ पूर्णिमा है ,आज के दिन प्रति वर्ष छत्तीसगढ़ के प्रयाग राज के नाम से प्रसिध्द तीर्थ राजिम में चित्रोत्पला गंगा महानदी के किनारे माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि यानी 15 दिनों तक भव्य मेला भरता है.राजधानी रायपुर से लगभग 45 कि.मी. दूर राजिम में महानदी,पैरी एवं सोढुल इन् तीन नदियों का संगम है .त्रिवेणी संगम पर भगवान कुलेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर है.  नदी के दाई ओर राजिम तथा बाई ओर नवापारानगर है ,जो आसपास का एक बडा व्यवसायिक केन्द्र है .राजिम में भगवान राजीव लोचन का भव्य एवं प्राचीन मन्दिर है जहाँ बारहों महिने श्रद्धालु दर्शन करने आते है इस मन्दिर परिसर में ही भक्तिन राजीम तेलिन का मन्दिर है .कहाँ जाता है कि भक्तिन राजीम तेलिन के नाम से ही इस नगरी का नाम राजिम पडा .

परम्परागत वार्षिक पुन्नी मेला पिछले पाँच वर्षों से ' राजिम कुंभ ' के रूप में आयोजित किया जाने लगा है . यह छठवां वर्ष है इसलिए इस वर्ष इस मेले को अर्द्ध-कुंभ का नाम दिया गया है .छतीसगढ़ शासन द्वारा मेले की व्यापक तैयारियां की गई है .आप सबने इस मेले में आने की तैयारी कर ली होगी यदि नही की है तो तत्काल तैयारी कर लें .
 
आपको माघ पूर्णिमा एवं राजिम अर्द्ध-कुंभ की बहुत बहुत बधाई  !!!

17 फ़रवरी, 2011

हिंदी में ट्विटर



इतिहास सृजन के नाम पर ‘ट्विटर’ की साइबर निगरानी ईरान के लोगों से संपर्क करने के लिए अरबी और फारसी ट्विटर अकाउंट बनाने के बाद अब अमेरिकी विदेश विभाग ने चीनी, रूसी और हिंदी भाषा में भी ट्विटर अकाउंट शुरू किया है. दुनिया के लोगों से उनकी भाषा में बात करने का है इरादा.

इंटरनेट की आजादी पर जॉर्ज वॉशिंगटन  यूनिवर्सिटी में भाषण देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री हिलैरी क्लिंटन ने कहा,  "अमेरिका दुनिया भर के लोगों के साथ बातचीत जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है,  पिछले हफ्ते हमने ट्विटर पर अरबी और फारसी में संदेश भेजना शुरू किया, फ्रेंच और स्पेनिश में हम पहले से ही ऐसा कर रहे हैं. अब हिंदी, रूसी और चीनी भाषा में भी ये संदेश भेजने की व्यवस्था शुरू की जा रही है."'

क्लिंटन का कहना है कि इस सेवा के जरिए अमेरिका अब लोगों से हर वक्त दोतरफा और सीधी बातचीत कर सकेगा अगर किसी देश की सरकार ने इंटरनेट की आजादी पर पाबंदी नहीं लगाई है तो.  अमेरिकी विदेश मंत्री ने इशारों इशारों में बता दिया कि चीन, क्यूबा, ईरान, म्यांमार, सीरिया और वियतनाम जैसे देशों में इंटरनेट पर सेंसरशिप है. हिलेरी ने कहा, "चीन में सरकार कंटेंट पर सेंसर लगाती है और इंटरनेट सर्च में मांगी गई पेज की जगह एरर आ जाता है. इसी तरह म्यांमार में स्वतंत्र न्यूज वेबसाइट की सेवा में बाधा खड़ी की जा रही है. क्यूबा की सरकार एक राष्ट्रीय इंटरनेट तैयार कर रही है और लोगों को ग्लोबल इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं करने दिया जा रहा." हिलेरी ने बताया कि वियतनाम में सरकार के खिलाफ लिखने वाले ब्लॉगरों को गिरफ्तार किया जा रहा है और उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है.

अमेरिकी विदेश मंत्री के मुताबिक,  "ईरान में सरकार विपक्षी पार्टियों औऱ मीडिया वेबसाइटों के अलावा स्थानीय सामाजिक मीडिया पर भी रोक लगा रही है. अपने ही लोगों को नीचा दिखाने के लिए पहचान से जुड़ी सूचनाओं की चोरी की जा रही है."

हिलेरी ने बताया कि सीरिया ने पिछले हफ्ते फेसबुक और यूट्यूब से प्रतिबंध हटा दिया लेकिन एक किशोरी पर जासूसी का आरोप लगा कर उसे पांच साल के लिए जेल भेज दिया गया. इस लड़की की गलती बस इतनी थी कि उसने अपने ब्लॉग पर राजनीतिक कविता लिखी थी. हिलेरी ने कहा, "अभिव्यक्ति का मंच हासिल करने की मांग तब तक पूरी नहीं होगी जब तक उन्हें इस्तेमाल करने वालों को जेल में डाला जाता रहेगा."



15 फ़रवरी, 2011

जापानी महिलाओं का क्रांतिकारी कदम ?


सामान्यत: शादी के बाद महिलाओं का उपनाम (सरनेम ) बदल जाता है ,भारत में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है । जापान में भी यही परम्परा है ,ताजा जानकारी के अनुसार जापानी नागरिकों के एक समूह ने देश के उस कानून को अदालत में चुनौती दी है, जिसमें महिलाओं को शादी के बाद अपना उपनाम बदलना होता है।करीब 113 साल पुराने इस कानून के तहत शादीशुदा जोड़ों को शादी के बाद कोई एक उपनाम चुनना होता है,परंपरानुसार सामान्यत: पुरुष का ही होता है। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि कानून देश में महिलाओं के संवैधानिक समानता के अधिकारों का हनन करता है।

चार महिलाओं तथा उनमें से एक के जोड़ीदार सहित पाँच लोगों ने सरकार से अपनी परेशानियों के लिए साठ लाख येन (70 हजार अमेरिकी डॉलर) की माँग की है और स्थानीय सरकारी कार्यालयों से उनके अलग-अलग उपनाम के सर्टिफिकेट देने को कहा है। उनका तथा उनके समर्थकों का कहना है कि यह मुकदमा उपनाम संबंधी कानून को चुनौती देने वाला पहला मामला है। साथ ही यह प्रधानमंत्री नाओतो कान के लिए भी चुनौती है,क्यों कि उन्होंने शादीशुदा जोड़ों को अलग-अलग उपनाम रखने की इजाजत देने के लिए कानून में बदलाव का वादा किया था।

10 फ़रवरी, 2011

बालोद विधान सभा उप-चुनाव


इन दिनों गुरुर वि.ख. के ग्राम पलारी में चुनाव के सिलसिले में रुकें है, यह गाँव दुर्ग जिले के बालोद विधान सभा के अंतर्गत आता है. पिछले तीन फरवरी से हम ग्राम पलारी, देवकोट, भिरई, सनौद, सांगली, हसदा, बोहारा, अरकार, डोटोंपार, ओझागहन, अरमरी कलां, पडकीभाट, पिकरीपार, कोसागोंदी, खेरथा एवं तिलखैरी में भ्रमण कर रहें है. कृषि की दृष्टि से बहुत ही पुष्ट इलाका है. खेतों में चने एवं सरसों की फसल लहलहा रही है, रवी फसल की तैयारी भी जोरों पर है. किसान धान की रोपाई में व्यस्त है. दूसरी तरफ राजनैतिक दल के कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में मशगूल है. यहाँ 14 फरवरी को उप-चुनाव के लिए मतदान होना है.