दिवाली अभी दस दिन बाकी है लेकिन ब्रिटेन के भारतीयों ने दिवाली मना भी लिया .भारत देश के छत्तीसगढ़ प्रान्त में राज्योत्सव की धूम मची थी वहीं ब्रिटेन के एक गांव में करीब 40 हजार लोग बॉलीवुड संगीत, समोसे और भारतीय संस्कृति का आनंद उठाने इकट्ठा हुए. दिवाली के पहले किए गए इस समारोह में बाकायदा आतिशबाजी भी की गई. जबकि 38 साल पहले भारतीयों को यहां पसंद नहीं किया जाता था .
1972 में जब पहली बार भारतीय युगांडा से यहां पहुंचे तो उनका यहां किसी तरह का स्वागत नहीं हुआ, बल्कि वह एक तरह से यहां अवांछित थे. लेकिन 38 साल बाद यहां का माहौल दिवाली के रंगों में सजा था और भारत के गरमा गरम समोसों और खाने की खुशबू से महक रहा था. कुल 40 हजार लोग भारतीय संस्कृति का आनंद उठाने इकट्ठा हुए.भारत के बाहर दिवाली का इतना बड़ा समारोह अमेरिका में ही शायद ही होता होगा .
लाइसेस्टर दिवाली के रंगों में रंगा था. बेलग्रेव रोड पर साढ़े छह हजार रंग बिरंगे आकाश दीये चमक रहे थे. 1972 में इन आप्रवासियों को इलाके के लिए खतरा माना जा रहा था और आज यहाँ की परिषद के मुखिया विजय पटेल हैं. उन्होंने कहा, "हम लाइसेस्टर की दिवाली समारोह पर बहुत गर्व महसूस करते हैं. पिछले 27 साल से यह सिलसिला चला आ रहा है और हर साल यह बड़ा होता जा रहा है. हजारों लोग इस समारोह का आनंद उठाने आते हैं . समारोह की वजह से रास्ते जम हो जाते है .जानकारों का कहना है कि 2011में लाइसेस्टर ब्रिटेन का पहला शहर होगा जहां ज्यादातर विदेशी मूल के लोग होंगे. DW 00296