ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

06 सितंबर, 2010

अशोक बजाज को प्रज्ञा सम्मान

पर्यावरण एवं नशामुक्ति के क्षेत्र में
अशोक बजाज एवं पत्रकार राजकुमार सोनी को प्रज्ञा सम्मान
     ( समाचार )  
रायपुर। गायत्री परिवार छतीसगढ़ द्वारा पर्यावरण एवं नशामुक्ति के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अशोक बजाज एवं पत्रकार श्री राजकुमार सोनी को प्रज्ञा सम्मान से नवाजा गया। गायत्री शक्ति पीठ समता कालोनी रायपुर में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ राज्य बीज कृषि विकास निगम के अध्यक्ष श्री श्याम बैस ने की। श्री बैस ने कहा कि बढ़ती नशाखोरी की प्रवृत्ति को रोकने के लिए जिला पंचायत रायपुर के अध्यक्ष के रूप में श्री बजाज ने सराहनीय प्रयास किया है, उनका “नशा है खराब, झन पीहू शराब " वाला नारा काफी प्रसिद्ध हुआ है। इसी प्रकार पत्रकार राजकुमार सोनी ने नशामुक्ति सम्बंधी लेख के माध्यम से समाज को जागृत किया। इस अवसर पर श्री बजाज ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण व नशामुक्ति को सामाजिक आंदोलन का रूप देकर समाज को सर्वनाश से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हम सबका लक्ष्य शांति व सद्भाव का वातावरण तैयार करना है। पत्रकार श्री राजकुमार सोनी ने कहा कि गायत्री मंत्र में असीमित शक्ति है,जो हमें अच्छे जीवन जीने की प्रेरणा देती है।इस अवसर पर गायत्रीपीठ द्वारा भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा के चयनित विद्यार्थियों तथा सेवानिवृत शिक्षकों का भी सम्मान किया गया। संचालन कार्यक्रम प्रभारी श्री सदाशिव हथमल ने किया।
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( शहर में कुछ ऐसे लोग भी है जो जिला पंचायत अध्यक्ष अशोक बजाज द्वारा दिए गए स्लोगन ‘नशा है खराब झन पीहूं शराब’ का समर्थन करते हुए शराब छोड़ चुके हैं, लेकिन ऐसे लोगों को कीमा-कलेजी के साथ चुस्की लेने वाले आदरणीय महानुभाव हिकारत से लताड़ते रहते हैं। ऐसे आदरणीय महानुभावों के पास फिल्म ‘शराबी’का एक डायलॉग हमेशा मौजूद रहता है- ‘नशा शराब में होता तो नाचती बोतल’। )
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जल संवर्धन एवं संरक्षण की दिशा में पिछले पांच वर्पो में रायपुर जिले में अनेक उल्लेखनीय एवं सराहनीय कार्य हुए हैं। जिला पंचायत के अध्यक्ष अशोक बजाज ने 2005 से 2010 तक रायपुर जिले में सभा, सम्मेलन एवं गोप्ठियों के अलावा चौपाल लगाकर वर्षा के जल रोकने तथा उसके सदुपयोग के लिए जनजागरण किया । उन्होंने अनेक स्थानों पर वृहत किसान सम्मेलन आयोजित कर जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए प्रभावी सलाह दी । श्री बजाज ने जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए दस सूत्रीय एजेन्डा तैयार किया तथा ग्राम सभाओं में 10 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा कराई । )00226 

लम्बी डगर है, लम्बा सफ़र है

     खूबसूरत बनायेगें , दुनिया की झांकी 


                                                       


आज मेरे जन्म दिन पर  बहुत सारे बधाई संदेश प्राप्त हुए .बधाई संदेश भेजने वाले अधिकांश लोग मेरे ब्लाग जगत मे आने से पहले मेरे लिए अंजान थे .अभी अभी संपर्क हुआ है.कुछ छतीसगढ़ के मित्र है तो कुछ अन्य प्रांत के है ,कुछ विदेश के मित्रों ने भी प्यार उड़ेला है .भाई ललित शर्मा एवं भाई पी .एस .पाबला ने आज की पोस्ट में उल्लेख कर मुझे अनुग्रहित किया है .
मै आप सभी मित्रों का आभारी हूँ जिन्होने मुझे जीवन के इस महत्वपूर्ण अवसर पर याद किया तथा मुझे ढेरों बधाइयाँ दी .मै आप सबकी शुभकामनाओं एवम् सदभावनाओं को जिंदगी भर संजों कर रखूँगा.आप सबकी प्रेरणा से मेरे जीवन में नये उत्साह का संचार हुआ है .आप सबने मुझे जीवन के सफ़र में मंजिल पा जाने की प्रेरणा दी है .झमा करियेगा मै अपनी भावनाओं को शब्द नहीं दे पा रहा हूँ .

धरती को गगन से मिलाना है बाकी,                                                           
 खूबसूरत बनायेगें ,दुनिया की झांकी ;
 संग है जमाना ,तो क्या फिकर है ,
 लम्बी डगर है , लम्बा सफ़र है.

गगन से भी ऊँचीं , मन की उड़ानें ,
 नहीं काम मुश्किल ,गर कोई ठाने ;
 राहों के  खतरों की, सबको  खबर है ,
 लम्बी डगर है , लम्बा सफ़र है .  



  
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05 सितंबर, 2010

आदर्श शिष्य की तरह आदर्श गुरु बनें

शिक्षक दिवस की बधाई

आज शिक्षक दिवस है।भारत में डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में हर साल पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है ।वे उच्च पदों पर आने से पहले एक कुशल शिक्षक थे।विश्व भर में शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है लेकिन तिथि सब जगह अलग अलग निर्धारित है।


यूनेस्को ने पांच अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया था।शिक्षकों के प्रति सहयोग को बढ़ावा देने और भविष्य की पीढि़यों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के महत्व के प्रति जागरूकता लाने के मकसद से इसकी शुरूआत १९९४ में की गई थी।कुछ देशों में इस दिन अवकाश रहता है तो कहीं-कहीं यह अन्य दिनों की तरह ही एक कामकाजी दिन ही रहता है।
                              

एजेंशियों ने खबर दी है कि चीन में 1931 में नेशनल सेंट्रल यूनिवर्सिटी में शिक्षक दिवस की शुरूआत की गई थी। चीन सरकार ने 1932 में इसे स्वीकृति दी। बाद में 1939 में कन्फ्यूशियस के जन्मदिवस, 27 अगस्त को शिक्षक दिवस घोषित किया गया लेकिन बाद में 1951 में इस घोषणा को वापस ले लिया गया। वर्ष 1985 में 10 सितम्बर को शिक्षक दिवस घोषित किया गया। अब चीन के ज्यादातर लोग फिर से चाहते हैं कि कन्फ्यूशियस का जन्मदिवस ही शिक्षक दिवस हो।

रूस में 1965 से 1994 तक अक्टूबर महीने के पहले रविवार के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता रहा। वर्ष 1994 से विश्व शिक्षक दिवस पांच अक्टूबर को ही मनाया जाने लगा। अमेरिका में मई के पहले पूर्ण सप्ताह के मंगलवार को शिक्षक दिवस घोषित किया गया है और वहां सप्ताहभर इसके आयोजन होते हैं। थाइलैंड में हर साल 16 जनवरी को राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यहां 21 नवंबर, 1956 को एक प्रस्ताव लाकर शिक्षक दिवस को स्वीकृति दी गई थी। पहला शिक्षक दिवस 1957 में मनाया गया था। इस दिन यहां स्कूलों में अवकाश रहता है। ईरान में वहां के प्रोफेसर अयातुल्लाह मोर्तेजा मोतेहारी की हत्या के बाद उनकी याद में दो मई को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। मोतेहारी की दो मई, 1980 को हत्या कर दी गई थी। तुर्की में 24 नवंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। वहां के पहले राष्ट्रपति कमाल अतातुर्क ने यह घोषणा की थी। मलेशिया में इसे 16 मई को मनाया जाता है, वहां इस खास दिन को "हरि गुरू" कहते हैं।
इस प्रकार हम देखतें है कि अलग-अलग देशों में गुरूओं के सम्मान के लिए अलग-अलग दिन निर्धारित हैं।आज के शुभ अवसर पर सभी गुरुओं को नमन करते हुए आशा करता हूँ कि वे गुरु परंपरा का निर्वहन करते रहेंगें तथा आदर्श शिष्य की तरह आदर्श गुरु के रूप में स्थापित होंगें।
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04 सितंबर, 2010

ब्लागरों के लिए खुशखबरी

ब्लाग जगत की खबरें बनेंगीं अखबारों की सुर्खियाँ

  ब्लाग के दीवानों के लिए यह खुशखबरी से कम नहीं कि आने वाले दिनों में ब्लाक जगत की गतिविधियों की खबरों को अखबारों में स्थान मिलने लगेगा .रायपुर की एक प्रमुख सांध्य दैनिक के सह संपादक ने ब्लाग संबधी चर्चा के दौरान ब्लाक जगत की गतिविधियों के सम्बन्ध में शीध्र ही प्रतिदिन एक पेज के समाचार लगाने की सहमति दी है . है ना यह खुशखबरी . अभी तक कुछ नामीगिरामी हस्तियों द्वारा लिखें गए पोस्ट को ही अखबार वाले छापते रहें है ,लेकिन अब सामान्य ब्लागरो तरफ भी उनका ध्यान जा रहा है .
वास्तव में आने वाला समय ब्लाग का है. अखबार के पाठकों में जब ब्लाग के खबरों के प्रति दिलचस्पी बढ़ेगी तब अन्य अखबारवाले भी उसका अनुसरण करेंगें .हमें इस बात पर गौर करना है कि ब्लाग की खबरें जब अखबार की सुर्खियाँ बनेगी तब समाज में ब्लाग के बारे में अच्छी धारणा बने , लोग इसे बड़े चाव से पढ़े . हमें ब्लाग में प्रकाशित सामग्री (पोस्ट) की गुणवत्ता के बारे में परस्पर विचार विमर्श करना चाहिए.वरिष्ठ ब्लागरों का मार्गदर्शन आगे बढ़ने में मददगार होगा . फ़िलहाल मै अखबार का नाम प्रकट नहीं कर रहा हूँ . उसके लिए नए पोस्ट का इंतजार करें .वैसे छतीसगढ़ विशेष कर रायपुर के ब्लागरो को थोडा 
 माथापच्ची करने दीजिये . 00234