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12 अगस्त, 2018

‘मन की बात और रमन के गोठ' से राज्य में बढ़ी रेडियो की लोकप्रियता

मुख्यमंत्री की रेडियो वार्ता के नियमित प्रसारण के तीन वर्ष पूर्ण होने पर रेडियो श्रोता संघ ने दी बधाई 
   

मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मासिक रेडियो वार्ता ‘रमन के गोठ’ के तीन साल पूर्ण होने पर छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ के संरक्षक श्री अशोक बजाज सहित सभी सदस्यों ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बधाई दी है। श्री बजाज और छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ के सदस्य हर महीने के दूसरे रविवार को ‘रमन के गोठ’ का प्रसारण नियमित रूप से सुनते आ रहे हैं। विगत कड़ियों की तरह आज माह अगस्त के दूसरे रविवार को भी उन्होंने ‘चौपाल’ में आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से प्रसारित मुख्यमंत्री की इस रेडियो वार्ता की 36वीं कड़ी को मिलकर सुना। श्री अशोक बजाज ने कहा पिछले तीन वर्ष से मुख्यमंत्री द्वारा रेडियो वार्ता के जरिये आम जनता तक शासन की विभिन्न योजनाओं का संदेश पहुंचाया जा रहा है, जिसका लाभ लोगों को मिल रहा है। श्री बजाज ने कहा - सूचना, शिक्षा और मनोरंजन की दृष्टि से रेडियो एक सस्ता लेकिन बहुत सशक्त माध्यम है। वैसे तो प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री हर साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को रेडियो पर जनता के नाम अपना संदेश देते हैं, लेकिन आम नागरिकों को, किसानों और मजदूरों को नियमित रूप से शासन की रीति-नीति और योजनाओं के बारे में बताने के लिए सबसे पहले प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आकाशवाणी के जरिये ‘मन की बात’ कार्यक्रम की शुरूआत की। उनसे प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने 13 सितम्बर 2015 से आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र के जरिये जनता तक शासन की योजनाओं का संदेश पहुंचाने का सिलसिला शुरू किया है। श्री नरेन्द्र मोदी और डॉ. रमन सिंह के इन रेडियो कार्यक्रमों से निश्चित रूप रेडियो की लोकप्रियता में काफी वृद्धि हुई है। श्री अशोक बजाज ने आज प्रसारित रमन के गोठ की कड़ी को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि रेडियो वार्ता में मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए सिंचाई पंपों को फ्लेट रेट पर बिजली देने सहित जन स्वास्थ्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने राज्य सरकार की स्काई योजनाओं के तहत महिलाओं और विद्यार्थियों को निःशुल्क स्मार्ट मोबाइल फोन के वितरण तथा शासन द्वारा कर्मचारियों के हित में लिए गए फैसलों के बारे में भी बताया। रेडियो श्रोता संघ के सभी सदस्यों ने मुख्यमंत्री द्वारा दी गई जानकारी को सभी के लिए बहुत उपयोगी बताया। इस अवसर पर रेडियो श्रोता संघ के सदस्य सर्वश्री कुबेरराम सपहा, परसराम साहू, मोहनलाल देवांगन, रतन लाल जैन, विनोद वंडलकर, घनश्याम राऊत, रोहित सिंह, कमल लखानी और श्री श्याम वर्मा भी मौजूद थे। DPR Raipur

02 अगस्त, 2018

छत्तीसगढ़ में संचार क्रांति के सूत्रधार डा. रमन सिंह

               घर घर पहुंचा ज्ञान, विज्ञान व मनोरंजन का खजाना 

      छत्तीसगढ़ अब विकास की लम्बी छलांग लगाते हुए तेजी से विकसित राज्य की श्रेणी की तरफ बढ़ रहा है । जिस राज्य का हर गांव बारहमासी सड़कों से जुड़ गया हो, जहां गांव-गांव में शिक्षा के संसाधन हो, जिस राज्य की शत-प्रतिशत आबादी तक बिजली पहुंच गई हो तथा हर गांव बिजली से नहा रहा हो वह राज्य अब पिछड़ा रह भी कैसे सकता है । अगर कुछ कसर बाकी था तो उसे संचार क्रांति योजना से पूरा किया जा रहा है । इस योजना के माध्यम से शासन ने जहां एक ओर हर घर तक मोबाईल पहंचाने की योजना बनाई है वहीं दूसरी ओर इंटरनेट कनेक्टिविटी बढ़ाने का प्रयास कर रही है ।

            संचार क्रांति योजना छत्तीसगढ़ शासन की अति महत्वाकांक्षी योजना है जिसमें शासन द्वारा 50 लाख स्मार्ट फोन बांटा जा रहा है । शहरी क्षेत्र के हर गरीब परिवार की महिला मुखिया, ग्रामीण क्षेत्र के हर परिवार की महिला मुखिया तथा राज्य के सभी नियमित महाविद्यालय छात्र-छात्राओं को इस योजना के दायरे में लिया गया है । महिलाओं को प्रदत्त किये जाने वाले हैंडसेट की कीमत 4499 रू. तथा विद्यार्थियों को प्रदान किये जा रहे हैंडसेट की कीमत 5999 रू. है । इस योजना के अंतर्गत लगभग 46 लाख महिलाओं तथा 4 लाख विद्यार्थियों को शासन के खर्चे से मोबाईल सेट प्रदान किया जा रहा है । इससे राज्य में मोबाईल उपयोग करने वालों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होगी ।

            भारत में औसत मोबाईल उपलब्धता वर्तमान में 68 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ में मात्र 29 प्रतिशत लोग मोबाईल का उपयोग करते हैं । पूरे देश के अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे कग औसत मोबाईल उपलब्धता छत्तीसगढ़ की है । केरल, गोवा एवं हिमांचल प्रदेश में औसत मोबाईल उपलब्धता 90 प्रतिशत या उससे अधिक है, जबकि मध्यप्रदेश, उड़ीसा एवं छत्तीसगढ़ ये तीन राज्य ऐसे हैं जहां आधी आबादी तक मोबाईल नहीं पहुच पाया है । मध्यप्रदेश में 48 प्रतिशत, उड़ीसा में 35 प्रतिशत तथा सबसे कम छत्तीसगढ़ है जहां मात्र 29 प्रतिशत लोगों के पास मोबाईल हैं। राज्य के लगभग आधे जिले सूरजपुर, कोरिया, कोरबा, सरगुजा, बलरामपुर, जशपुर, बस्तर, गरियाबंद, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, सुकमा एवं बीजापुर जहां 25 प्रतिशत से कम लोंगों के पास मोबाईल है ।  बीजापुर जिले की स्थिति तो बड़ी चिन्तनीय है जहां मात्र 7 प्रतिशत लोग ही मोबाईलधारी है । इसके पीछे बड़ा कारण कनेक्टिविटी को माना जा रहा है । क्योंकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों एवं वन क्षेत्रों में अभी तक टावर नहीं लग पाये हैं । समूचे छत्तीसगढ़ के मात्र 64 प्रतिशत क्षेत्र में ही अब तक नेटवर्क कवरेज है । सुदूर वन क्षेत्रों में नेटवर्क कवरेज की स्थिति चिन्तनीय है । एक ओर जहां रायपुर, दुर्ग व मुंगेली जिले में नेटवर्क क्रमशः 88 प्रतिशत, 83 प्रतिशत एवं 75 प्रतिशत है तो दूसरी ओर दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर एवं सुकमा जिले में नेटवर्क कवरेज क्रमशः 20 प्रतिशत, 13 प्रतिशत, 10 प्रतिशत एवं 7 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ सरकार की संचार क्रांति योजना इन जिले के नागरिकों के लिए वरदान से कम नहीं है क्योंकि शासन के पहल पर मोबाईल टावरों की संख्या मई 2019 तक 2185 से बढ़कर 3673 हो जायेगी । प्रदेश के 20000 गांवों में से 17000 गांवों तक 4जी हाईस्पीड कनेक्टिविटी हो जायेगी ।

            यदि ऐसा ही प्रयास होता रहा तो भविष्य में छत्तीसगढ़ का सम्पूर्ण भूभाग नेटवर्क कनेक्टिविटी तथा समूची आबादी मोबाईल सेवा से जुड़ जायेगी । सूचना क्रांति के इस दौरान में यह आवश्यक भी है क्योंकि वर्तमान समय में हर व्यक्ति चाहे व गांव का हो अथवा शहर का, चाहे शिक्षीत हो अथवा अशिक्षित तथा चाहे वह अमीर हो अथवा गरीब दुनिया भर के समाचारों से अपडेट रहना चाहता है । यह समय की आवश्यकता भी है । फिर इंटरनेट तो ज्ञान, विज्ञान व मनोरंजन का खजाना है जो सबके पास होना ही चाहिए ।

          मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने संचार क्रांति योजना के माध्यम से क्रांतिकारी कदम उठाया है। सबको आगे बढ़ने का अवसर प्रदान किया है । यह उनकी उदारता, संवेदनशीलता एवं जीवटता का परिचायक है । उन्होने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया को साकार किया है। छत्तीसगढ़ का अब हर व्यक्ति अब कह सकता है ‘‘दुनिया मेरी मुट्ठी में’’ क्योंकि जिसके पास मोबाईल है उसके पास दुनिया भर के लोगों से सम्पर्क का माध्यम है । इससे ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोंगों के जीवन में अद्भुत बदलाव आयेगा । इससे कैशलेश लेनदेन को भी बढ़ावा मिलेगा । किसानों को बाजार एवं मौसम की जानकारी घर बैठे मिलेगी । संचार क्रांति योजना के माध्यम से मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने बहुत ही चमत्कारिक कार्य किया है । मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के कुशल नेतृत्व का ही परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ का हर व्यक्ति अपने आपको गौरवांवित महसूस कर रहा है । इस महती योजना के लिए मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को छत्तीसगढ़ में सूचना क्रांति का सूत्रधार कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी ।

दिनांक 02 अगस्त 2018                                                                                             - अशोक बजाज                               

                                                      

28 जून, 2018

पुराना संपादकीय


जब मै भारतीय जनता पार्टी के अविभाजित रायपुर जिले का चौंथी बार अध्यक्ष चुना गया तो वरिष्ठ साहित्यकार एवं सांध्य दैनिक हाईवे चैनल के प्रधान संपादक रहें स्व. श्री प्रभाकर चौबे ने 22 जून सन 2000 को मेरे निर्वाचन पर संपादकीय लिखी थी. काफी खोजबीन के बाद यह कतरन आज हाथ लगी तो आपको शेयर कर रहा हूँ. हालाँकि किसी राजनैतिक दल के जिलाध्यक्ष का पद इतना बड़ा नहीं होता कि उसके निर्वाचन को संपादकीय में स्थान मिले लेकिन श्री चौबे जी ने तत्कालीन राजनीतिक परिस्थितियों को समायोजित कर यह संपादकीय लिखी थी. मुझे इस बात का फक्र है कि एक महान संपादक ने मुझे संपादकीय में स्थान दिया. उन्होंने छठी बार अध्यक्ष बनने का उल्लेख इसीलिये किया क्योकि इसके पूर्व 2 बार भाजयुमो के जिलाध्यक्ष तथा 3 बार भाजपा के जिलाध्यक्ष के पद का निर्वहन लगातार कर चूका था. 21 जून 2000 को भाजपा के जिलाध्यक्ष के रूप में चौंथी बार निर्वाचित हुआ था. आपको इस संपादकीय के कतरन को पढ़ने में शायद असुविधा हो इसीलिये उसे शब्दशः टाईप करके प्रस्तुत कर रहा हूँ --- 


रायपुर ग्रामीण भाजपा - छठी बार अध्यक्ष
"संगठन चलाना आसान काम नहीं है । कुछ लोगों का मानना है कि बुद्धिजीवियों का संगठन चलाना तराजू में रखकर मेढक तौलना है । लेकिन दिगर संगठन चलाने में भी कुशलता की जरूरत पड़ती है । राजनैतिक दलों के संगठन को चलाना तो अब और भी कठिन हो गया है । वैसे आसान कभी रहा नहीं । आजादी के पहले के कांग्रेस संगठन में और आज के कांग्रेस संगठन में 19-20 का ही फर्क होगा, बहुत हुआ तो 17-20 का फर्क हो सकता है, लेकिन तौर तरीके तो वे ही हैं । तब भी टांग खिंचाई थी, आज भी है । पुरानी कहावत है कि संगठन में प्रमुख पद पाना कांटों का ताज पहनना है । बात सही भी है लेकिन कांटों का ताज भी पहनना आना चाहिए । जिसे कांटों का ताज पहनना आ गया वह मजे में संगठन चला लेता है । कुछ लोग एक बार में ही लहू-लुहान होकर दूसरी बार ऐसे ताज की ओर देखते तक नहीं । 
स्व.प्रभाकर चौबे 
बहरहाल हर संगठन की अपनी कुछ विशेषताएं होती है लेकिन लगता है छत्तीसगढ़ में कांगे्रस और भाजपा दोनो संगठनों में रिकार्ड बनाने में होड़ है । दुर्ग में अगर श्री वासुदेव चन्द्राकर लगातार 25 सालों में संगठन के अध्यक्ष निर्वाचित हो रहे हैं तो रायपुर में भाजपा का जिला ग्रामीण के अध्यक्ष का पद उसी तरफ बढ़ रहा है । यहां श्री अशोक बजाज 6 वर्षो से जिला ग्रामीण भाजपा के अध्यक्ष निर्वाचित हो रहे हैं । यानि कि दुर्ग में कांगेस का रिकार्ड बना, रायपुर में भाजपा ने बनाया । आज के दौर में दूसरी बार अध्यक्ष बनना कठिन है । एक पद के लिए कई-कई दावेदार होते हैं । वैसे दावेदार होना बुरी बात नहीं है । लोकतंत्र में हर कोई दावेदार हो सकता है । बहरहाल अब अगर कांगे्रस के लिए कहें कि आजादी के पहले की कांगे्रस अलग थी तो यही बात भाजपा के लिए कही जा सकती है कि पहले की पार्टी की बात अलग थी । यानि कि जब भाजपा नहीं थी, जनसंघ नामक पार्टी थी, वे शायद सुखद दिन थे । कुल लोग कहते हैं कि वे दिन तो सपना हो गए । लेकिन जनसंघ के जमाने में भी संगठन चुनाव में सब ठीक ही ठीक नहीं था । उन दिनों भी जरा-जरा टांग खिंचाई चलती थी । भरोसा न हो तो श्री बलराज मधोक से पूछा जा सकता है । वे अपना दर्द बखान कर सकते हैं । कहने का मतलब यह कि राजनैतिक दलों के संगठन चुनाव कभी भी एकदम आसानी से नहीं निकले । अगर श्री अशोक बजाज निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिये जाते हैं तो यह बड़ी बात है । यह पार्टी की स्वच्छ चाल हो, ऐसा नहीं है । पार्टी में तो तिकडम चलती रहती है । यह निर्विरोध चुने गए व्यक्ति की कुछ खूबियों को दर्शाता है । संगठन में प्रमुख को बड़े धैर्य का परिचय देना होता है । एक तरह से उसके धैर्य, विवेक, कुशलता की परीक्षा होती है । श्री अशोक बजाज 1990 से अध्यक्ष हैं । बीच में 2 साल गैप रहा । क्यों गैप रहा यह भी रहस्य की बात नहीं है । इसके अंदर जाने की मंशा भी नहीं है । लेकिन जब किसी राजनैतिक दल में (विशेषकर आज के माहौल में) कोई व्यक्ति लगातार 4-6 साल तक प्रमुख पद पर चुना जाए तो आश्चर्य होता है । उत्सुकता भी होती है। विधानसभा का चुनाव हार जाने के बाद भी आम कार्यकर्ताओं को उनकी संगठन क्षमता पर भरोसा है तो यह जरूर उनकी खूबी है । बीच में एक बार उनका नाम राज्यसभा के लिए भी चला था । लेकिन पार्टी में जैसा होता है, अपनों ने ही नाम आगे बढ़ने नहीं दिया । यह हर पार्टी में होता है । और एक अच्छे संगठनकर्ता को ऐसे आघात सहने पड़ते हैं । 
श्री अशोक बजाज फिर अध्यक्ष चुने गए हैं । अगले 3 साल तक उस पद पर रहेंगें । अगले तीन साल उनके लिए काफी चुनौतियों भरे होंगें । हो सकता है छत्तीसगढ़ राज्य बने, छत्तीसगढ़ भाजपा का गठन हो । नए राज्य में सरकार बनाने के लिए कौशिशों के साल होेंगें । अगर छत्तीसगढ़ न भी बना, तो भी राज्य विधानसभा के लिए चुनाव को एक वर्ष ही शेष रहेगा । यानि कि श्री अशोक बजाज को अगले तीन साल तक परीक्षा से गुजरना है । पार्टी की नैया खेकर आगे एक मजबूत धरातल तक ले जाना आसान नहीं होगा । ध्यान नहीं पड़ता कि और कोई इस तरह 6 साल तक अध्यक्ष चुना जाता रहा हो । और फिर अब भाजपा भी तो सत्ता की दावेदार है । सत्ता सुख चख चुकी है । ऐसे में संगठन पर कब्जा कर लेने की चाह कई नेताओं की होती है । इस संकट को पार कर अपने पैर जमाए रखना बड़ा कठिन होता है । "

सांध्य दैनिक हाईवे चैनल रायपुर 22.06.2000 


संत कबीरदास जयंती की आप सबको हार्दिक बधाई !


दोस पराए देखि करि, चला हसन्त हसन्त ।
अपने याद न आवई, जिनका आदि न अंत ।।






संत कबीरदास जयंती की आप सबको हार्दिक बधाई !