पुराण के अनुसार ब्रम्हा ने आज ही के दिन
सृष्टि रचना का कार्य प्रारंभ किया था.यह भी माना जाता है की इसी दिन सतयुग की शुरुआत हुई थी.भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. इसी दिन से बासंतिक नवरात्रि की
शुरुआत होती है. भगवान राम का राज्याभिषेक भी आज के ही दिन हुआ था. इसी दिन से रात्रि की
अपेक्षा दिन बड़ा होने लगता है. महाराजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत की शुरुवात की थी .
23 मार्च, 2012
20 मार्च, 2012
छत्तीसगढ़ के राशन दूकानों में "अन्नपूर्णा ए.टी.एम."
सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और भी अधिक पारदर्शी तथा सुगम बनाने कोर पी.डी.एस.
राशन दूकान संचालित करने वाली महिलाओं को मिला अन्नपूर्णा ए.टी. एम. |
उल्लेखनीय है कि कोर पी.डी.एस. में परिवारों को राशनकार्ड के स्थान पर स्मार्ट कार्ड दिए जा रहे हैं। संबंधित राशन दुकान में जाकर हितग्राही अपने स्मार्ट कार्ड को मशीन में डालकर अपने कोटे के राशन में से जरूरत के हिसाब से राशन प्राप्त कर सकता है। अगले दो माह में राजधानी रायपुर की सभी 175 राशन दुकानों को इस नवीन प्रणाली से जोड़कर वहां के वर्तमान राशन कार्ड धारकों को स्मार्ट कार्ड जारी करने का लक्ष्य है। इस प्रणाली में ऐसी कम्प्यूटरीकृत तकनीकी व्यवस्था की है कि कोई भी स्मार्ट कार्ड धारक किसी भी राशन दुकान में जाकर अपने स्मार्ट कार्ड के आधार पर जरूरत का राशन प्राप्त कर सकता है।
खाद्य मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। संस्कृति मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज,विधायक श्री कुलदीप जुनेजा , नगर निगम रायपुर की महापौर श्रीमती किरणमयी नायक, सभापति श्री संजय श्रीवास्तव, रायपुर संभाग के कमिश्नर श्री बी.एल. तिवारी और खाद्य सचिव श्री विकासशील विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।
"अन्नपूर्णा ए.टी.एम." का अवलोकन |
संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि पूरे देश में यदि कहीं सार्वजनिक वितरण प्रणाली की बेहतर व्यवस्था है तो वह छत्तीसगढ़ में है। खाद्य सचिव श्री विकासशील ने योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि हितग्राही किसी भी दुकान से राशन ले सकते हैं, उन्हें लिए गये राशन की प्रिंटेड रसीद भी दी जाएगी। यदि हितग्राही किसी दुकान की सेवाओं से संतुष्ट नहीं है, तो वह अपनी पसंद की किसी भी दुकान से राशन ले सकेगा। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा चलित राशन दुकानें भी प्रारंभ की जाएंगी, जो निर्धारित दिनों में, तय स्थान पर नियत समय पर उपलब्ध होंगी, हितग्राही इन दुकानों से भी राशन ले सकेंगे। योजना के प्रथम चरण में रायपुर शहर की पांच उचित मूल्य दुकानों में कोर पी.डी.एस. व्यवस्था प्रारंभ की जा रही है। कोर पी.डी.एस. में मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना के अतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को स्मार्ट कार्ड के माध्यम से तथा ए.पी.एल. कार्डधारियों को कम्प्यूटरीकृत राशनकार्ड के जरिए खाद्यान्न प्राप्त होगा। इससे चार हजार से अधिक उपभोक्ता लाभान्वित होंगे।
कोर पी.डी.एस. व्यवस्था से उचित मूल्य दुकानदारों को मेनुअल प्रविष्टि से भी मुक्ति मिलेगी और उपभोक्ताओं को खाद्यान्न प्राप्त करने में कम समय लगेगा। उपभोक्ताओं के द्वारा खाद्यान्न का उठाव करने पर इसकी जानकारी पाइंट ऑफ सेल उपकरण के माध्यम से एन.आई.सी. के सर्वर के जरिए आनलाइन हो जाएगी। इससे खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी। इंटरनेट में खाद्यान्न उठाव की जानकारी दर्ज होने के साथ ही शासकीय उचित मूल्य के दुकानों में आवश्यकतानुसार पुन: भंडारण किया जा सकेगा तथा उचित मूल्य दुकानों में शेष आबंटन की मात्रा भी देखी जा सकेगी जिससे आबंटन प्रदाय करने में सुविधा होगी।
रायपुर शहर में जिन पांच उचित मूल्य दुकानों में कोर पी.डी.एस. व्यवस्था आज से लागू की जा रही है, उनमें रानी लक्ष्मीबाई वार्ड क्रमांक 23 फोकटपारा देवेन्द्र नगर में जयविजय प्राथमिक सहकारी उपभोक्ता भंडार, पंडित रविशंकर शुक्ल वार्ड क्रमांक 24 राजातालाब में प्रीणा सामुदायिक विकास समिति तथा चलो चलें सामुदायिक विकास समिति द्वारा संचालित दो उचित मूल्य दुकान एवं कालीमाता वार्ड क्रमांक 33 में पंडरी शिव मंदिर के पास स्थित कंचन सामुदायिक विकास समिति द्वारा संचालित उचित मूल्य दुकान शामिल हैं। कोर पी.डी.एस. के लिए चयनित दुकानों में पाइंट आफ सेल उपकरण तथा स्मार्टकार्ड दिया गया है। पाइंट आफ सेल मशीन से स्मार्ट कार्ड और कम्प्यूराईज्ड कोर्ड स्वेप करने पर उपभोक्ताओं को खाद्यान्न चावल, गेहूं, नमक, एवं केरोसीन की पात्रता मात्रा कीमत सहित प्रदर्शित होने के साथ ही बिल भी प्राप्त होगा।
रायपुर से विविध भारती की तीसरी सभा का प्रसारण
आकाशवाणी
रायपुर से विविध भारती की तीसरी सभा का प्रसारण आज 19 मार्च 2012 से
प्रारंभ हो गया है . इसका रेंज भी बढ़ गया है.यह दस किलोवाट के नए
ट्रांसमीटर के स्थापित होने से संभव हुआ है , इससे आप रायपुर से 100 की.मी.
की
दूरी तक एफ.एम. से इस प्रसारण सेवा का लाभ ले सकते है . अभी तक रायपुर के
श्रोता विविध भारती के सुबह और दोपहर के कार्यक्रम का ही आनंद ले पाते थे
लेकिन अब सायंकालीन सभा का भी लाभ ले सकेंगें . आज रात 11 बजे तक
रेडियो श्रोताओं ने विविध भारती के कार्यक्रम का आनंद लिया , और एक दूसरे
को बधाईयां दी .
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर स्थित आकाशवाणी केन्द्र की
एफ.एम. सेवा की प्रसारण क्षमता 20 किलोमीटर से बढ़कर एक सौ किलोमीटर होने पर
प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने इसके लिए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण
मंत्री श्रीमती अम्बिका सोनी का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा
है कि प्रसारण क्षमता पांच गुना बढ़ने पर अब और भी ज्यादा संख्या में लोग
आकाशवाणी के सूचना, शिक्षा और मनोरंजन आधारित कार्यक्रमों का लाभ ले
सकेंगे। इससे राज्य में आकाशवाणी की लोकप्रियता और ज्यादा बढ़ेगी। उल्लेखनीय
है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को श्री अशोक बजाज के नेतृत्व में
छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ ने कुछ माह पहले ज्ञापन सौंपकर आकाशवाणी के
रायपुर केन्द्र में दस किलोवाट का ट्रांसमीटर लगवाने के लिए केन्द्र के
स्तर पर पहल करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग का
समर्थन करते हुए उनके आग्रह पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण्ा मंत्री को
पत्र लिखा था। डॉ. रमन सिंह के पत्र पर सकारात्मक निर्णय लेकर श्रीमती
अम्बिका सोनी ने यहां दस किलोवाट के ट्रांसमीटर की स्थापना की मंजूरी
तत्काल प्रदान कर दी। उनके निर्देश पर आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र में इस
उच्च शक्ति के ट्रांसमीटर की स्थापना होने के बाद एफ.एम. सेवा का प्रसारण
क्षेत्र बीस किलोमीटर से बड़कर एक सौ किलोमीटर तक पहुंच गया है। उच्च शक्ति
के इस नये ट्रांसमीटर की स्थापना के बाद अब आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से
विविध भारती के एफ.एम. कार्यक्रमाें का प्रसारण दो के स्थान पर तीन सभाओं
में होने लगा है। विविध भारती की तीसरी सभा जो प्रतिदिन शाम छह बजे से
रात्रि ग्यारह बजे तक प्रसारित होती है, अब आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से
भी सुनी जा सकेगी। नये ट्रांसमीटर से रायपुर केन्द्र की एफ.एम. सेवा के
प्रसारण अब राजनांदगांव, खैरागढ़, कवर्धा, राजिम, गरियाबंद तक भी सुने जा
रहे हैं। इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ की यहां आयोजित बैठक
में इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण
मंत्री श्रीमती अम्बिका सोनी के प्रति आभार प्रकट किया गया। श्री अशोक बजाज
की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सर्वश्री परसराम साहू, मोहन लाल
देवांगन, सुरेश सरवैया, विनोद वंडलकर, रतन जैन, कांतिलाल बरलोटा, आशीष
भट्टाचार्य, राजेन्द्र सुराना, बलराज बहल, रमेश यादव, नरोत्तम कश्यप और
श्याम वर्मा सहित बड़ी संख्या में रेडियो श्रोता उपस्थित थे। DPR
16 मार्च, 2012
मन की आँखों से रंगों का एहसास
रंग लगते ही खिल उठे चहरे |
होली उमंग और जोश का पर्व है . हम अपने उमंग और जोश का ईजहार रंग व गुलाल
से करते है. यह जानते हुए भी कि बाजार में मिलने वाले अधिकांश रंगों में
केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जो शरीर के लिए नुकसानदेह है हम रंग खेलने
से नहीं चूकते. डाक्टर या प्रबुद्ध-जन चाहे कितना भी मना करे रंग से एक
दूसरे को सराबोर करने का सिलसिला बरसों से चला आ रहा है . होली खेलने के
लिए धूल, कीचड़,वार्निस और आईल पेंट का भी इस्तेमाल किया जाता है. बहरहाल
होली खेलने के सबके अपने अपने ढंग है लेकिन क्या किसी ने सोचा है कि हमारे
समाज में ऐसे अनगिनत लोग भी है जिन्होंने कभी रंग को देखा भी नहीं क्योंकिं
रंगों को देखने के लिए उनकी आँखें नहीं है . जब सब लोग होली खेलते है तो
इनकी भी होली खेलने की इच्छा होती है . खेलना चाहते है पर खेल नहीं सकते ,
कोई इन्हें रंग से भरी पिचकारी थमा दे तो ये निशाना नहीं साध पाते . कोई
इन्हें गुलाल थमा दे तो सामने वाले के शरीर तक पहुँच नहीं पाते . दूसरों
को होली खेलते ,हंसी ठिठोली करते सुनते होंगें तो इन्हें बड़ी ग्लानी होती
होगी. सोचते होंगें काश हमारी भी ऑंखें होती तो हम भी देख पाते कि रंग कैसा होता
है . लाल रंग कैसा होता है ,पीला रंग कितना प्यारा लगता है , हरे रंग में
कितना तरंग होता है और केसरिया कितना सुहावना होता है आदि आदि . आँखें नहीं
होने से मन मसोज कर अपने भाग्य को कोसते होंगें .
मन की आँखों से ढूंढ लिया ललाट |
इस बार की होली में ऐसे ही नेत्रहीन बच्चों से सामूहिक मुलाकात हो गई . रायपुर की " परिमल प्रयास " नामक संस्था ने इस वर्ष नेत्रहीन बच्चों को इकठ्ठा कर होली मिलन का कार्यक्रम बनाया जिसमें लगभग 200 नेत्रहीन बच्चे शामिल हुए ,इसमे कुछ बड़े बुढ़ें भी थे . नेत्रहीनों ने मन की आँखों से रंगों को देखने का प्रयास किया और आपस में खूब होली खेली . सामूहिक रूप से होली के ना केवल गाने गए बल्कि गाकर खूब झूम भी. बड़ा भावविभोर करने वाला दृश्य था. नेत्रहीन बच्चे मन की आँखों से रंगों का एहसास कर रहे थे. मनुष्य का तीसरा नेत्र भी होता है यह सुना तो था लेकिन पहली बार तीसरे नेत्र का इस्तेमाल करते हुए देख रहा था .
" परिमल प्रयास " ने होली के पावन पर्व पर प्रकृति की मार झेल रहे इन अभागों के दिल में उमंग और जोश के भरने का सराहनीय कार्य किया है . इससे समाज के अन्य लोंगों का ऑंखें अवश्य खुलेगीं .परिमल संस्था के संयोजक सक्रीय सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रसिद्ध रेडियो एनाउंसर श्री संदीप अखिल, उदघोषिका श्रीमती शुभ्रा ठाकुर , मानवाधिकार कार्यकर्त्ता श्री सौरभ निर्वाणी एवं श्री अजनी आर. तिवारी की भूमिका सराहनीय रही.
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