मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राजधानी रायपुर स्थित आकाशवाणी केन्द्र की
एफ.एम. सेवा की प्रसारण क्षमता 20 किलोमीटर से बढ़कर एक सौ किलोमीटर होने पर
प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने इसके लिए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण
मंत्री श्रीमती अम्बिका सोनी का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा
है कि प्रसारण क्षमता पांच गुना बढ़ने पर अब और भी ज्यादा संख्या में लोग
आकाशवाणी के सूचना, शिक्षा और मनोरंजन आधारित कार्यक्रमों का लाभ ले
सकेंगे। इससे राज्य में आकाशवाणी की लोकप्रियता और ज्यादा बढ़ेगी। उल्लेखनीय
है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को श्री अशोक बजाज के नेतृत्व में
छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ ने कुछ माह पहले ज्ञापन सौंपकर आकाशवाणी के
रायपुर केन्द्र में दस किलोवाट का ट्रांसमीटर लगवाने के लिए केन्द्र के
स्तर पर पहल करने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग का
समर्थन करते हुए उनके आग्रह पर केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण्ा मंत्री को
पत्र लिखा था। डॉ. रमन सिंह के पत्र पर सकारात्मक निर्णय लेकर श्रीमती
अम्बिका सोनी ने यहां दस किलोवाट के ट्रांसमीटर की स्थापना की मंजूरी
तत्काल प्रदान कर दी। उनके निर्देश पर आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र में इस
उच्च शक्ति के ट्रांसमीटर की स्थापना होने के बाद एफ.एम. सेवा का प्रसारण
क्षेत्र बीस किलोमीटर से बड़कर एक सौ किलोमीटर तक पहुंच गया है। उच्च शक्ति
के इस नये ट्रांसमीटर की स्थापना के बाद अब आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से
विविध भारती के एफ.एम. कार्यक्रमाें का प्रसारण दो के स्थान पर तीन सभाओं
में होने लगा है। विविध भारती की तीसरी सभा जो प्रतिदिन शाम छह बजे से
रात्रि ग्यारह बजे तक प्रसारित होती है, अब आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से
भी सुनी जा सकेगी। नये ट्रांसमीटर से रायपुर केन्द्र की एफ.एम. सेवा के
प्रसारण अब राजनांदगांव, खैरागढ़, कवर्धा, राजिम, गरियाबंद तक भी सुने जा
रहे हैं। इस सिलसिले में छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ की यहां आयोजित बैठक
में इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण
मंत्री श्रीमती अम्बिका सोनी के प्रति आभार प्रकट किया गया। श्री अशोक बजाज
की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में सर्वश्री परसराम साहू, मोहन लाल
देवांगन, सुरेश सरवैया, विनोद वंडलकर, रतन जैन, कांतिलाल बरलोटा, आशीष
भट्टाचार्य, राजेन्द्र सुराना, बलराज बहल, रमेश यादव, नरोत्तम कश्यप और
श्याम वर्मा सहित बड़ी संख्या में रेडियो श्रोता उपस्थित थे।
20 मार्च, 2012
16 मार्च, 2012
मन की आँखों से रंगों का एहसास
रंग लगते ही खिल उठे चहरे |
होली उमंग और जोश का पर्व है . हम अपने उमंग और जोश का ईजहार रंग व गुलाल
से करते है. यह जानते हुए भी कि बाजार में मिलने वाले अधिकांश रंगों में
केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है जो शरीर के लिए नुकसानदेह है हम रंग खेलने
से नहीं चूकते. डाक्टर या प्रबुद्ध-जन चाहे कितना भी मना करे रंग से एक
दूसरे को सराबोर करने का सिलसिला बरसों से चला आ रहा है . होली खेलने के
लिए धूल, कीचड़,वार्निस और आईल पेंट का भी इस्तेमाल किया जाता है. बहरहाल
होली खेलने के सबके अपने अपने ढंग है लेकिन क्या किसी ने सोचा है कि हमारे
समाज में ऐसे अनगिनत लोग भी है जिन्होंने कभी रंग को देखा भी नहीं क्योंकिं
रंगों को देखने के लिए उनकी आँखें नहीं है . जब सब लोग होली खेलते है तो
इनकी भी होली खेलने की इच्छा होती है . खेलना चाहते है पर खेल नहीं सकते ,
कोई इन्हें रंग से भरी पिचकारी थमा दे तो ये निशाना नहीं साध पाते . कोई
इन्हें गुलाल थमा दे तो सामने वाले के शरीर तक पहुँच नहीं पाते . दूसरों
को होली खेलते ,हंसी ठिठोली करते सुनते होंगें तो इन्हें बड़ी ग्लानी होती
होगी. सोचते होंगें काश हमारी भी ऑंखें होती तो हम भी देख पाते कि रंग कैसा होता
है . लाल रंग कैसा होता है ,पीला रंग कितना प्यारा लगता है , हरे रंग में
कितना तरंग होता है और केसरिया कितना सुहावना होता है आदि आदि . आँखें नहीं
होने से मन मसोज कर अपने भाग्य को कोसते होंगें .
मन की आँखों से ढूंढ लिया ललाट |
इस बार की होली में ऐसे ही नेत्रहीन बच्चों से सामूहिक मुलाकात हो गई . रायपुर की " परिमल प्रयास " नामक संस्था ने इस वर्ष नेत्रहीन बच्चों को इकठ्ठा कर होली मिलन का कार्यक्रम बनाया जिसमें लगभग 200 नेत्रहीन बच्चे शामिल हुए ,इसमे कुछ बड़े बुढ़ें भी थे . नेत्रहीनों ने मन की आँखों से रंगों को देखने का प्रयास किया और आपस में खूब होली खेली . सामूहिक रूप से होली के ना केवल गाने गए बल्कि गाकर खूब झूम भी. बड़ा भावविभोर करने वाला दृश्य था. नेत्रहीन बच्चे मन की आँखों से रंगों का एहसास कर रहे थे. मनुष्य का तीसरा नेत्र भी होता है यह सुना तो था लेकिन पहली बार तीसरे नेत्र का इस्तेमाल करते हुए देख रहा था .
" परिमल प्रयास " ने होली के पावन पर्व पर प्रकृति की मार झेल रहे इन अभागों के दिल में उमंग और जोश के भरने का सराहनीय कार्य किया है . इससे समाज के अन्य लोंगों का ऑंखें अवश्य खुलेगीं .परिमल संस्था के संयोजक सक्रीय सामाजिक कार्यकर्ता एवं प्रसिद्ध रेडियो एनाउंसर श्री संदीप अखिल, उदघोषिका श्रीमती शुभ्रा ठाकुर , मानवाधिकार कार्यकर्त्ता श्री सौरभ निर्वाणी एवं श्री अजनी आर. तिवारी की भूमिका सराहनीय रही.
12 मार्च, 2012
फल फूल एवं सब्जी के लिए बनेगा कोल्ड स्टोरेज
भण्डार गृह निगम को 21.90 करोड़ रूपए का मुनाफा
प्रदेश सरकार के सार्वजनिक उपक्रम छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम को चालू
वित्तीय वर्ष के दौरान 21 करोड़ 90 लाख रूपए का विशुध्द मुनाफा हुआ है, जो
पिछले वर्ष की तुलना में तीन प्रतिशत ज्यादा है। निगम की भण्डारण क्षमता आज
की स्थिति में बढ़कर करीब सात लाख मीटरिक टन हो गयी है, जबकि वर्ष 2002 में
इसकी भण्डारण क्षमता केवल चार लाख 24 हजार मीटरिक टन थी। यह जानकारी आज
यहां आयोजित निगम की 9वीं वार्षिक साधारण सभा में दी गयी। निगम मुख्यालय
में आयोजित साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता निगम अध्यक्ष श्री अशोक बजाज
ने की। श्री बजाज ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशा के अनुरूप
निगम द्वारा राज्य में अनाज भण्डारण के अलावा फल-फूलों और सब्जियों के
सुरक्षित भण्डारण के लिए कोल्ड स्टोरेज निर्माण की योजना भी तैयार की जा
रही है। इस अवसर पर केन्द्रीय भण्डार गृह निगम के प्रतिनिधि श्री अविनाश
गायमुखे, राज्य शासन के प्रतिनिधि, खाद्य विभाग के अवर सचिव श्री एम.के.
गुप्ता और निगम महाप्रबंधक श्री जन्मेजय महोबे सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी
उपस्थित थे। DPR
08 मार्च, 2012
होली व रंग पर्व की आप सब को हार्दिक बधाई
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