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30 अगस्त, 2010

प्रदूषण के खिलाफ ग्रीन पुलिस

ग्रीन पुलिस रोकेगी प्रदूषण





भारत सरकार प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने के लिए ग्रीन पुलिस बनाने जा रही है. इसका काम प्रदूषण को मापना और पानी में खतरनाक रासायनिकों को बहाए जाने से रोकना है. औद्योगिक विकास के दौर में प्रदूषण बड़ी समस्या है.
बंदरगाह, मछली पालन और पारिस्थितिकी मंत्री कृष्णा पालेमार ने बताया कि हर जिले में लगभग दो ग्रीन पुलिसकर्मी होंगे. वह शनिवार को बैंगलोर में कर्नाटक राज्य प्रदूषण बोर्ड,  बैंगलोर जल आपूर्ति और निकासी बोर्ड (बीडब्लूएसएसबी) और झील विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे.
कर्नाटक में अलग अलग कुल 40 हजार उद्योग हैं जिन में 46 को जल अधिनियम के तहत बंद किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. ज्यादातर रंगाई का काम करने वाली इन औद्योगिक इकाइयों को निगरानी के दौरान जल प्रदूषण का दोषी पाया गया. गंदे पानी को जल स्रोतों में बहाने के लिए बीडब्लूएसएसबी के खिलाफ तीन आपराधिक मामले और शहर नगर पालिका परिषद और कस्बा नगर पालिका परिषद के खिलाफ 10 मामले दर्ज किए गए.
सरकार ने हाल ही में दस ग्रीन पुलिसकर्मी तैनात किए जिनमें से दो लोगों को उत्तर कन्नडा जिले के गोकर्ण, मुर्देश्वर, बानावासी, यान और ओम बीच जैसे अहम पर्यटन केंद्रों पर तैनात किया गया. वैसे गौर करने वाली बात यह भी है कि भारत जैसे देश में जहां लोग प्रदूषण की ज्यादा परवाह नहीं करते, दो ग्रीन पुलिसकर्मी कितने कारगर साबित हो पाएंगे. बड़े उद्योग धंधों की वजह से जल प्रदूषण एक बड़ी समस्या के तौर पर उभरा है. हाल ही में मुंबई के तट पर दो जहाजों की टक्कर से हजारों बैरल तेल समंदर में बह गया. डायचे वेले की खबर/ photo google ००२३६  

28 अगस्त, 2010

पर्यावरण संरक्षण पर एक अनुकरणीय अभियान


जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में स्कूली बच्चो की भूमिका पर जागरूकता कार्यक्रम
                                  स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग की गंभीर समस्या के चलते जीवन संकटमय हो गया है। इस संकटपूर्ण स्थिति में कारगर उपाय करके ही पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए औद्योगिक प्रदूषण पर नियंत्रण के साथ-साथ व्यापक संख्या में वृक्षारोपण करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से छेड़छाड़ के दुष्परिणाम आज गंभीर चुनौती के रूप में हमारे सामने हैं। इस चुनौती का सामना करने के लिए हर व्यक्ति को एक-एक पौधा लगाकर उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। श्री अग्रवाल आज राजधानी रायपुर के नजदीक माना बस्ती के शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल परिसर में आयोजित 'जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में स्कूली बच्चों की भूमिका विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
                             इस कार्यक्रम का आयोजन स्कूल शिक्षा विभाग, आई.ए.एस.आर.डी. तथा भू-विज्ञान मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता लाना है। इसके प्रथम चरण में रायपुर जिले के सात विकासखण्डों के 50  स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन ५०   स्कूलों में होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से ढाई सौ स्कूलों के बच्चों को पर्यावरण संरक्षण अभियान से जोड़ा जाएगा। माना बस्ती में आयोजित कार्यक्रम में आस-पास के सात स्कूलों के बच्चे शामिल हुए। इन बच्चों को एक-एक पौधा दिया गया। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने इन बच्चो को उन्हें दिए गए पौधे को उपयुक्त स्थान पर रोपित कर आजीवन उसकी सुरक्षा करने तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए सचेत रहकर समाज के अन्य लोगों को भी जागरूक करने की शपथ दिलायी।

                           
                                        स्कूल शिक्षा मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज प्राकृतिक जंगल उजड़ते जा रहे हैं और कांक्रीट के जंगल घने होते जा रहे हैं। विभिन्न उद्योगों की निरन्तर स्थापना,  पेड़-पौधों की अंधा-धुंध कटाई, जमीन के अंदर के पानी के अनियंत्रित दोहन तथा पानी के बेहिसाब उपयोग के कारण पर्यावरण गंभीर रूप से प्रदूषित हो गया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि गांवों में भी आज पेयजल और निस्तारी के लिए पानी की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है। छत्तीसगढ़ प्राकृतिक सम्पदा की दृष्टि से सौभाग्यशाली है। प्रदेश के कुल क्षेत्रफल के 50 प्रतिशत से अधिक हिस्से में जंगल है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के चलते हमारे प्रदेश में भी पर्यावरण प्रदूषण की समस्या तेजी से बढ़ रही है। नयी पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने हमें अभी से पर्यावरण संरक्षण के लिए कारगर उपाय करना होगा। श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ.  रमन सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में इन दिनों हरियर छत्तीसगढ़ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत प्रदेश में सात करोड़ से अधिक पौधे लगाए जाएंगे। पुराने तालाबों की साफ-सफाई और नये तालाबों का निर्माण भी इस अभियान के तहत किया जा रहा है।


                                            स्कूल शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में स्कूली बच्चों को जोड़ने का मुख्य उद्देश्य उनमें जागरूकता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत बाद में जिला स्तर पर स्कूली बच्चों की प्रतियोगिताएं होंगी। इनके विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रकृति की पूजा हमारी संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। विभिन्न धार्मिक पर्वो पर नीम, पीपल, वट के अलावा अन्य वृक्षों की पूजा की जाती है। श्री अग्रवाल ने कहा कि स्वस्थ और सुदीर्घ जीवन के लिए हर आदमी को पेड़-पौधों की सुरक्षा का संकल्प लेना चाहिए। जिला पंचायत रायपुर के पूर्व अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों के मन में प्रदूषण के खिलाफ विचार पैदा करना इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। पर्यावरण का संरक्षण हमारे संस्कार में शामिल होना चाहिए। प्रत्येक स्कूली बच्चे को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेकर कार्य करना है। विधायक श्री नन्दकुमार साहू,  जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष श्रीमती लक्ष्मी वर्मा, पर्यावरण विद् श्रीमती लीला मेहदले, आई.ए.एस.आर.डी. के डॉ. के.डी. गुप्ता और डॉ. इंदिरा मिश्रा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर जिला पंचायत रायपुर के उपाध्यक्ष श्री परमेश्वर यदु सहित अन्य जनप्रतिनिधि, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक-शिक्षिकाएं और स्कूली बच्चे उपस्थित थे।
                                  स्कूल शिक्षा मंत्री श्री अग्रवाल ने कार्यक्रम में साहित्यिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट स्थान पाने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने निर्धन छात्र कोष से दस स्कूली बच्चों को आर्थिक सहायता राशि भी प्रदान की। श्री अग्रवाल ने पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए शासकीय हायर सेकेण्डरी स्कूल माना बस्ती की प्रशंसा करते हुए स्कूल में कम्प्यूटर लैब स्थापित करने,  बालिकाओं के लिए कॉमन रूम बनवाने तथा बाउण्ड्री वाल निर्माण की स्वीकृति दी।dpr news  00240

27 अगस्त, 2010

जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में स्कूली बच्चो की भूमिका




जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में स्कूली बच्चो की भूमिका पर जागरूकता कार्यक्रम

आमंत्रण

बहनो एवं भाईयों ,
                               नमस्कार ,


                  जलवायु परिवर्तन एक गंभीर समस्या है , इस समस्या से हम सब वाकिफ है . पूर्व में भी ग्राम-चौपाल में हम  बहुत कुछ लिख चुके है ,  आगे भी लिखते रहेंगे .हमने इस विषय में कुछ काम भी किये है जिसके ठोस परिणाम सामने आये है .यह एक व्यक्ति प्रान्त या देश का विषय नहीं है बल्कि   पूरे विश्व का विषय  है .बात बहुत  लम्बी हो  जाएगी ,आज   वक्त कम   है , इस पर बाद में चर्चा करेंगे ,इस बीच यदि आपके सुझाव आ गए तो उत्तम होगा .

                      जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामो के मद्देनजर हम सब को तो जागरूक रहना ही  है साथ ही साथ नई पीढ़ी को भी जागरूक करना है । इसी दृष्टि से इंस्टीट्यूट आफ एप्लाएड सिस्टम आफ रूलर डेवलपमेंट द्वारा भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ सरकार  के सहयोग से कक्षा 6वी से लेकर कक्षा 10वीं के छात्र - छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाना है ।इस   कार्यक्रम की शुरुवात रायपुर जिले से हो  रही है,दिनांक   २८ अगस्त २०१० को सुबह ११ बजे रायपुर से १५ की.मी.दूर माना बस्ती में   इस      अभियान     का  शुभारम्भ होगा.मानाबस्ती  में    १२ वर्ष   से    १७ वर्ष आयु वर्ग के लगभग १००० स्कूली बच्चे भाग लेंगे .   महाराष्ट्र सरकार  की सेवानिवृत आतिरिक्त मुख्यसचिव  सुश्री  लीना  मेहेंदले मुख्य  वक्ता  के  रूप  में  उपस्थित  रहेंगी .छत्तीसगढ़ शासन केस्कूली शिक्षा  मंत्री श्री बृजमोहन  अग्रवाल इस कार्यक्रम का शुभारम्भ करेंगे . इंस्टीट्यूटआफ  एप्लाएड  सिस्टम आफ  रूलर  डेवलपमेंट  के  अध्यक्ष श्री डा. के.डी. गुप्ता भी उपस्थित रहेंगे.  अगले  एकमाह तक यह  अभियान   चलेगा . प्रथम  चरण  में  रायपुरशहर ,धरसींवा,  तिल्दा,सिमगा,आरंग,अभनपुर,फिंगेश्वर  एवं  देवभोग  विकास  खंड  के  स्कूली  बच्चोको  प्रशिक्षित  किया  जायेगा।इस हेतु  50 कलस्टर  बनाये गये है जिसमे 250 स्कूलो के बच्चे भाग लेगें .
                                     इस  पुनीत कार्य  में  जनभागीदारी आवश्यक है.सहयोग की अपेक्षा के साथ आपको इस कार्यक्रम में सादर आमंत्रित करता हूँ .   

26 अगस्त, 2010

भारत में फेसबुक नंबर 1 ?

कॉमस्कोर इंक का सर्वे : अब जीमेल से फोन

 डायचे वेले जर्मनी की रिपोर्ट 

डायचे वेले जर्मनी ने एक सर्वे के आधार पर जानकारी दी है कि अब भारत में भी फेसबुक नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साइट बन गई है. उसने गूगल के ऑर्कुट को पीछे छोड़ दिया है. गुरुवार को प्रकाशित सर्वे में ये बात कही गई है. अब तक भारतीय लोगों में ऑर्कुट छाया रहा, लेकिन अब मामला कुछ और है .

भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में दिनोंदिन हो रहे इजाफे को देखते हुए फेसबुक facebook के लिए काफी उत्साहित करने वाली बात है. वेबसाइट्स के इस्तेमाल का सर्वेक्षण करने वाली अमेरिकी फर्म कॉमस्कोर की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में इस साल जुलाई में फेसबुक के 2.9 करोड़ विजिटर रहे हैं. पिछले एक साल में फेसबुक के विजिटर्स की संख्या में यह 179 प्रतिशत बढ़ोतरी है. अब तक भारत में सोशल नेटवर्किंग साइट के मामले में ऑर्कुट का दबदबा कायम था. ताजा आंकड़ों के बाद ऑर्कुट दूसरे स्थान पर आ गया है. जुलाई में इस साइट को 1.99 करोड़ विजिटर्स ने सर्फ किया.  ऑर्कुट विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल की नेटवर्किंग साइट है. ऑर्कुट के बाद तीसरे नंबर पर है भारत स्टूडेंट,  जिसके विजिटर्स की तादाद करीब 44 लाख थी. वहीं पांचवे स्थान पर रही ट्विटर को 33 लाख लोगों ने सर्च किया.

भारत में वेब जगत का सर्वेक्षण करने करने वाली अग्रणी कंपनी कॉमस्कोर इंक ने भी अपने ताजा रिपोर्ट में फेसबुक को पहला स्थान दिया है.  बुधवार को जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार भारत में जुलाई 2009 से जुलाई 2010 के बीच सोशल नेटवर्किंग साइटों का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. यह सर्वेक्षण कितना सही है ,कितना गलत है यह बहस का मुद्दा हो सकता है  ,  लेकिन इन दिनों बच्चे बूढ़े सब आरकूट एवं फेसबुक facebook के दीवाने हो गएँ है . भारत में गूगल सबसे बड़ा  सर्च इंजन  है तथा इसकी सेवाएं संतोषजनक  है .

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एक खुशखबरी : अब जीमेल gmail से फोन करें
गूगल कंपनी ने कहा है जीमेल gmail का इस्तेमाल करने वाले लोग अब इमेल से सीधे फोन कर सकते हैं. इसी के साथ गूगल सीधे स्काइप और पारंपरिक ऑपरेटर्स एटी एंड टी और वेरिज़ोन की प्रतियोगिता में खड़ा हो गया है. बुधवार रात जब गूगल मेल इस्तेमाल करने वालों ने लॉग इन किया तो उन्हें गूगल कॉल के बारे में सूचना मिली. ये गूगल की नई सेवा है. गूगल से ये कॉल अमेरिका और कनाडा के लिए फ्री हैं और दूसरे देशों के लिए बहुत कम कीमत के साथ कॉल किया जा सकता है. ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, चीन, जापान के लिए दो सेंट प्रति मिनट खर्च पर कॉल किया जा सकता है.

 गूगल google ने पहले से ही जीमेल में कंप्यूटर से कंप्यूटर वॉयस और वीडियो चैट शुरू कर दी है.  बुधवार को गूगल ने कहा कि अब ये सीधे घर और मोबाइल पर फोन करने की सुविधा भी शुरू कर रहा है.  जानकारों का कहना है कि ये सर्विस पारंपरिक फोन कंपनियों की तुलना में स्काइप को कड़ी टक्कर दे सकती है.  स्काइप ने भारी प्रतियोगिता के कारण अपने कॉल रेट्स पिछले दिनों काफी कम किए हैं.  हडसन स्क्वेयर के विश्लेषक टोड रेदेमायर का कहना है, "ये स्काइप के लिए खतरा है. ये ऐसा प्रतियोगी है जिसका ब्रैंड नेम बहुत अच्छा है."

 निजी प्रतिभूति कंपनियों और ईबे की मिल्कियत वाले स्काइप ने लोगों को कंप्यूटर से फोन करने की सुविधा पहले से ही दे कर रखी है.   स्काइप ने ही सबसे पहले कंप्यूटर से कंप्यूटर वॉयस और वीडियो चैट शुरू की थी. रेदेमायर कहते हैं कि गूगल की इस सर्विस का अंतरराष्ट्रीय कॉल्स में तो फायदा होगा लेकिन इससे घरेलू फोन को फायदा नहीं होगा. हालांकि पैसिफिक क्रेस्ट के विश्लेषक स्टीव क्लेमेंट कहते हैं, "जो उपभोक्ता इस तरह की सर्विस का इस्तेमाल करेगा, वो लैंड लाइन इस्तेमाल करने वाला पारंपरिक कस्टमर नहीं होगा."

गूगल का कहना है कि मेल से कॉल करना बिलकुल फोन phone की तरह होगा. जीमेल gmail का इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति कॉल फोन के विकल्प पर क्लिक कर सकता है और फिर जिससे बात करनी है उसका नंबर टाइप कर सकता है.

संकलनकर्ता - ग्राम चौपाल के लिए अशोक बजाज 
by ashok bajaj