ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

09 अगस्त, 2010

हरियाली




10 अगस्त को हरियाली अमावस्या है यह प्राकृतिक  त्यौहार है छत्तीसगढ़ में इसे हरेली त्यौहार के नाम से  बड़े  धूमधाम से मनाया जाता है.आज का दिन प्रकृति के सुरक्षा के लिए  संकल्प लेने  का दिन है भविष्य में जलवायु परिवर्तन को रोकने , प्रकृति को हराभरा रखने तथा वायुमंडल को शुद्ध रखने के लिए आवश्यक है कि हम अधिक से अधिक पेड़ लगायें . सभी नागरिकों से अनुरोध है कि आज के दिन कम से कम के एक पौधा अवश्य लगायें. आप सभी को इस पर्व की हार्दिक शुभकामनाये.......

"जल है तो कल है"



08 अगस्त, 2010

रेडियो श्रोता सम्मेलन

20 अगस्त को अ . भा . रेडियो श्रोता सम्मेलन



त्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ रायपुर एवं ओल्ड लिस्नर्स ग्रुप आफ  इंडिया के सयुक्त तत्वाधान में आगामी 20 अगस्त को रायपुर में आयोजित अ . भा . रेडियो श्रोता सम्मेलन में रेडियो सिलोन के सेवानिवृत प्रसिध्द उद्घोषक श्री  मनोहर महाजन के अलावा  श्री रिपुसूदन इलाहाबादी,श्री  हरमिंदर सिंग “हमराज” एवं सुश्री विजयलक्ष्मी डिसेरम के आने की  सहमति मिल गई है । कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु आज एक   बैठक हुई. बैठक मे मुख्य रूप से श्री  महेन्द्र मोदी,श्री  परसराम साहू, श्री विनोद वंडलकर,श्री रतन जैन, मोहनलाल देवांगन, कुलदीप कंवल, कमल लखानी, मनोहर डेंगवानी, प्रकाश शर्मा, डा. प्रदीप जैन, नरोत्तम कश्यप, भारत पडोटी, रमेश यादव, कांती लाल बरलोटा, डा. नौशाद सिद्धकी, जगदीश राठौर, जीवन लाल रजक, हेमलाल साहू, राजेन्द्र सुराना, बलराजबल आदि उपस्थित थे .आकाशवाणी के अनाउंसर श्री श्यामलाल वर्मा बैठक के दौरान पहुंचे .बैठक ख़त्म होते ही अचानक मेरे पत्रकार मित्र बिगुल वाले  श्री राजकुमार सोनी पहुँच गए .वे खबर पाकर अत्यंत प्रसन्न हुए .उनकी नव -विमोचित पुस्तक   "बिना-शीर्षक" के बारे में काफी देर तक चर्चा हुई. इस बीच भाई झावेंद्र कुमार ध्रुव भी पहुँच गए .कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी बाद में दी जायेगी ,आने की तैयारी कर लेंवें .00310


ब्लॉग 4 वार्ता: अहसान फरामोश भिखमंगे-सलाखों के पीछे---ब्लाग4वार्ता----ललित शर्मा

ब्लॉग 4 वार्ता: अहसान फरामोश भिखमंगे-सलाखों के पीछे---ब्लाग4वार्ता----ललित शर्मा

07 अगस्त, 2010

महंगाई डायन और छत्तीसगढ़




महंगाई डायन और छत्तीसगढ़



इन दिनों फिल्म "पिपली लाईव" की चर्चा जोरों पर है। पत्र-पत्रिकाओं में तो पिपली लाईव पर तरह-तरह के समाचार आ रहे हैं। इलेक्ट्रानिक मिडिया का प्रत्येक चैनल इस पर खबरें बना रहा है। इस फिल्म का गीत "महंगाई डायन खाये जात है............" काफी हिट हो रहा है। मजे की बात तो यह है कि महंगाई डायन और ईधन की महंगाई एक साथ रिलिज हुई। एक तरफ केन्द्र सरकार ने डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ाये तो दूसरी तरफ "पिपली लाईव" का यह गीत मिडिया के माध्यम से प्रचारित हुआ। दोनो बातो का साथ साथ होना महज एक संयोग ही हो सकता है लेकिन इस घटना से हमें दशहरा के अवसर पर गांव में हर वर्ष होने वाले रामलीला की याद हो आई । रामलीला मंडली में दो जोकर होते है जो आम तौर पर रामलीला शुरू होने के पहले मंच पर आते हैं (जोकर के लिए पर्दा उठाने की जरुरत नही पडती) एक जोकर पर्दे के दायी ओर से तथा दूसरा जोकर पर्दे के बायी ओर से निकलता है, दोनों कुछ देर हंसी ठहाका कर दर्शकों का मनोरंजन करते हैं। रामलीला देखने आये दर्शक जोकरों का कार्यक्रम शुरु होते ही व्यवस्थित बैठ जातें है। इस एपिसोड में भी यही हुआ। जोकर की तरह एक तरफ  से डीजल-पेट्रोल की महंगाई वाला समाचार आया तो दूसरी तरफ से महंगाई डायन वाला गाना रिलिज हुआ। लेकिन इस एपिसोड में दर्शक व्यवस्थित नहीं हुए बल्कि पूरे देश में सियासी भूचाल आ गया।इस बार के किरदारों नें दर्शकों को व्यवस्थित करने के बजाय वातावरण को ही अस्त-व्यस्त कर दिया।
महंगाई डायन ने छत्तीसगढ़ की राजनीतिक फिजा में कुछ ज्यादा ही बवाल मचा रखा है। प्रदेश के दो प्रमुख दल आमने-सामने आ गये हैं। दरअसल भाजपा के मुखपत्र"दीप कमल" में महंगाई के प्रतीक के रूप में एक डायन वाला कार्टून प्रकाशित हुआ है । जैसे ही कांग्रेस  के मित्रों को पता चला तो वे सड़क पर आ गये। धरना-प्रदर्शन एवं बयानबाजी का सिलसिला शुरू हो गया। कुछ अतिउत्साही कांग्रेसजनों ने ”पत्रिका” की प्रतियां भी जला डाली। उनका आरोप है कि पत्रिका ने उनके नेता का अपमान किया है। यह अपमान क्यों हुआ, कैसे हुआ, किसके द्वारा हुआ यह लम्बे बहस का विषय है।

जब से सावन का महीना लगा है रोज बौछारें पड रही है। नदी-नाले उफान पर है. सावन की बौछारों की तरह राजनीतिक गलियारों में भी आरोपों के बौछारों का दौर चल रहा है। अभी तो फिल्म ”पिपली लाईव” रिलिज ही नहीं हुई है हमें इंतजार है उसके रिलिज होने का। देखते है सिनेमाघरो में जब यह फिल्म प्रदर्शित होगी तो देश व राज्य की राजनीतिक फिजां पर इसका क्या असर होगा? गैर कांग्रेसी दल तो चाहते ही है कि आम चुनाव तक ये दोनो जोकर मंच में जमे रहे ताकि उन्हे इसका राजनैतिक लाभ चुनाव में मिल जायें, छत्तीसगढ के कांग्रेसी इस मामले में अपने विरोधियों को मदद करते दिखाई दे रहे है।
पिपली लाइव के कलाकार  
छत्तीसगढ़ में "पिपली लाईव" का गहरा रिश्ता है। इस फिल्म से जुडे़ अनेक कलाकार छत्तीसगढ के है। छत्तीसगढ के ओंकारदास  मानिकपुरी नें इसमें मुख्य भूमिका अदा की है। "पिपली लाईव"ने एक सामान्य कलाकार को बालीवुड का स्टॉर बना दिया है। इस फिल्म को अभी अभी डर्बन फिल्म एवार्ड प्राप्त हुआ है। पिपली लाईव में भूमिका अदा करने वाले छत्तीसगढ के महान विभूतियों का लोग जगह-जगह स्वागत सम्मान कर रहे हैं। इन महान सपूतों ने छत्तीसगढ़ माटी की शान बढ़ाई है। वास्तव में ये वंदनीय है। 00309