विगत 20-21 मार्च को देश की राजधानी नईदिल्ली में राष्ट्रीय राज्य सहकारी बैंक्स महासंघ National Federation of State Cooperative banks (NAFSCOB) , भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ National Coperative union of India (NCUI) एवं राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (Nabard) के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय सेमीनार का आयोजन किया गया. सेमीनार का विषय था - "National Conference on Recent Trends in Short Term Coperative Credit Structure : Towards strengthening".
इस सेमीनार में देश भर के राज्य सहकारी बैंकों, जिला सहकारी बैंकों एवं चुनिन्दा पैक्स (pacs) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. नेफ्सकाब के उपाध्यक्ष तथा छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष के नाते मैंने इस सेमीनार में अपने विचार रखे.
फसल बीमा के साथ-साथ फसल ऋण का भी बीमा हो - अशोक बजाज
कृषि ऋण की वितरण प्रणाली को सरल, पारदर्शी व व्यापक बनाने समितियों को ऑनलाईन करने की मांग
रायपुर। अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज दिल्ली में गत रविवार व सोमवार को आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार में शामिल हुए । सेमीनार का आयोजन नेफ्सकाॅब, एन.सी.यू.आई. और नाबार्ड के तत्वाधान में किया गया था । कार्यक्रम में बोलते हुए अध्यक्ष श्री बजाज ने कहा कि किसानों को दिये जाने वाले फसल ऋण का विस्तार कैसे किया जाए इस पर गहन मंथन की आवश्यकता है । इसके अलावा ऋण के जोखिम को कम करने के लिए भी कदम उठाने की आवश्यकता है । इसके लिए सुझाव देते हुए अपेक्स बैंक के अध्यक्ष अशोक बजाज ने कहा कि ऐसी नीति तैयार किये जाने की आवश्यकता है जिसमें फसल बीमा के साथ-साथ फसल ऋण का भी बीमा हो, उन्होने कहा कि इस तरह की पाॅलिसी तैयार करने में यह व्यवस्था हो कि कम से कम भार किसान पर पड़े । इसके अलावा फसल बीमा का अधिक से अधिक लाभ कैसे किसानों को दिया जाए इस पर भी श्री बजाज ने सेमीनार में अपने सुझाव रखे । सहकारी बैकों के माध्यम से जो ऋण किसानों को दिया जाता है उसमें औसतन 80 प्रतिशत ही वसूली होती है । अगर ऋण का भी बीमा होगा तो शत-प्रतिशत ऋण की वसूली सुनिश्चित हो जाएगी तथा सहकारी समितियां घाटे से उबर जायेंगीं । मगर यहाॅं पर यह ध्यान देने की जरूरत है कि किसानों के उपर नई योजना का अधिक भार न पड़े । नेफ्सकाॅब, सहकारी संघ, एन.सी.यू.आई. और नाबार्ड के राष्ट्रीय सेमीनार में बोलते हुए अपेक्स बैंक रायपुर के अध्यक्ष अशोक बजाज ने कहा कि देश में कृषि ऋण के मामले में सहकारी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण है, अतः इन संस्थाओं की मजबूती बेहद आवश्यक है । उन्होंने सहकारी समितियों के कामकाज को ऑनलाइन करने हेतु नाबार्ड से पर्याप्त वित्तीय व्यवस्था करने की मांग की ताकि कृषि ऋण की वितरण प्रणाली को सरल, पारदर्शी व व्यापक बनाया जा सके। श्री बजाज ने छत्तीसगढ़ की भांति अन्य प्रदेशों में भी किसानों को शून्य प्रतिशत पर ऋण वितरित किये जाने की वकालत की । कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री मोहन भाई कुन्दारिया, अंतराष्ट्रीय को-आपरेटिव बैंकिंग एसोसियेशन के अध्यक्ष श्री जीन लुईश बंसेल, नेफ्सकाॅब के अध्यक्ष श्री दिलीप संघानी, राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री चंद्रपाल सिंह यादव, भारत सरकार के कृषि विभाग के संयुक्त संचालक श्री आशीष भुटानी, नेफ्सकाॅब के प्रबंध संचालक श्री बी.सुब्रहम्यणम्, एन.सी.यू.आई. के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री दिनेश कुमार, जिला सहकारी बैंक रायपुर के अध्यक्ष योगेश चंद्राकर, दुर्ग के अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी विनोद गुप्ता उपस्थित थे ।
राष्ट्रीय सेमीनार की कुछ तस्वीरें
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