14 सितंबर, 2016
25 अगस्त, 2016
23 अगस्त, 2016
पाकिस्तान के खंडित होने का संकेत
15 अगस्त को पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस समारोह धूमधाम से मनाया गया . इसके पूर्व 14 अगस्त को अखंड भारत स्मृति दिवस पर देश की तरुणाई ने देश की एकता व अखंडता का संकल्प लिया तथा " याद करो कुर्बानी " के तहत तिरंगा यात्रा निकाल कर देश के प्रति समर्पण का सन्देश दिया . जबकि पड़ोसी देश पाकिस्तान में 14 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विद्रोह की छाया थी . पाकिस्तान के बलूचिस्तान राज्य में लोगों ने काला दिवस मनाकर अपने विरोध का इज़हार किया . कहने का तात्पर्य यह है कि स्वतंत्रता के 70 वे वर्ष में एक तरफ भारत में अखंडता की भावना की भावना विकसित हुई तो दूसरी तरफ पाकिस्तान के खंडित होने का संकेत .
नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा 14 अगस्त को नवापारा में याद करो कुर्बानी के अंतर्गत ध्वजारोहण |
नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा 14 अगस्त को नवापारा में याद करो कुर्बानी के अंतर्गत वृक्षारोपण |
नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा 14 अगस्त को नवापारा में याद करो कुर्बानी के अंतर्गत आयोजित समारोह में उमड़े किशोर |
नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा 14 अगस्त को नवापारा में याद करो कुर्बानी कार्यक्रम |
नेहरू युवा केंद्र संगठन द्वारा 14 अगस्त को नवापारा में याद करो कुर्बानी के अंतर्गत तिरंगा यात्रा |
स्वतंत्रता दिवस की तस्वीरें . . .
स्वतंत्रता दिवस 2016 : चौपाल रायपुर |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक रायपुर |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : गाँधी चौंक नवापारा राजिम |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : गाँधी चौंक नवापारा राजिम |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : गाँधी चौंक नवापारा राजिम |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : गाँधी चौंक नवापारा राजिम |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : गाँधी चौंक नवापारा राजिम |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : गाँधी चौंक नवापारा राजिम |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : नवापारा राजिम के मोमिनपारा में जश्न ए आज़ादी. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : नवापारा राजिम के मोमिनपारा में जश्न ए आज़ादी. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में ध्वजारोहण. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में ध्वजारोहण. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर में ध्वजारोहण. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर में ध्वजारोहण. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर में ध्वजारोहण. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर में ध्वजारोहण. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : शासकीय बजरंगदास उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर में ध्वजारोहण. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : शासकीय बजरंगदास उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : शासकीय बजरंगदास उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : जनसम्पर्क विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के टाउनहॉल में आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी ‘उत्कर्ष’ का शुभारंभ समारोह. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : जनसम्पर्क विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के टाउनहॉल में आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी ‘उत्कर्ष’ का शुभारंभ समारोह. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : जनसम्पर्क विभाग द्वारा राजधानी रायपुर के टाउनहॉल में आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी ‘उत्कर्ष’ का शुभारंभ समारोह. |
स्वतंत्रता दिवस 2016 : राजभवन में स्वतंत्रता सेनानी डा. श्री महादेव प्रसाद पांडे जी एवं श्री पन्नालाल पण्डया जी के दर्शन का सौभाग्य मिला. उस दौर के बिरले लोग ही बचे है जिनके दर्शन हो पाते है. |
21 अगस्त, 2016
मोदी व रमन ने बढ़ाया रेडियो का महत्व
रेडियो श्रोता दिवस (20 अगस्त) पर विशेष लेख
संचार क्रांति के इस दौर में रेडियो की महत्ता आज भी बरकरार है । 20वीं सदी में तो यह संचार व मनोरंजन का सबसे सशक्त व प्रभावी माध्यम था । आजादी के आंदोलन के दौरान और बाद में भी अनेक अवसरों पर रेडियो ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । 15 अगस्त 1947 को देश के आजाद होने की सूचना रेडियो के माध्यम से ही गांव-गांव तक पहुंची थी। दिल्ली के प्रमुख चैराहों में प्रधानमंत्री का संदेश सुनने के लिए रेडियो सेट लगाये गये थे । जनता को कोई महत्वपूर्ण सूचना व संदेश देना हो, प्राकृतिक आपदा से लोंगों को सावधान करना हो अथवा दंगा फसाद जैसी गतिविधियों से दूर रहने की अपील करना हो, सरकार के लिए रेडियो ही त्वरित सूचना का माध्यम था । रेडियो की कनेक्टिविटी सुदूर जंगलों, दुर्गम पहाड़ी इलाकों में होने के कारण आसानी से अधिकांश लोंगों तक सूचना पहुंच जाती थी । सीमा में तैनात सिपाहियों को देश-दुनिया की खबरों एवं मनोरंजन के लिए रेडियो ही एकमात्र सहारा था। हालांकि दुनिया में रेडियो के प्रसारण का इतिहास काफी पुराना नहीं है, सन 1900 में मारकोनी ने इंग्लैण्ड से अमरीका बेतार संदेश भेजकर व्यक्तिगत रेडियो संदेश की शुरूआत की. उसके बाद कनाडा के वैज्ञानिक रेगिनाल्ड फेंसडेन ने 24 दिसम्बर 1906 को रेडियो प्रसारण की शुरूआत की, उन्होंने जब वायलिन बजाया तो अटलांटिक महासागर में विचरण कर रहे जहाजों के रेडियो आपरेटरों ने अपने-अपने रेडियो सेट से सुना. उस समय वायलिन का धुन भी सैकड़ों किलोमीटर दूर चल रहे जल यात्रियों के लिए आश्चर्यचकित करने वाला था. संचार युग में प्रवेश का यह प्रथम पड़ाव था. प्रसिध्द साहित्यकार मधुकर लेले ने अपनी पुस्तक ‘‘भारत में जनसंचार और प्रसारण मीडिया’’ में लिखा है कि भारत जैसे विशाल और पारम्परिक सभ्यता के देश में बीसवीं सदी के आरंभ में जब आधुनिक विकास का दौर शुरू हुआ तो नये युग की चेतना के उन्मेष को देश के
विशाल जनसमूह में फैलाना एक गंभीर चुनौती थी. ऐसे समय में जनसंचार के प्रभावी माध्यम के रूप में रेडियो ने भारत में प्रवेश किया. कालांतर में टेलीविजन भी उससे जुड़ गए. दोनों माध्यमों ने हमारे देश में अब तक अपनी यात्रा में कई मंजिलें पार की है. आकाशवाणी और दूरदर्शन ने भारत में प्रसारण मीडिया के विकास में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है. भारत जैसे भाषा-संस्कृति-बाहुल्य और विविधता भरे देश में राष्ट्रीय प्रसारक की भूमिका और जिम्मेदारियां बड़ी चुनौती भरी रही हैं.
माना जाता है कि 20 अगस्त 1921 को भारत में रेडियो का पहला प्रसारण हुआ था, टाइम्स ऑफ इण्डिया के रिकार्ड के अनुसार 20 अगस्त 1921 को शौकिया रेडियो ऑपरेटरों ने कलकत्ता, बम्बई, मद्रास और लाहौर में स्वतंत्रता आन्दोलन के समय अवैधानिक रूप से प्रसारण शुरू किया तथा इसे संचार का माध्यम बनाया. छत्तीसगढ़ के रेडियो श्रोताओ ने इसी दिन की याद में 20 अगस्त का चयन रेडियो श्रोता दिवस के रूप में किया. समूचे देश के रेडियो श्रोता संघ विभिन्न स्थानों पर 20 अगस्त को कार्यक्रम आयोजित करते हैं । रेडियो की महत्ता को बरकरार रखने में रेडियो श्रोता महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं । रेडियो के क्षेत्र में क्रांति तब आई जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जन-संवाद के लिए रेडियो का माध्यम बनाया, वे 3 अक्टूबर 2014 से प्रत्येक माह के किसी एक रविवार को सुबह 11 बजे ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम में आकाशवाणी के माध्यम से ज्वलंत मुद्दों की चर्चा करते हैं । ‘‘मन की बात’’ कार्यक्रम का असर ये हुआ कि बरसों से बंद पड़े रेडियो दुकानों के शटर पुनः खुल गये । वास्तव में प्रधानमंत्री मोदी ने आधुनिक दौर में रेडियो के महत्व को बढ़ाया है । इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने 13 सितम्बर 2015 से आकाशवाणी के माध्यम से ‘‘रमन के गोठ’’ का प्रसारण शुरू किया । इस कार्यक्रम का प्रसारण भी प्रत्येक माह के द्वितीय रविवार को सुबह 10.45 बजे किया जाता है । रेडियो के माध्यम से मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह प्रदेश के चहुमुखी विकास के साथ-साथ शिक्षा, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य से जुड़ी बातों पर ना केवल चर्चा करते हैं, बल्कि जनता के सुझावों पर अमल भी करते हैं । यह कार्यक्रम पूरे प्रदेश में लोकप्रिय है ।
अतः यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह ने रेडियो की महत्ता को पुर्नस्थापित किया है। - अशोक बजाज
02 अगस्त, 2016
भाजपा का प्रशिक्षण महाभियान
नए जोश और संकल्प के साथ भाजपा का प्रशिक्षण वर्ग संपन्न
देश में भारतीय जनता पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो एक निश्चित विचारधारा पर चलती है तथा अपने कार्यकर्ताओं को समय समय पर अपने इस विचारधारा का बोध कराने के लिए प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन करती है. पिछले एक वर्ष से भाजपा का प्रशिक्षण महाअभियान चल रहा है इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ भाजपा का 4 दिवसीय प्रांतीय अभ्यास वर्ग 28 से 31 जुलाई 2016 तक चंपारण में आयोजित हुआ. इस प्रशिक्षण शिविर में लगभग 220 प्रशिक्षणार्थियों ने हिस्सा लिया.
श्री चंपेश्वर महादेव एवं महाप्रभु वल्लभाचार्य की इस पावन भूमि में सभी प्रशिक्षणार्थियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया तथा इस पर्यटन व धार्मिक नगरी में चार दिन रहकर ज्ञानार्जन प्राप्त किया. प्रशिक्षणार्थियों के ठहरने के लिए वल्लभ निधि ट्रस्ट भवन, गोपाल धर्मशाला तथा सुदामापुरी धर्मशाला में व्यवस्था की गई थी. लगभग 100 कार्यकर्ताओं को विभिन्न व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी दी गई थी.
सम्मलेन में चारों दिन प्रातः जागरण के साथ संघ की शाखा में योग एवं प्राणायाम का अभ्यास तो हुआ ही साथ ही साथ गाँव में स्वच्छता अभियान का सन्देश देने के लिए अंतिम दिन विभिन्न मुहल्लों में सफाई अभियान चलाया गया जो काफी प्रसंशनीय रहा. रात में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुए जिसमें कार्यकर्ताओं के अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. सम्मलेन के अंतिम रात में अंचल के सुप्रसिद्ध हास्य कवि डा. सुरेन्द्र दुबे की कविताओं से कार्यकर्ता लोटपोट हुए .
सम्मलेन की विशेषता यह रही कि भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन श्री रामलाल जी के अलावा श्री महेश चन्द्र शर्मा जी, श्री अरुण कुमार जैन जी, श्री मुरलीधर राव जी, श्री सौदान सिह जी, श्री वी.सतीश जी, श्री अनिल जैन जी, श्री विनय सहस्त्रबुद्धे जी प्रशिक्षण देने केंद्र से पहुंचे. प्रदेश के नेताओं में मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह जी, श्री दीपक विस्पुते जी, श्री श्रीगोपाल जी, सुश्री सरोज पांडे जी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक जी, श्री पवन साय जी एवं श्री अजय चंद्राकर जी ने विभिन्न विषयों पर कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया. सहकारिता विषय पर मुझे भी बोलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. सम्मलेन की एक विशेषता यह भी रही कि मुख्यमंत्री डा. रमन सिह उद्घाटन व समापन दोनों में शामिल हुए. इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार के अन्य मंत्रियो ने भी अभ्यास वर्ग में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया. संसद के वर्षाकालीन सत्र के कारण सांसदगण सत्र के अंतिम दो दिन ही उपस्थित हो सके. प्रदेश की राजनीति में विशेषकर भाजपा के विकास यात्रा में मील का पत्थर शामिल होने वाली इस चार दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में राष्ट्र के समक्ष चुनौतियां, सामाजिक समरसता, सैद्धांतिक अधिष्ठान, कार्यकर्ताओं का व्यक्तित्व विकास, हमारा विचार परिवार, भाजपा का इतिहास व विकास, सुशासन, सहकारिता, विदेश नीति, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, एकात्म मानववाद, हमारी कार्यपद्धति, सत्ता व संगठन में समन्वय तथा छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत, इतिहास व धरोहर जैसे गूढ़ विषयों पर विषय विशेषज्ञों ने अपनी बातें रखी तथा कार्यकताओं के प्रश्नों का समाधान किया. संगठन के तपे व मंजे हुए इन नेताओं के ज्ञान व मार्गदर्शन से कार्यकर्ताओं में नई उर्जा का संचार हुआ तथा नए जोश और नए संकल्प के साथ इस चार दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग का समापन हुआ.
प्रशिक्षण वर्ग की झलकियाँ
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