|
श्रीगणेशजी |
दूसरे दिन यानी 10 जुलाई को सुबह से ही काठमांडू शहर घूमने का प्रोग्राम बना . सो सुबह 8.00 बजे दो बसों में भरकर हम लोग सबसे पहले पशुपतिनाथ मंदिर का दर्शन करने निकले . दोनों बसों में अलग-अलग गाईड की व्यवस्था की गई थी . गाईड ने हमें बताया कि काठमांडू का पशुपतिनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल तो नही है, लेकिन जिस प्रकार अमरनाथ 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल नही होने के बावजूद उसका दर्शन महत्वपूर्ण है उसी प्रकार पशुपतिनाथ का दर्शन महत्वपूर्ण है . पशुपतिनाथ मंदिर पहुँचने के पूर्व एक श्रीगणेशजी का मंदिर है , हम सबने गणेशजी के दर्शन किये . पशुपतिनाथ मंदिर के प्रांगण में प्रवेश करते ही जानकारी मिली कि मंदिर के अन्दर केवल हिन्दू ही प्रवेश कर सकते है अन्य नहीं ; मंदिर के अन्दर कैमरा ले जाना भी मना है . हमें दर्शन करने में एक घंटे लग गए . मंदिर परिसर के बाहर प्रसाद एवं अन्य सामानों की दूकानें सजी थी . जहाँ रुद्राक्ष एवं उसकी मालाएं मिल रही थी. सबने कुछ ना कुछ ख़रीदा और आगे बढ़ गए .
पशुपतिनाथ का दर्शन कर हम लोग बौद्धस्तूप गयें तथा स्तूप की पूरी परिक्रमा की . यहाँ पर बौद्ध भिक्षुओं की काफी भीड़ देखने को मिली . दोपहर का समय था , धूप काफी तेज थी . सुबह जल्दी-जल्दी हल्का पुल्का नाश्ता करके निकले थे अतः सबको भूख सता रही थी . स्तूप के बाहर मुख्य मार्ग में पहुंचे तो फूटपाथ में कुछ देर खड़े होकर बस का इंतजार करना पड़ा. फूटपाथ में एक दुबला-पतला वयोवृद्ध बैठा था.उसके हाथ में सिगरेट व माचिस देख कर मजाक सूझी . उसने आग्रह करने पर सिगरेट सुलगाई और चुस्कियां भरते हुए पोज देने लगा. फोटो खिचाते समय वह बड़ा खुश हो रहा था . मेरे पूछने पर उसने अपना नाम भी बताया लेकिन मैं उसका नाम भूल रहा हॅूं. क्रमशः
|
पशुपतिनाथ का मुख्य द्वार |
|
पशुपतिनाथ का मुख्य द्वार |
मस्त, कमाल के चित्र हैं।
जवाब देंहटाएंबुढा भी मौज ले रहा है।
आभार
तस्वीरें सुंदर और मजेदार.
जवाब देंहटाएंजय जय महादेव।
जवाब देंहटाएंआपके रोचक संस्मरण के विवरण के माध्यम से पशुपतिनाथ के दर्शन का सौभाग्य मिला, पता नहीं कभी जाना हो पाएगा भी ..?
जवाब देंहटाएंबहुत रोचक यात्रा वर्णन ... आभार
जवाब देंहटाएंविश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल देवाधिदेव महादेव भगवान पशुपतिनाथ एवं बौद्धस्तूप के सचित्र दर्शन से मन आनंदित हुआ. आपके आलेख से नेपाल की हिन्दू और बौद्ध संस्कृति का दर्शनलाभ मिला......!
जवाब देंहटाएंआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल सोमवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
जवाब देंहटाएंयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग इस ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो हमारा भी प्रयास सफल होगा!
आपकी नेपाल की सारी पोस्ट, वहाँ पर घूम कर आने वालों के लिए बडॆ काम आयेगी।
जवाब देंहटाएं