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04 जनवरी, 2011

भारतीय मूल का व्यक्ति बनेगा अमेरिका का राष्ट्रपति ?




BOBBY JINDAL

'पब्लिक पॉलिसी पोलिंग ' द्वारा किए गए एक जनमत संग्रह के मुताबिक भारतीय मूल के बॉबी जिंदल अमरीका के गवर्नरों में सबसे लोकप्रिय गवर्नर हैं. बॉबी जिंदल रिपब्लिकन पार्टी के नेता हैं और वर्ष 2008 में लुइज़ियाना राज्य के गवर्नर बने थे.जिंदल को इस सर्वेक्षण में 58 प्रतिशत मत पक्ष में मिले और 34 प्रतिशत लोगों ने उनके कामकाज के तरीक़ों पर नाराज़गी ज़ाहिर की.

इस जनमत संग्रह के मुताबिक कैलिफ़ोर्निया के गवर्नर और हॉलीवुड अभिनेता अर्नॉल्ड श्वार्ज़नेगर को केवल 25 प्रतिशत मत मिले.यानी बॉबी जिंदल लोकप्रियता के मामले में फिल्मी स्टार अर्नॉल्ड श्वार्ज़नेगर से भी आगे है .भारतीय मूल के किसी व्यक्ति के लिए अमरीका में यह एक नया मुक़ाम है.पिछले कई दशकों के अमरीकी इतिहास में जिंदल पहले अश्वेत व्यक्ति हैं जो लुइज़ियाना के गवर्नर के पद तक पहुँचे हैं. वर्ष 2011 में लुइज़ियाना में दोबारा चुनाव होने हैं और जिंदल आगामी चुनाव में भी लड़ने का मन बना रहे हैं.

बॉबी जिंदल को रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर भी देखा जा रहा है . यदि भाग्य ने साथ दिया तो अमेरिका के राष्ट्रपति पद को सुशोभित करने वाले बॉबी जिंदल भारतीय मूल के पहले व्यक्ति होंगे . इसके लिए उन्हें अपनी लोकप्रियता को राष्ट्रपति चुनाव तक बरकरार रखना एक बडी चुनौती है .हम उन्हें व्हाईट हाउस काबिज होते देखना चाहते है . शुभकामनाएं !!!

9 टिप्‍पणियां:

  1. वाह, बॉबी जिंदल को शुभकामनाएं।

    उनका राष्ट्रपति बनना इतना आसान भी नहीं है। फ़िर भी ईश्वर से प्रार्थना है कि वे सफ़ल हों।

    आभार

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  2. यह सोचते हुए हम अपने देश प्रमुख की गद्दी पर अन्‍य देश के मूल निवासी पर भी विचार करें, मेरी एक पोस्‍ट रंगरेजी देस का आशय लगभग यही है.

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  3. शुभकामनाएं
    नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें

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  4. आप इन अमेरिकन को नही जानते जी....यह गोरे मन के इतने गोरे नही जितना हम भारतिया इन्हे समझते हे, मन के बहुत काले हे यह साले

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  5. डगर कठिन है...पर आश है तो .....देखते हैं आगे क्या होता है...

    देश भक्ति को पाप कहें यदि
    मै हूँ पापी घोर भयंकर
    किन्तु रहा वो पुण्य कर्म तो
    मेरा है अधिकार पुण्य पर
    अचल खड़ा मै इस वेदी पर
    -अमर वीर नाथूराम गोडसे

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  6. To, चलिए अच्छा है ..हिन्दुस्थान में तो जो सबसे कमजोर ..मुर्ख..निरीह.. चालू शब्दों में चुतिया होता है
    उसे ही ऐसा गौरव प्राप्त होता है...हमारे देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे एक बेचारा और एक बेचारी को ही ले लीजिए ? चलिए छोडिये
    एक बेचारा शशि थरूर जिसकी किस्मत मरी गई थी जो अमेरिका की राजनीति छोडकर भारत में भाग्य आजमाने चला आया ..? वर्ना बाबी जिंदल के साथ साथ शशि थरूर भी अमेरिका राष्ट्रपति बनने के लिए क़तर में खड़े होते .
    (तात्पर्य : हिन्दुस्थान के नेताओ में होशयार लोगो को बर्दास्त करने कि छमता कम होती है ..यहाँ मुर्ख बन कर रहो तभी सत्ता आपको नशीब होगी)

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  7. To, चलिए अच्छा है ..हिन्दुस्थान में तो जो सबसे कमजोर ..मुर्ख..निरीह.. चालू शब्दों में चुतिया होता है
    उसे ही ऐसा गौरव प्राप्त होता है...हमारे देश के सर्वोच्च पदों पर बैठे एक बेचारा और एक बेचारी को ही ले लीजिए ? चलिए छोडिये
    एक बेचारा शशि थरूर जिसकी किस्मत मरी गई थी जो अमेरिका की राजनीति छोडकर भारत में भाग्य आजमाने चला आया ..? वर्ना बाबी जिंदल के साथ साथ शशि थरूर भी अमेरिका राष्ट्रपति बनने के लिए क़तर में खड़े होते .
    (तात्पर्य : हिन्दुस्थान के नेताओ में होशयार लोगो को बर्दास्त करने कि छमता कम होती है ..यहाँ मुर्ख बन कर रहो तभी सत्ता आपको नशीब होगी)

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  8. अभी तो अमरीकी मूल के अश्वेत राष्ट्रपति के ही ईसाई होने न होने को लेकर बवाल मच रहा था। फिलहाल,तो इतनी अपेक्षा ही ठीक है कि भारतीय मूल के हाई प्रोफाइल लोगों के साथ एयरपोर्ट पर ठीकठाक व्यवहार हो।

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