ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

28 दिसंबर, 2010

प्रख्यात सिने-निर्देशक स्व. श्री सुब्रत बोस की सगी बहन वृद्धाश्रम में ?

 रायपुर से 15 कि.मी. दूर माना कैम्प स्थित वृद्धाश्रम में रह रहे वृद्धों से आज मुलाकात हुई . मै पहली बार इस आश्रम में पहुंचा था . मुझें यह कहने में कतई संकोंच नहीं कि  यह प्रेरणा मुझे छत्तीसगढ़ भवन दिल्ली में 19/12/2010  को दिल्ली के ब्लोगरों की बैठक में मिली . भाई खुशदीप सहगल ने सुझाव दिया कि ब्लोगरों को सामाजिक सरोकार के विषय पर ध्यान देना चाहिए .उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वे सप्ताह में एक बार वृद्धों के बीच जाते है . उनका हालचाल पूछते है  उन्हें काफी सुकून मिलाता है .वृद्धों को भी  बड़ा अच्छा लगता है . सभी ब्लोगरों को में यह सहमति बनी कि ब्लोगिंग के साथ सामाजिक सरोकार पर भी ध्यान दिया जाय . सो आज हमने शहर के पास माना कैम्प में वृद्ध-जनों से मिलने का प्रोग्राम तय किया . मेरे साथ पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के संयुक्त संचालक श्री एन0एस0 ठाकुर, भाजपा कार्यकर्ता- श्री नारायण यादव, श्री भगवती धनगर एवं  श्री टी0टी0 बेहरा भी थे .वरिष्ठ ब्लोगर  श्री ललित शर्मा को भी मैंने फोन कर दिया था बात होते ही वे ऐसे  आ धमके जैसे उन्हें कोई पूर्व सूचना हो .हमने माना कैम्प  स्थित स्व0 कुलदीप निगम स्मारक वृद्ध आश्रम पहुंचकर वहॉं निवासरत् सभी वृद्धजनों से एक-एक कर भेंट की तथा उनका कुशलक्षेम पूछा. वृद्धाश्रम में लगभग तीन घंटे रहे. हमने  वृद्धजनों से भेंट के दौरान  उनके वृद्धाश्रम आने का कारण एवं उनके परिजनों के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की. कुछ वृद्धजनों ने बताया कि वे स्वेच्छा से वृद्धाश्रम में दाखिल हुए हैं वहीं कुछ वृद्धजनों द्वारा पारिवारिक परिस्थिति वश वृद्धाश्रम आने की जानकारी दी  . हमने वहॉं निवासरत् सभी वृद्धजनों को शाल एवं अल्पाहर वितरित किया । वृद्धजनों ने प्रसन्नतापूर्वक  आशीर्वाद दिया. वृद्धाश्रम में सबसे चौकाने वाली बात यह थी कि एक वृद्धा   श्रीमती अपर्णा ने अपने आप को  प्रख्यात सिने-निर्देशक  स्व . श्री सुब्रत बोस की सगी बहन होने का दावा किया . ललित को तो सहसा विश्वास नहीं हुआ सो उसने कन्फर्म करने के  कुछ परिजनों के नाम पूछ लिए . वृद्धा के जवाब के बाद ललित को महिला का दावा सही लगा .

   
वृद्धाश्रम में निवासरत् जिन  वृद्धजनों से आज हम मिलें उनके नाम है : --
  01.    श्री रामसेवक दुबे                02.    श्री गणेश भट्टाचार्य              03.    श्री विप्रो मुखर्जी
    04.   श्री सुकेश सरकार               05.    श्री आर0 के0 सिंह               06.    श्रीमती रजिया
    07.   श्रीमती पुष्पा                      08.    श्रीमती सुलोचनी                09.    श्रीमती आरती
    10.  श्रीमती फुलमाला              11.    श्रीमती लक्ष्मी                     12.    श्रीमती मलिना

    13.    श्रीमती मयना                    14.    श्रीमती सुनिती                   15.    श्रीमती आकाश
    16.    श्रीमती रमा                        17.    श्रीमती अपर्णा
    18.    श्रमती सारोती                     19.    श्रीमती रामकली

10 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर बात की आप ने, यह बुजुर्ग हे हमारे, आप कुर्सी पर बेठे हे, ओर वो नीचे, अगली बार जाये तो इन के संग बेठ कर देखे... आप को कितना अच्छा लगेगा, ओर इन बुजुर्गो से कितना प्यार मिलेगा. धन्यवाद
    आप भी जुडे ओर साथियो को भी जोडे...
    http://blogparivaar.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  2. राज भाटिया जी ने ऐसी बात लिख दी है कि अपनी प्रतिक्रिया लिखने का फिलहाल कोई औचित्‍य नहीं रहा.

    जवाब देंहटाएं
  3. बुजुर्गों को जो प्यार अपने परिवार में न मिल पाया हो, वह हम दे सकें तो हमारा ही सौभाग्य।

    जवाब देंहटाएं
  4. विलुप्त हो रही मानवीय संवेदनाओं को झकझोरता है आपका यह आलेख .

    जवाब देंहटाएं
  5. सुब्रत बोस जी की बहन अगर वृद्धाश्रम में है तो यह शर्म की बात है. सुब्रत इस दुनिया में नहीं है. मगर उनकी धर्मपत्नी और उनका बेटा अनुराग बासु तो है. वे मुंबई में रहते है और फिल्म निर्माण के धंधे से जुड़े है. उनका फ़र्ज़ है की सुब्रत जी की बहन की देखभाल करे. उन्हें अपने साथ रखे. मैं सुब्रत बोस जी की पत्नी दीपशिखा जी को जानता हूँ. वे भली महिला है. उनको इस बारे में शायद कुछ पता न हो. उन तक इस बात की जानकारी पहुँचाने की कोशिश की जानी चाहिए. मैं भी पहल करूंगा

    जवाब देंहटाएं
  6. अशोक भाईसाहब,
    अभी तो बस आप को सैल्यूट...एक विवाह में जा रहा हूं...आकर विस्तार से टिप्पणी करूंगा...

    जय हिंद...

    जवाब देंहटाएं
  7. सार्थक मिलन रहा वृद्धाश्रम की माताओं से।
    मुझे भी अच्छा लगा उनसे मिल कर।

    जवाब देंहटाएं
  8. आज के भौतिक वादी समाज में वृद्धो के प्रति बदले रवैये ने हमारे बुजुर्गों को वृद्धाश्रम में रहने को विवश कर दिया है . अपने अपना समय निकाल कर अपना अमूल्य समय उन्हें दिया निश्चित रूप से उन्हें मानसिक शांति का अनुभव हुआ होगा. आपको साधुवाद
    आपका अपना
    अनिमेष jain

    जवाब देंहटाएं
  9. aapne ak aachi pahal ki bloggaro ke liye badhai aapko aur lalit bhiya ko.

    जवाब देंहटाएं
  10. केवल एक शब्द,शर्मनाक..आपके ब्लॉग के माध्यम से जानकारी मिली,इसके लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं