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18 दिसंबर 2010

बाबा गुरू घासीदास की जयन्ती पर हार्दिक बधाई !

सतनाम पंथ के प्रवर्तक बाबा गुरू घासीदास की आज  जयन्ती है , पूरे छत्तीसगढ़ में उनके अनुयायी बड़े   धूमधाम से  यह पर्व मानते है वे मानवता के पुजारी थे . उनकी मान्यता थी - " मनखे मनखे एक हे ,मनखे के धर्म एक हे " .  उन्होंने जीवन मूल्यों पर अधिक ध्यान दिया तथा लोंगो को शराब व मांस के सेवन से मुक्ति दिलाई. बाबा गुरू घासीदास ने समाज को सत्य, अहिंसा, समानता, न्याय और भाईचारे के मार्ग पर चलने की सीख दी . उनके विचारों से प्रेरणा लेकर हमने 18 दिसंबर 2007 को उनकी जयन्ती के अवसर पर " नशा हे ख़राब : जहाँ पीहू शराब "का नारा देते हुए  नशामुक्ति आन्दोलन की शुरुवात की थी . इस आन्दोलन से सम्बंधित एक पोस्ट हमने 24/06/2010 को लगाई थी,  इस ब्लॉग में नशापान एवं धुम्रपान से सम्बंधित कुछ  और भी आलेख है .
       बाबा गुरू घासीदास की  जयन्ती के अवसर  पर सतनामी  संप्रदाय के सभी बहनों और भाइयों को हार्दिक बधाई !


9 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

मनखे मनखे एक समान का संदेश देने वाले गुरु घासीदास जी की पावन जयंती 18 दिसंबर पर हार्दिक शुभकामनाएं।

Swarajya karun ने कहा…

ब्लॉग के माध्यम से गुरु बाबा घासीदास जी के महान विचारों की सारगर्भित और सार्थक प्रस्तुति के लिए आपको बहुत -बहुत धन्यवाद. बाबा की जयन्ती पर हार्दिक बधाई .

कडुवासच ने कहा…

... हार्दिक बधाई !!!

Unknown ने कहा…

गुरूजी को शत-शत नमन...जानकारीपरक लेख के लिए धन्यवाद

Rahul Singh ने कहा…

इस पावन पर्व पर बधाई.

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

ढेरों बधाई और शुभकामनाएं.

खबरों की दुनियाँ ने कहा…

जय हो ।

बेनामी ने कहा…

बाबा गुरू घासीदास की जयन्ती पर बहुत-बहुत बधाई!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

हार्दिक शुभकामनायें।