हमने पिछले माह एक पोस्ट लगाई थी जिसमें हमने लिखा था कि ब्लाग के दीवानों के लिए यह खुशखबरी से कम नहीं कि आने वाले दिनों में ब्लाक जगत की गतिविधियों की खबरों को अखबारों में स्थान मिलने लगेगा . देखें -- " ब्लागरों के लिए खुशखबरी "
तब से लगातार आप अनुभव कर रहें होंगें कि ब्लाक जगत की गतिविधियों की खबरों को अखबारों में स्थान मिल रहा है . आज सुबह जब हमने अखबार खोला तो देखा कि दिनांक 5-11-2010 यानी दीवाली के दिन लगी पोस्ट " दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं " के आधार पर दैनिक हरिभूमि रायपुर ने एक धमाकेदार समाचार प्रकाशित किया है .आप सबकी जानकारी के लिए हम ' हरिभूमि ' की कतरन यहाँ लगा रहें है . यह है वेब दुनिया का वह 'अनारदाना ' जो पूरी तरह प्रदूषण मुक्त है . शायद आपको भी पसंद आयें .
लोकप्रिय हिंदी दैनिक " हरिभूमि " 11-11-2010 |
आपका प्रयास सराहनीय है, यदि सभी की विचारधारा इसी प्रकार से हो जाए तो यह जीवन सुखदायी हो जाएगा. इस कदम पर मेरी ओर से आपको बहुत बहुत बधाई हो.
जवाब देंहटाएंवाह भाई साहब कमाल हो गया।
जवाब देंहटाएंसारे रिकार्ड धराशाई हो गए।
आभार
बहुत बढिया प्रयास। धन्यवाद।
जवाब देंहटाएंमेरी तरफ से भी बधाई स्वीकार करे |
जवाब देंहटाएंआपका प्रयास सराहनीय है । हम भी किसी काम के योग्य हो तो जरूर याद कीजियेगा । इस समाज के लिये हम भी कुछ कर सके
जवाब देंहटाएंआपकी छोड़ी टिपण्णी द्वारा आपके ब्लॉग पर आना हुआ, आपका प्रयास सराहनीय है । आपको भी साधुवाद
जवाब देंहटाएंवाह......क्या बात है....
जवाब देंहटाएंपटाखों पर रोक लगनी चाहिए। मगर फुलझड़ियों,अनारों आदि की इजाजत होनी चाहिए। सब कुछ अगर कंप्यूटर पर ही सिमट कर रह गया तो यह हमारी उत्सवधर्मिता के लिए प्रतिकूल होगा।
जवाब देंहटाएंलोगबाग ऐसे ही परेशान हैं बच्चों की कम्प्यूटर और टीवी की लत से। ऐसे में,यह ई-पटाखा! थोड़ा उत्साह तो वास्तविक जीवन के लिए भी बचा रहना चाहिए!
जवाब देंहटाएंbehtareen appeal....
जवाब देंहटाएंkintu mere khyaal se tyohaar ke mauke pe kuchh liberty honi chahiye bajaj saahab !!
btw ur effort is welcomed..
@ पं. अनिल जी शर्मा सहारनपुर,
जवाब देंहटाएं@ पं. ललित शर्मा,
@ निर्मला कपिला,
@anshumala,
@पलाश
@Bhaskar,
@राहुल पंडित,
@robin,
आप सबको यह प्रयास पसंद आया , आपने हौसला अफजाई की इसके लिए साधुवाद .
@शिक्षामित्र,
जवाब देंहटाएं@कुमार राधारमण,
आप लोंगों का सुझाव ठीक लगा .त्योहारों की मौलिकता को बरकरार रखते हुए इस प्रयोग को आजमाना चाहिए . त्योहारों के अतिरिक्त शादी ब्याह में भी बड़ी स्क्रीन पर इसका इस्तेमाल किया जाना चाहिए . प्रदूषण के जहर से बचना और बचाना आवश्यक है .कृपया मेरे पिछले पोस्ट " प्रदूषण के डर से , ना निकला घर से ...." का भी अवलोकन करें .धन्यवाद .
बधाई स्वीकार करें
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