चमारिन बाई को मिला पहला यू.आई.डी. कार्ड
देश के हर व्यक्ति का अब अलग पहचान नंबर होगा जिसे यू . आई . डी . नाम दिया गया है .यह अनोखी राष्ट्रीय परियोजना है,जो नेशनल आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा संचालित है . हर व्यक्ति का पहचान नंबर बारह अंकों का होगा .
पूरे देश में एक जैसे पहचान पत्र जारी करने की इस योजना पर तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होने हैं.यह योजना मार्च 2014 तक चलेगी और तब तक देश के हर नागरिक को आधार संख्या दे दी जाएगी.एक जैसे पहचान पत्र और पहचान संख्या देने का मकसद देश के सभी लोगों को विकास की प्रक्रिया में शामिल करना है. आधार संख्या के जरिए सरकार उन लोगों की पहचान को आसान बनाना चाहती है जो विकास की रफ्तार में पीछे छूट जाते हैं. इसके अलावा प्रशासन को बेहतर बनाने और लोगों तक आसानी से सारी सुविधाएं पहुंचाने में भी यह पहचान पत्र काम आएगा. छात्रवृत्ति, राशन कार्ड, पासपोर्ट आदि के लिये यह उपयोग में लाया जा सकेगा .
छत्तीसगढ़ में आज से नागरिकों को विशेष पहचान संख्या UID देने का काम शुरू हो गया है .रायपुर जिले के गरियाबंद के ग्राम पंचायत जोबा की चमारिन बाई को इस परियोजना के तहत राज्य का पहला यू.आई.डी कार्ड धारी होने का गौरव प्राप्त हुआ .स्वयं मुख्य मंत्री डा. रमन सिंह ने ग्राम जोबा के स्टाल में जाकर अपना यू . आई . डी . बनवाया .
धन्यवाद, पहली खबर आपसे मिली. लगभग छः माह पहले यूनिक आइडी पर पोस्ट लिख कर मैंने ब्लॉगिंग शुरू की थी, तब 12 अंकों की कोई चर्चा नहीं थी, जिसका जिक्र मेरी पोस्ट में है.
जवाब देंहटाएंकुछ काम ऐसे हो रहे हैं जिन्हे देख कर लगता है कि देश में तुगलग का शासन है,कुछ भी किए जा रहे है। एक आदमी अब कितने नम्बर और कार्ड संभालेगा,राशन कार्ड,वोटर कार्ड,पैन कार्ड,एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड,डेबिट कार्ड, पासपोर्ट, बैंक पास बुक, ड्राईविंग लायसेंस, किसान कार्ड, रोजगार कार्ड, आईडेंटी कार्ड, युनिक आई डी कार्ड, उसके बाद बस कार्ड ही कार्ड ही। सबके नम्बर अलग-अलग। कितना क्या क्या संभाल कर रखेगा?
जवाब देंहटाएंसभी कार्डों की जगह एक ही कार्ड हो और एक ही नम्बर होना चाहिए, जोकि उसके घर से लेकर गाड़ी और फ़ोन मोबाईल तक का हो। जिससे सहज ही याद रखा जा सकता है। बाकी सब कार्ड और नम्बर विलोपित किए जाएं। कुछ ऐसी योजना बनाई जानी चाहिए जो सरल हो और उसका उपयोग सरलता के साथ किया जा सके। प्रत्येक संस्थान में उसकी मान्यता हो।
सुन्दर प्रयास सफल हो।
जवाब देंहटाएंमै सहमत हुं कि भारत मे हर आदमी का एक पहचान पत्र होना चाहिये, जिस से पता चले कि कितनी जनसख्या हे,ओर इस से लोगो को ही लाभ पहुचेगा,हर ऎरा गेरा पकिस्तान या बंगला देश से भाग कर आये ओर खुद को भारतिया नही कह पायेगा,इस पहचान पत्र मे फ़ोटो, फ़िंगर प्रिंट, जन्म दिन,पिता का नाम स्थान वगेरा सारी बाते विस्तार से होनी चाहिये,
जवाब देंहटाएं... saraahaneey post !!!
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