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09 सितंबर, 2010

शार्ट-कॅट का जमाना और 8,9,10 का योग



शार्ट-कॅट का जमाना और 8,9,10 का योग


भागमभाग के इस युग में समय और श्रम बचाने की अच्छी प्रवृति  का चलन हो गया है । अपनी बात को संकेतो या प्रतीको के माध्यम से व्यक्त करने का युग आ गया है। आज हर व्यक्ति व्यस्त है, अति व्यस्त है इसीलिए उसे इतनी फुरसत नही है कि अपनी बात पूरी तरह स्पष्ट करे। वह एक वाक्य या एक शब्द या एक अक्षर में ही पूरी बात कह देना चाहता है। भारत में ॐ एक  अक्षर है इसमें पूरी बात स्पष्ट हो जाती है। इसके लिय  " ओम " लिखने की जरूरत नही है। अभी अभी सरकार ने रूपिये के सांकेतिक अक्षर को मान्यता दी है अब रू लिख देने मात्र से रूपिये का अर्थ निकल आता है ।

मोबाइल  या ई-मेल से जो संदेशो का आदान प्रदान होता है उसमें भी केवल अक्षरो से काम चालाया जाता है मसलन यदि YOUलिखना है तो U लिख दिया जाता है, इसी प्रकार PLEASE के लिए PLZ , TO के लिए 2 , JEE  के लिए G , I AM  की जगह I'M , I CAN NOT  की जगह I,CAN'T आदि आदि शब्दो का इस्तेमाल हो रहा है ।

 मैसेज भेजने वाले और पाने वाले दोनो समझ जाते है। जैसे किसी ने दिवाली का बधाई संदेश भेजा तो जवाब में लिखा जाता है SAME TO YOU  , इससे अर्थ उभर जाता है कि आपको भी दीपावली की बधाई। मात्र 6 अक्षरो मे पूरा सेदेश भेज दिया जाता है । यदि इस संदेश को रोमन लिपि में लिखा जाय तो लिखना पड़ेगा AAPAKO BHEE DEEWALI KEE BADHAI  , यानी 26 अक्षरो का इस्तेमाल करना पड़ेगा। जबकी SAME 2 U यानी 6 अक्षरो से संदेश पूरा हो जाता है।

मोर्स कोर्ड टेलीग्राफ
जब मोबाइल और इंटरनेट नही आया था तब तार भेजना पड़ता था । जन्म, मृत्यु या त्योहारों का बधाई संदेश भेजने के लिए डाकघरो में इतनी भीड़ लगी रहती थी कि  घंटो लाईन लगाना पड़ता था। डाकतार विभाग सदेशों  का हस्तांतरण करने के लिए अंको का भी इस्तेमाल करता था। मसलन “दिपावली की हार्दिक शुभकामनाएं” के लिए 1 नम्बर निर्धारित था,ईद   के लिए 2 , आदि आदि ।इससे पैसे की बचत होती थी ।तार संदेश प्राप्त करने वाला डाकघर उस अंक के अधार पर तार प्राप्त करने वाले को पूरा संदेश लिखकर भेजते थे । कभी कभी वे पूरा सेदेश लिखने के बजाय केवल अंक लिखकर भेज देते है।


                               8-9-10  ( 8 सितम्बर 2010 )
तिथि लिखने के लिए भी संकेतो का सहारा लिया जाता है जैसे 8 सितम्बर 2010 लिखना है तो केवल 8-9-10 लिखने की परम्परा है । अंको के बड़ते क्रम का विचित्र संयोग है। ऐसा रोज नही होता बल्कि सौ साल में केवल 11 दिन ही ऐसे है जब ऐसा योग बनता है। वर्तमान शताब्दी में 1 फरवरी 2003 यानी 1 -2 -3, 2 मार्च 2004 यानी 2 -3-4, 3 अप्रेल 2005 यानी 3-4-5, 4 मई 2006 यानी 4-5-6, 5 जून 2007 यानी 5-6-7, 6 जुलाई 2008 यानी 6-7-8, 7 अगस्त 2009 यानी 7-8-9, और अभी 8 सितम्बर 2010 यानी 8-9-10, । आगे सन् 2011, 2012 एवं 2013 में भी ऐसा योग बनेगा।00204 PHOTO BY GOOGLE



9 टिप्‍पणियां:

  1. वाकई, शार्ट कट का जमाना है.

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  2. इससे भी ज्यादा शार्ट कट आ गए हैं,
    कहो तो लिस्ट भेज देता हूँ।

    बेहतरीन लेखन के बधाई

    356 दिन
    ब्लाग4वार्ता पर-पधारें

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  3. जिंदगी ही शोर्ट कट हो गई है ..तो बाकि सब भी शोर्ट कट करना ही पड़ेगा .

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  4. shortcut ka jamana hai.long cut walo ko tikat naha milti

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