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25 अगस्त, 2010

सावन नहीं तो भादों में सही /छत्तीसगढ़ी कविता

भादो म बरसबे, सावन असन
(छत्तीसगढ़ी कविता)


चल दिस  सावन,
पर ते जाबे झन;
सुक्खा हे धरती ,
ते रिसाबे झन;
भादो म बरसबे ,
सावन असन;

चुचुवावत हे पसीना,
फीजे हे बदन;
भविष्य के चिंता म,
बूड़े हे मन ; 
भादो म बरसबे ,
सावन असन;
 

रदरद ले गिरबे ,
गरजबे झन ;
भर जाय तरिया ,
फीज जाय तन;
भादो म बरसबे ,
सावन असन;

आजा ते आजा ,
अगोरत हवन ;
खेत खार ला भरदे ,
करत हन मनन;
भादो म बरसबे,
सावन असन;
                                                - अशोक बजाज

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8 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत अच्छी कविता।
    बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    *** भारतीय एकता के लक्ष्य का साधन हिंदी भाषा का प्रचार है! उपयोगी सामग्री।

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  2. चारों मुड़ा गजरत बरसत
    सावन के बौछार हे
    भादो मा हवे पुरोनी भैया
    धान के भरमार हे।

    गाड़ा-गाड़ा, झौंआ,झौंआ बधई
    लग गे हवे रोपा
    चलन दे एकसरवा निंदई

    जोहार ले भैया,बने कविता केहे हस

    जवाब देंहटाएं
  3. चारों मुड़ा गजरत बरसत
    सावन के बौछार हे
    भादो मा हवे पुरोनी भैया
    धान के भरमार हे।

    गाड़ा-गाड़ा, झौंआ,झौंआ बधई
    लग गे हवे रोपा
    चलन दे एकसरवा निंदई

    जोहार ले भैया,बने कविता केहे हस

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  4. बहुत सुन्दर गीत...बधाई.
    ______________________
    "पाखी की दुनिया' में 'मैंने भी नारियल का फल पेड़ से तोडा ...'

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  5. अब्बड़ सुघ्घर कविता . येला पढेंव त लक्षमण मस्तूरिया के
    ये गीत ह सुरता आगे -
    'चल चल गा किसान ,बोये चली धान
    असाढ़ आगे' .
    अउ हमर सियान रविशंकर शुक्ला महाराज , दुरुग
    वाले घलव लिखे रिहिन -
    'घानी मुनी घोर दे
    पानी दमोर दे . हमर भारत देस
    ल भईया ,दही दूध म बोर दे . '
    तईसन आपमन घलव बहुत सुघ्घर गीत
    लिखे हावव. जय जोहार .

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  6. असाढ़ माँ नी बरसेव, सावन म आधा सीसी
    अईसन म आप के कविता ल पढ़ के भईया
    भादों म हमर भाई लक्षमण मस्तूरिया के ये
    गीत हमन ल सुरता आबेच करही -
    ' जुच्छा गरजे म बनय नहीं ,
    अब कड़क के बरसे बर परही,
    चमचम चमके म बनय नाही
    अब तो आंच सहावय नाही
    करवट लहे बर परही '
    जय जोहार .

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  7. बहुत अछि प्रस्तुति है ........

    http://oshotheone.blogspot.com/

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  8. बढ़िया गीत हे, बधाई...

    फेर थोकन सुधारे बर पड़ही

    उम्मस म बदन ले,
    चुचुवावत हे पसीना;






    पढ़त पढ़त गीत सुनों, अउ छत्तीसगढ़ी गीत संगीत के मजा लो. http://cgsongs.wordpress.com

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