=== नवां अंजोर ===
गोकुल जईसे ह़र गाँव,
जिंहाँ ममता के छाँव !
सुन्दर निर्मल तरिया नरूवा,
सुग्घर राखबो गली खोर ,
तब्भे आही नवां अंजोर !
हर खेत खार में पानी ,
जिंहाँ मेहनत करे जवानी !
लहलहाए जब फसल धान के,
चले किसान तब सीना तान के !
घर घर में नाचे चितचोर ,
तब्भे आही नवां अन्जोर !!
(छत्तीसगढ़ी कविता)
- अशोक बजाज रायपुर
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपका बलोग पढकर अच्चा लगा । आपके चिट्ठों को इंडलि में शामिल करने से अन्य कयी चिट्ठाकारों के सम्पर्क में आने की सम्भावना ज़्यादा हैं । एक बार इंडलि देखने से आपको भी यकीन हो जायेगा ।
बने लिखे हस गा
जवाब देंहटाएंजोहार ले
achchhi koshish hai bhai. badhaai. aap aaye bahaar aayee. yanee ki bheetar kaa dabaa huaa patrakaar aakhir bahar aaa hi gayaa..? achchha hai.
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