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धर्म में भगवान शिव का पूजन लिंगम के रूप में किया जाता है. दुनियाभर में
स्थापित असंख्य शिवलिंगों में शिव के 12 ज्योतिर्लिंग
सर्वप्रधान हैं . ऐसा स्थान जहाँ स्वयं भगवान शिवजी प्रगट हुए थे उसे
ज्योतिर्लिंग माना जाता है . शास्त्रों के अनुसार इन ज्योतिर्लिंगों के
दर्शन अत्यंत फलदायी है . ये ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारनाथ,
भीमशंकर, काशी विश्वनाथ, त्रयंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर और
घृष्णेश्वर है. इन 12 ज्योतिर्लिंगों के विषय में पुराण में कहा
गया है --
- सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्। उज्जयिन्यां महाकालमोङ्कारममलेश्वरम् ॥
- परल्यां वैद्यनाथं च डाकिन्यां भीमशङ्करम्।:सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥
- वाराणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमीतटे।:हिमालये तु केदारं घृष्णेशं च शिवालये ॥
- एतानि ज्योतिर्लिङ्गानि सायं प्रात: पठेन्नर:।:सप्तजन्मकृतं पापं स्मरणेन विनश्यति ॥
- विश्व के बारह ज्योतिर्लिंग एवं उनकी स्थिति
भारत के नक्शें में बारह ज्योतिर्लिंग