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03 अक्तूबर, 2010

राष्ट्र-हित में एक खुशखबरी


 मुस्लिम यूथ ऑर्गनाइजेशन लखनऊ  ने राममंदिर के निर्माण के लिए 15 लाख रुपये की मदद देने की पेशकश कर  सांप्रदायिक सौहार्द की अदभुत   मिसाल पेश की  है.इतना ही नहीं उसने अयोध्या विवाद पर आए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का भी विरोध किया है.शिया हुसैनी टाइगर्स के चीफ शमील शम्सी ने शनिवार को पत्रकारों को बताया, 'हम औपचारिक तौर पर सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं करने की गुजारिश करेंगे. हम उनसे लंबे अरसे से चले आ रहे इस विवाद को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म करने की गुजारिश भी करेंगे.

गौरतलब है शम्सी नामी शिया धर्मगुरु और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट रह चुके मौलाना कल्बे सादिक के करीबी रिश्तेदार हैं. मौलाना कल्बे सादिक के चचेरे भाई मौलाना कल्बे जव्वाद हुसैनी टाइगर्स के मुख्य संरक्षक हैं.

जामा मस्जिद के शाही इमाम मौलाना अहमद बुखारी और समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव द्वारा फैसले की आलोचना किए जाने को शम्सी ने बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया. शम्सी ने मुस्लिम नेताओं को उनके उस बयान की याद दिलाई जिसमें उन्होंने कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने की बात कही थी. शम्सी ने जोर देकर कहा, ' मुझे लगता है बोर्ड को इस विवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए पहल करनी चाहिए. '
 
मैंने कल के पोस्ट में लिखा है कि " देश की नई पीढी अमन पसंद है तथा वह देश की एकता को मजबूत करना चाहती  है . भारत की तरक्की एवं विकास से इर्षा रखने वाले पडोसी देश एवं अन्य विदेशी ताकतों को आज के शांतिपूर्ण माहौल से निराश होना पड़ा है ,ये चाहते है कि भारत में सदैव अराजकता का माहौल बना रहे तथा भारत कमजोर हो जाये .NBT  00525

01 अक्तूबर, 2010

देश की जनता ने एकता की मिशाल कायम कर विदेशी मंसूबों पर पानी फेरा


लाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने गुरुवार को अयोध्या के विवादित स्थल को राम जन्मभूमि घोषित किया है.तीन जजों की बेंच के बहुमत से आए फ़ैसले में विवादित ज़मीन को हिंदू,मुसलमान और निर्मोही अखाड़े के बीच, तीन हिस्सों में बांटने का आदेश दिया है.

ईश्वर का शुक्र है कि अदालती निर्णय आने के बाद अब तक भारत में पूरी तरह अमन,चैन और शांति है .देश के नागरिकों ने पूरे धैर्य एवं साहस के साथ राष्ट्रीय एकता का प्रदर्शन किया है ,यह अपने आप में एक मिशाल है .

इससे देश की ताकत मजबूत हुई है .हालाँकि कुछ स्वार्थी तत्वों ने माहौल बिगाड़ने की कोशिश जरूर की लेकिन उन्हें मुहं की खानी पड़ी .आज के माहौल से यह सिद्ध हो गया है कि देश की नई पीढी अमन पसंद है तथा वह देश की एकता को मजबूत करना चाहता है . भारत की तरक्की एवं विकास से इर्षा रखने वाले पडोसी देश एवं अन्य विदेशी ताकतों को आज के शांतिपूर्ण माहौल से निराश होना पड़ा है ,ये चाहते है कि भारत में सदैव अराजकता का माहौल बना रहे तथा भारत कमजोर हो जाये .देश की जनता ने एकता की मिशाल कायम कर इनके मंसूबों पर पानी फेर दिया है .देश की जनता को काबिल-ए-तारीफ भूमिका के लिए साधुवाद .


अहमदाबाद के छोटे छोटे बच्चों का  यह अनुकरणीय प्रदर्शन
फोटो-बी. बी.सी. से साभार   

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30 सितंबर, 2010

अदालत का फैसला देर आयद दुरूस्त आयद

आशंकाओं -कुशंकाओं के लंबे दौर के बाद अंततः एक ऐतिहासिक फ़ैसले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने अयोध्या के विवादित स्थल को राम जन्मभूमि घोषित कर दिया .हाईकोर्ट ने बहुमत से फ़ैसला किया है कि विवादित भूमि जिसे रामजन्मभूमि माना जाता रहा है,उसे हिन्दुओं को दे दिया जाए तथा  वहाँ पर स्थापित रामलला की प्रतिमा को यथावत रखा जाय . फैसले के अनुसार सीता रसोई और राम चबूतरा को निर्मोही अखाड़े को देने तथा ज़मीन का एक तिहाई हिस्सा मुसलमानों  को सौपने का आदेश दिया है .जजों ने माना है कि विवादित मस्जिद के अंदर भगवान राम की मूर्तियां 22/23 दिसंबर 1949 को रखी गई थी .उन्होनें  यह भी माना है कि मस्जिद का निर्माण बाबर अथवा उसके आदेश पर किया गया और यह जगह भगवान राम का जन्म स्थान है .अदालत ने यह भी माना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की खुदाई में वहाँ एक विशाल प्राचीन मदिर के अवशेष मिले हैं ,जिसके खंडहर पर मस्जिद बनी. लेकिन तीनों जजों में इस पर मतभेद है कि मस्जिद बनाते समय पुराना मंदिर तोड़ा गया.
अदालत के फैसले को हम बहुत ही संतुलित फैसला मान सकते है .अदालत ने सभी पक्षों को खुश कर दिया है .यदि इस फैसले को सभी लोग स्वीकार कर  ले  तो  देश  में राष्ट्रीय  एकता की मिशाल  कायम हो जाएगी .अदालत का फैसला देर आयद दुरूस्त आयद वाली कहावत को चरितार्थ करती है .  00764

चुनावी चौपाल

काफी दिनों बाद ब्लॉग पर लौट रहा हूँ ,क्योकि पिछले 5-6 दिनों से मै सरगुजा के सुदूर अंचल में था जहाँ भटगांव में विधान सभा का उप चुनाव चल रहा है . इस क्षेत्र के ग्राम अनरोखा ,  नरकोली  , पोड़ी , कपसरा एवं बिसाही में चौपाल सज गया .महिलाएं ,बच्चे एवं बूढ़े भी चौपाल में भाग ले रहे थे . आप भी देखिये नजारा चुनावी चौपाल का ---


  

बिना चश्मे की सहायता के पत्रिका पढते हुए
ग्राम नरकोली  का 75वर्षीय शिवकरण
 
ग्राम नरकोली की चौपाल   

ग्राम पोड़ी की चौपाल  


ग्राम पोड़ी की चौपाल

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