विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर 13 फरवरी को छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ रायपुर द्वारा एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमें श्रोता संघ के संयोजक श्री अशोक बजाज , आल इण्डिया रेडियो के वरिष्ठ एनाउंसर श्री श्याम वर्मा, माय एफ. एम. के कार्यक्रम प्रभारी श्री अनिमेष शुक्ला एवं दिव्य छत्तीसगढ़ पत्रिका के सह-संपादक श्री शशांक खरे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए वर्तमान समय में रेडियो की महत्ता पर प्रकाश डाला. इस अवसर पर मुख्य रूप से श्री परसराम साहू , श्री ललित बिजौरा , श्री सुरेश सरवैय्या , श्री विनोद वंडलकर , श्री कमल लखानी , श्री रतन जैन , श्री अशोक पटेल , श्री मनोहर डेंगवाणी , श्री भागवत वर्मा , श्री मोहनलाल देवांगन , श्री डा. प्रदीप जैन , श्री हरमिंदर सिंह चावला , श्री कांतिलाल बरलोटा , श्री रमेश यादव , श्री ईश्वरी प्रसाद साहू , श्री आर.सी.कामड़े , श्री संतोष रजक , श्री डा. पंधेर एवं श्री कुबेर सपहा के अलावा भारी संख्या में रेडियो श्रोता उपस्थित हुए.
15 फ़रवरी, 2015
13 फ़रवरी, 2015
08 फ़रवरी, 2015
फिर वसंत की आत्मा आई,
मिटे प्रतीक्षा के दुर्वह क्षण,
अभिवादन करता भू का मन !
दीप्त दिशाओं के वातायन,
प्रीति सांस-सा मलय समीरण,
चंचल नील, नवल भू यौवन,
फिर वसंत की आत्मा आई,
आम्र मौर में गूंथ स्वर्ण कण,
किंशुक को कर ज्वाल वसन तन !
देख चुका मन कितने पतझर,
ग्रीष्म शरद, हिम पावस सुंदर,
ऋतुओं की ऋतु यह कुसुमाकर,
फिर वसंत की आत्मा आई,
विरह मिलन के खुले प्रीति व्रण,
स्वप्नों से शोभा प्ररोह मन !
सब युग सब ऋतु थीं आयोजन,
तुम आओगी वे थीं साधन,
तुम्हें भूल कटते ही कब क्षण?
फिर वसंत की आत्मा आई,
देव, हुआ फिर नवल युगागम,
स्वर्ग धरा का सफल समागम !
- सुमित्रानंदन पंत
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