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16 दिसंबर 2010

धूम्रपान से हुई मौत के लिए तीन सौ करोड़ रुपए का हर्जाना

सिगरेट बनाने वाली कंपनी लॉरिलार्ड न्यूपोर्ट, केंट और ओल्ड गोल्ड जैसे लोकप्रिय ब्रांड की सिगरेट बनाती है.एक अदालत ने अमरीका की तीसरी सबसे बड़ी तंबाकू कंपनी को आदेश दिया है कि वह धूम्रपान करने से हुई एक महिला की मौत के लिए उसके बच्चों को 7 करोड़ डॉलर यानी लगभग तीन सौ करोड़ रुपए के बराबर का मुआवज़ा दे.

जूरी ने सिगरेट कंपनी लॉरिलार्ड को अश्वेत बच्चों को मुफ़्त में सिगरेट बाँटकर उनमें धूम्रपान की आदत डालने का भी दोषी पाया है.जब मैरी इवान्स नौ साल की थीं तो बोस्टन मैसाचुसेट्स के ग़रीब और अश्वेत बहुल इलाक़े में एक गाड़ी में घूमते हुए व्यक्ति ने उसे मुफ़्त में सिगरेटें दीं.पहले तो इन सिगरेटों के बदले उसने चॉकलेट ले लिए लेकिन 13 वर्ष की उम्र तक पहुँचते-पहुँचते उसे सिगरेट की लत लग गई.54 वर्ष की उम्र में उसकी फेफड़े के कैंसर से मौत हो गई.

वह इस बात से इनकार कर रही है कि उसने कभी किसी व्यक्ति को मुफ़्त में सिगरेट बाँटने के काम पर रखा या फिर अश्वेतों को निशाना बनाया.लेकिन ज्यूरी ने मैरी इवान्स के उस बयान पर भरोसा किया जो उसने वीडियो टेप पर छोड़ा था और कंपनी से कहा कि वह सात करोड़ दस लाख डॉलर का मुआवज़ा दे.

अमरीका की सिगरेट बनाने वाली कंपनियों के लिए पिछले 24 घंटे बहुत अच्छे नहीं गुज़रे हैं.इससे पहले वहाँ की दूसरी बड़ी सिगरेट कंपनी आरजे रोनॉल्ड्स दो करोड़ अस्सी लाख डॉलर यानी कोई सवा सौ करोड़ रुपयों के बराबर का मुआवज़ा मुक़दमा हार गई है.bbc hindi 

14 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

इसे कहते हे पानी का पानी ओर दुध का दुध, बहुत अच्छी खबर धन्यवाद

Arvind Jangid ने कहा…

बहुत ही अच्छा निर्णय रहा, लेकिन भारत में ऐसा शायद नहीं होता. यदि बचपन से ही तमाम तरह के नशे पत्ते से दूर रहा जाय तो आगे जाकर इनकी गिरफ्त में आना मुशिकल होता है, ज्यादातर ये विकार बचपन या फिर जवानी के शुरुआती दिनों में घर कर लिया करते हैं.

वर्तमान में भारत में थी टीवी अखबार आदि में धूम्रपान के विज्ञापन ना के बराबर ही दिखाई देते हैं.

सुदर एंव ज्ञानवर्धक जानकारी के लिए आपका साधुवाद.

कडुवासच ने कहा…

... bahut badhiyaa !!!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

गलत इरादों को इससे भी भयंकर दंड दिया जाये।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

देखना है कभी हमारे देश में भी ऐसे निर्णय आ पाएगें।

अच्छी पोस्ट -- आभार

Swarajya karun ने कहा…

अच्छी जानकारी के अच्छे प्रस्तुतिकरण के लिए आभार. धूम्रपान की असली जड़ है-सिगरेट -बीडी के कारखाने . इन्हें तुरंत बंद करना ज़रूरी है. तब न रहेगा बांस और न बजेगी बांसुरी . इन ज़हरीले उद्योगों में लगे हज़ारों-लाखों लोगों को किन्हीं दूसरे जन-हितैषी रोजगार-मूलक कार्यों में लगाया जा सकता है.

Unknown ने कहा…

अगर हमारे देश में भी ऐसा होता तो कितना अच्छा होता पर यहाँ तो-
शराब पीने की उम्र १८ साल....खरीदने की २१ साल
सबसे तेजी से बढ़ता उद्योग-गुटखा और पान मसाला
अस्पताल मीलों तक नहीं पर सरकारी देशी शराब की दुकान हर २ किलोमीटर पर
बड़ी बिडम्बना है श्रीमान
जानकारी लोगों तक पहुचने के लिए धन्यवाद

Unknown ने कहा…

ये तो खुद आतंकवादी है...पाकिस्तान से पैसे मिलते हैं इसको.isi का agent है..

vandana gupta ने कहा…

बिल्कुल ऐसा ही होना चाहिये………बहुत अच्छा निर्णय्।

समय चक्र ने कहा…

धूम्रपान रोकने के लिए हमारे देश में भी कठोर कानून बनाए जाने चाहिए .... इस तरह की व्यवस्था कुछ हमारे देश में हो तो काफी हद तक धूम्रपान रोकने में मदद मिलेगी .... बढ़िया जानकारी देनें के लिए आभार .

Rahul Singh ने कहा…

ऐसी खबरें अच्‍छी तरह सार्वजनिक नहीं हो पाती, यह आश्‍चर्यजनक है. अमरीकी राष्‍ट्रपति के धूम्रपान की पोस्‍ट वाली जानकारी मुझे आपके अलावा अन्‍य किसी स्रोत से नहीं मिली. प्रशंसनीय कदम.

अल्पना ने कहा…

ऎसा ही होना चाहिये बिल्कुल ठीक है। जानकारी लोगों तक पहुंचाने का बहुत-बहुत धन्यवाद।

vandana gupta ने कहा…

इस बार के चर्चा मंच पर आपके लिये कुछ विशेष
आकर्षण है तो एक बार आइये जरूर और देखिये
क्या आपको ये आकर्षण बांध पाया ……………
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (20/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) ने कहा…

बाहर सही कदम!