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29 मार्च 2012

माँ की गोद



जो मस्ती आँखों में है, मदिरालय में नहीं ;

अमीरी दिल की कोई, महालय में नहीं ;

शीतलता पाने के लिए, कहाँ भटकता है मानव ;

जो माँ की गोद में है, वह हिमालय में नहीं.


4 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

सुन्दर पंक्तियाँ।

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

माँ के चरणो में जन्नत है,इसकी सेवा में ही भाल उन्नत है।

Ramakant Singh ने कहा…

माँ को समर्पित बहुत सुन्दर पंक्तियाँ .बधाई

देहात की नारी ने कहा…

शुभकामनाएं……देहात की नारी का आगाज ब्लॉग जगत में। कभी यहां भी आइए।