ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

21 नवंबर 2011

क्या बच पायेगा हिमालय का ग्लेशियर ?

ग्लेशियर बचाने भारत ,भूटान, नेपाल और बांग्लादेश का संयुक्त मोर्चा 
 एवरेस्ट 
वैज्ञानिक रूप से यह बात अब प्रमाणित हो चुकी है कि पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम चक्र में आश्चर्यजनक ढंग से आये परिवर्तन के कारण हिमालय का बर्फ तेजी से पिघल रहा है. इन क्षेत्रों में बरसात की प्रकृति बदल गई है और हिमालय के आस पास बढ़ता तापमान स्थानीय लोगों और वन्य जीवन पर असर डाल रहा है. हिमालयी क्षेत्र में रहने वाले बुजुर्ग जलवायु परिवर्तन के साक्षात गवाह है . हिमालय के ग्लेशियर प्रकृति के धरोहर है ,यदि ये ग्लेशियर यूँ ही पिघलते रहे तो जन-जीवन पर व्यापक असर होगा .

भारत ,भूटान, नेपाल और बांग्लादेश ने संयुक्त रूप से इस गंभीर समस्या के निदान के लिए प्रयास शुरू किया है . चारों पड़ोसी देश ऊर्जा, पानी, खाद्य और जैव विविधता के मुद्दों पर सहयोग के लिए वचनबद्ध हो गए हैं. वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड (डब्ल्यू.डब्ल्यू.एफ.) के मुताबिक भूटान की राजधानी थिम्पू में समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. समझौते के तहत ऐसी योजनाएं बनाने पर सहमति बनी है जो जलवायु परिवर्तन के अनुरूप हिमालय को बचाने में मददगार हों.  "क्लाइमेट सम्मिट फॉर लिविंग हिमालयाज" के नाम से दो दिन तक चले सम्मेलन के बाद भारत, भूटान, नेपाल और बांग्लादेश के बीच  समझौता हुआ ;चारोँ देशों में हिमालयी क्षेत्र में वन्य जीव संरक्षण को बढ़ावा देने, वनों को बचाने , खाद्य और पानी की आपूर्ति को बचाए रखने पर सहमति बनी है.

इस समझौते के तहत कार्य योजना बनाने और उसके क्रियान्वयन  में यदि चारोँ देश गंभीरता से जुट गए तो हिमालय के ग्लेशियर को बचाने  कुछ हद तक कामयाबी मिल सकती है . यह प्रयास दुनिया के अन्य देशों के लिए भी मिशाल बनेगा .

6 टिप्‍पणियां:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

अच्छी खबर है!

Asha Lata Saxena ने कहा…

ज्ञानवर्धक अच्छा लेख |
आशा

PRAMOD KUMAR ने कहा…

जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के प्रति सचेत करता अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्द्धक आलेख..........!

Satish Saxena ने कहा…

बेहद आवश्यक योजना है ....
आपकी सोंच और चेतना के लिए अभिनन्दन !

बेनामी ने कहा…

अच्छी जानकारी

Rakesh Tiwari ने कहा…

बढिया आलेख