ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

05 सितंबर 2011

शहर छोड़ खेतों की ओर जा रही हैं महिलाएं

भारत में लोग गांव में खेती बाड़ी छोड़ कर शहरों की ओर जा रहे हैं तो जर्मनी में इसके विपरीत महिलाएं शहरों में खेती बाड़ी की शिक्षा ले कर गांव में बस रही हैं. क्यों बह रही है यहां उल्टी गंगा ? जर्मनी में कॉलेज की डिग्री लेने के बाद खास ट्रेनिंग करनी होती है जो यह तय करती है कि आप का व्यवसाय क्या होगा. चाहे पत्रकार बनना हो, सेक्रेटरी या नर्स हर प्रोफेशन के लिए अलग ट्रेनिंग होती है. आज कल जर्मनी की महिलाओं में कृषि के क्षेत्र में ट्रेनिंग का चलन बढ़ गया है .  आगे पढ़े

7 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

यह तो शुभ संकेत हैं।

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

बहुत सुन्दर..

Swarajya karun ने कहा…

अच्छी जानकारी मिली. धन्यवाद .काश ! हमारे देश में भी ऐसा होता !

PRAMOD KUMAR ने कहा…

महोदय, प्रथमतः तो आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई एवं ढेर सारी शुभकामनाएं !

भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिए तो यह बहुत ही अच्छा संकेत है..........!

Khushdeep Sehgal ने कहा…

काश भारत में भी ऐसा हो सके...

अशोक जी, आज तक टीचर्स डे को सिर्फ द्वितीय राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के तौर पर ही जानता था...लेकिन आज से आपका नाम भी इसके साथ जुड़ गया है...जान कर बड़ी खुशी हुई कि आपका जन्मदिन भी पांच सितंबर को है...जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई...

आपसे हुई सिर्फ एक बार की मुलाकात मेरे लिए कभी न भूलने वाला सुखद अनुभव है...जाना कि राजनेताओं में आप जैसे लोग भी होते हैं...

जय हिंद...

ASHOK BAJAJ ने कहा…

@ PRAMOD KUMAR,
जन्मदिन की बधाई के लिए धन्यवाद .

ASHOK BAJAJ ने कहा…

@ Khushdeep Sehgal,
जन्मदिन की बधाई के लिए आपको धन्यवाद .
दिल्ली ब्लागर मीट की यादगार अविस्मरनीय है , फिर मिलेंगें .