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21 सितंबर 2010

अधूरी लगी महंगाई डायन


हमें" पिपली  लाइव" फिल्म देखनें का अवसर मिला ,शायद आप भी देख चुके होंगें.मै नहीं जानता  कि यह फिल्म आपको कैसी लगी लेकिन मुझे तो यह अधूरी अधूरी सी लगी .लगता है इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड की डबल कैची चली है ,मै यह बात इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि इस फिल्म का प्रचलित लोकप्रिय गीत "महंगाई डायन खाय जात है ....... " आधा गायब है . वैसे यह गीत 4.58मिनट का है लेकिन फिल्म में मात्र दो-ढाई मिनट दिखाया गया .इस गीत से पहले महंगाई पर कोई प्रसंग भी नहीं आया,लगता है वह भी सेंसर बोर्ड की बलि चढ़ गया .

बुधिया और नत्था का परिवार

इसी प्रकार फिल्म में यह स्पस्ट नहीं किया गया कि बुधिया और नत्था पर कर्ज का बोझ अकाल के कारण पड़ा या खुद की बदइन्तजामी के कारण .यह भी हो सकता है कि उसके कर्ज के लिए सरकार की कोई नीति जिम्मेदार हो . कृषि उपज के लिए उपयुक्त बाजार नहीं मिलना या उसका सही मूल्य नहीं मिलना भी कारण हो सकता था .उपरोक्त में से किसी  एक या एक से अधिक  कारणों को स्पस्ट करने से शायद फिल्म और जानदार बन सकती थी ,हो सकता है यह प्रसंग फिल्माया ही ना गया हो अथवा सेंसर बोर्ड ने वह अंश काट दिया हो.हाँ एक बार नत्था की पत्नी द्वारा अपनी बूढी सास को यह कहते हुए आपने जरूर  सुना  होगा कि तुम्हारी बीमारी की वजह से ही तो यह कर्ज चढ़ा है . बात इतने से तो बनती नहीं कि भारत के किसानों की दुर्दशा के लिए घर की बुजुर्ग महिला पर सारा दोष मढ़ दिया जाय .फिल्म में नत्था की पत्नी का अपने जेठ के प्रति व्यवहार भी समझ से परे है .फिल्म में इलेक्ट्रानिक मिडिया का खूब उपहास उड़ाया गया है ,  जिसका दर्शकों ने  खूब आनंद लिया .

यह है सरकार द्वारा प्रदत्त  लालबहादूर

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6 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

लगता हैं आपने फिल्म देख ली है.
लेकिन हम नहीं देख पाए.
कैंची का कम ही कतरना है. वह खाली नहीं बैठने वाली.

Urmi ने कहा…

मैंने इस फिल्म को अभी तक नहीं देखा है ! लगता है अब देखना ही पड़ेगा! बहुत ही सुन्दरता से आपने लिखा है! बेहतरीन प्रस्तुती!

Swarajya karun ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Swarajya karun ने कहा…

महंगाई डायन से सभी परेशान हैं , पर इससे निपटने का एक उपाय भी है .जानना चाहते हैं तो कृपया पधारें -
'खुले आम धोखाधड़ी और हम खामोश !
दिल की बात
swaraj-karun.blogspot.com

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

जब देखेंगे तब पता चलेगा ...अच्छी प्रस्तुति

खबरों की दुनियाँ ने कहा…

NAMSKAR . A GOOD POST . CONGRET..