छत्तीसगढ़ की अनाज भण्डारण क्षमता लगभग 12 लाख मीटरिक टन तक पहुंची : साढ़े नौ साल में बने 245 करोड़ के 364 नये गोदाम
 भण्डारण शुल्क में सामान्य किसानों को 20 प्रतिशत और अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को 30 प्रतिशत की विशेष छूट
अनाज भण्डारण के लिए अग्रिम आरक्षण की भी सुविधा
                       कृषि उपजों के सुरक्षित भण्डार के लिए 
छत्तीसगढ़ के किसानों को वैज्ञानिक पद्धति से भण्डारण की सुविधा देने राज्य 
शासन द्वारा बड़े पैमाने पर गोदामों का निर्माण करवाया जा रहा है। प्रदेश 
सरकार की एजेंसी के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम द्वारा विगत 
वर्ष 2004 से वर्तमान वर्ष 2013 में अब तक लगभग साढे़ नौ साल में 245 करोड़ 
रूपए की लागत से 364 गोदामों का निर्माण किया गया है, जिनकी भण्डारण क्षमता
 लगभग सात लाख मीटरिक टन है। इन्हें मिलाकर भण्डार गृह निगम के गोदामों की 
संख्या बढ़कर 779 और उनकी कुल भण्डारण क्षमता बढ़कर ग्यारह लाख 82 हजार 712 
मीटरिक टन तक पहुंच गयी है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दिशा-निर्देशों के
 अनुरूप निगम द्वारा गोदाम निर्माण का कार्य एक अभियान के रूप में चलाया जा
 रहा है। 
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| छत्तीसगढ़ वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष अशोक बजाज | 
                              निगम 
अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने आज यहां बताया कि वर्तमान 779 गोदामों में से 
348 गोदामों का निर्माण उनके वर्तमान कार्यकाल के विगत ढाई वर्ष में यानी 
दिसम्बर 2010 से अब तक की अवधि में किया गया है, जिनकी कुल भण्डारण क्षमता 
लगभग पांच लाख मीटरिक टन है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ भण्डार गृह निगम 
की स्थापना दो मई 2002 को हुई थी। किसानों के साथ-साथ व्यापारियों, 
संस्थाओं और अन्य जमाकर्ताओं को अनाज के सुरक्षित और वैज्ञानिक तरीके से 
भण्डारण की सुविधा देना निगम का उददेश्य है। इसमें किसानों को सर्वोच्च 
प्राथमिकता दी जा रही है। सामान्य किसानों को उनके जमा किए जाने वाले स्टाक
 पर भण्डारण शुल्क में बीस प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है, जबकि 
अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को तीस प्रतिशत छूट पर भण्डारण 
सुविधा दी जा रही है। किसान अगर अपना माल निगम के गोदामों में जमा करने के 
लिए अग्रिम आरक्षण चाहते हों, तो उन्हें इसकी सुविधा भी निगम की ओर से मिल 
सकती है। किसान अगर चार माह का अग्रिम भण्डारण शुल्क जमा कर दें, तो उन्हें
 भण्डारण शुल्क में पांच प्रतिशत की विशेष छूट मिलेगी। गोदामों से पांच 
किलोमीटर की परिधि में रहने वाले किसानों और अन्य लोगों को जो, वहां 
भण्डारण करवाना चाहते हैं, उन्हें उनके कृषि उपजों की सुरक्षा के लिए कीट 
उपचार सुविधा भी नाम मात्र के शुल्क पर दी जा रही है।
                               श्री बजाज ने 
बताया कि निगम द्वारा 68 करोड़ 35 लाख रूपए की लागत से निर्मित 145 नये 
गोदामों के लोकार्पण का कार्यक्रम भी विकास यात्रा के दौरान बनाया गया था। 
इन गोदामों की भण्डारण क्षमता दो लाख 31 हजार 800 मीटरिक टन है। इनमें से 
लगभग 59 गोदामों का लोकार्पण पिछले महीने की छह तारीख से 25 तारीख के बीच 
विकास यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के हाथों सम्पन्न हो चुका 
है। लोकार्पित गोदामों में धरसींवा, खरोरा, महासमुंद, बसना, सरायपाली, 
बागबाहरा, पिथौरा, धमतरी, सिहावा, कुरूद, डौंडी, गुण्डरदेही, कवर्धा, 
पंडरिया, केशलूर, कोण्डागांव, दंतेवाड़ा, गीदम, कोन्टा, कांकेर, चारामा और पखांजूर क्षेत्र के किसानों को अनाज भण्डारण की अच्छी सुविधा मिलेगी। इनके 
अलावा भैरमगढ़, जांजगीर, अकलतरा, सक्ती, बाराद्वार, चाम्पा, कोरबा, कटघोरा, 
पाली, लोहरसिंग, घरघोड़ा, बरमकेला, लैलूंगा, सारंगढ़, खरसिया, कुसमी, 
विश्रामपुर, सूरजपुर, कुनकुरी, बगीचा, पत्थलगांव, फरसाबहार, बैकुंठपुर और 
जनकपुर में भी नये गोदामों का निर्माण किया जा चुका है। विगत 25 मई को दरभा
 क्षेत्र में नक्सल हिंसा के कारण अनेक वरिष्ठ नेताओं, नागरिकों और पुलिस 
जवानों की शहादत की दुखद घटना के कारण विकास यात्रा स्थगित कर दी गयी थी। 
इस वजह से इनका लोकार्पण नहीं हो पाया। विकास यात्रा में भण्डार गृह निगम 
द्वारा मुख्यमंत्री के हाथों लगभग एक लाख 46 हजार मीटरिक टन भण्डारण क्षमता
 के 77 नये गोदामों के निर्माण के लिए भूमिपूजन का भी कार्यक्रम था। श्री 
बजाज ने बताया कि इनमें से 44 गोदामों का भूमिपूजन महासमुंद धमतरी, बालोद, 
भिलाई्र-तीन, केशकाल और चारामा के कार्यक्रमों  सम्पन्न हुआ। भण्डार गृह 
निगम के पांच क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अम्बिकापुर और
 दुर्ग में संचालित किए जा रहे हैं।
 क्रमांक-878/स्वराज्य,रायपुर, 04 जून 2013