राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष ने खोल्हा में लगायी चौपाल
रायपुर, 26 अप्रैल 2012
रायपुर, 26 अप्रैल 2012
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| निर्माणाधीन इन्टेकवेल का अवलोकन | 
 भारत माता के वीर सपूत भगत सिंह,राजगुरू और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को 
लाहौर के  शादमान 
चौक पर फांसी दी गई थी. बटवारे के बाद लाहौर अब पाकिस्तान में है . शादमान 
चौक का नाम बदल कर  अमर शहीद भगत सिंह के नाम पर रखे जाने की मांग वर्षों से उठ रही है . पाकिस्तान कई सामाजिक संगठन इस चौंक का नाम बदल कर वीर शहीद भगत सिंह के नाम करने हेतु   लगातार मांग कर रहें है . भगत सिंह फाउंडेशन ऑफ़ पाकिस्तान प्रतिवर्ष 23 मार्च को शादमान चौक पर शहीदी दिवस मनाता है और 
वह लंबे समय से इस चौक को भगत सिंह का नाम देने की मांग कर रहा है. वर्षों तक टालमटोल करने के बाद पाकिस्तानी संसद में इस आशय का विधेयक लाया गया है. भारतवासियों को भी पाकिस्तानी संसद के फैसले के प्रति उत्सुकता है और यह भी डर है कि कहीं भगत सिंह,राजगुरू और सुखदेव की तरह यह विधेयक भी शहीद न हो जाये .
भारत माता के वीर सपूत भगत सिंह,राजगुरू और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को 
लाहौर के  शादमान 
चौक पर फांसी दी गई थी. बटवारे के बाद लाहौर अब पाकिस्तान में है . शादमान 
चौक का नाम बदल कर  अमर शहीद भगत सिंह के नाम पर रखे जाने की मांग वर्षों से उठ रही है . पाकिस्तान कई सामाजिक संगठन इस चौंक का नाम बदल कर वीर शहीद भगत सिंह के नाम करने हेतु   लगातार मांग कर रहें है . भगत सिंह फाउंडेशन ऑफ़ पाकिस्तान प्रतिवर्ष 23 मार्च को शादमान चौक पर शहीदी दिवस मनाता है और 
वह लंबे समय से इस चौक को भगत सिंह का नाम देने की मांग कर रहा है. वर्षों तक टालमटोल करने के बाद पाकिस्तानी संसद में इस आशय का विधेयक लाया गया है. भारतवासियों को भी पाकिस्तानी संसद के फैसले के प्रति उत्सुकता है और यह भी डर है कि कहीं भगत सिंह,राजगुरू और सुखदेव की तरह यह विधेयक भी शहीद न हो जाये .