ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है * * * * नशा हे ख़राब झन पीहू शराब * * * * जल है तो कल है * * * * स्वच्छता, समानता, सदभाव, स्वालंबन एवं समृद्धि की ओर बढ़ता समाज * * * * ग्राम चौपाल में आपका स्वागत है

29 अगस्त 2015

रक्षाबंधन के अवसर पर ग्रामीणों को मिला बीमा का उपहार

समाचार 

अभनपुर विकासखंड के ग्राम सुन्दरकेरा में आयोजित जनसमस्या निवारण शिविर में ग्रामीणों को संबोधित करते हुए छ.ग.राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स) के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने ग्रामीणों से अधिक से अधिक संख्या में बीमा करवाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह कम प्रीमियम राशि में सरकार द्वारा दिया गया सुरक्षा कवच है, जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। श्री बजाज ने कहा कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा के तहत प्रीमियम की राशि 12 रूपए निर्धारित है। शिविर में सभी जन प्रतिनिधियों को ग्रामीण महिलाओं ने रक्षा सूत्र बांधा और और जन प्रतिनिधियों ने उन्हें बीमा का उपहार दिया।
       शिविर में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शारदा वर्मा ने भी ग्रामीण भाईयों का बीमा करवाने की घोषणा की। शिविर में जिला पंचायत सदस्य श्री पीयूष कोसरे सहित अन्य जन प्रतिनिधि, कलेक्टर ठाकुर रामसिंह और जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अवनीश शरण और सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहें। सुंदरकेरा शिविर में ग्रामीणों से 258 आवेदन मिले, जिनमें से 113 आवेदनों का मौके पर ही निराकरण कर लिया गया। स्वच्छ भारत अभियान के तहत उत्कृष्ट कार्य के लिए नवाजतन स्व-सहायता, जय महामाया क्लब, जय महामाया स्व-सहायता समूह, सरस्वती स्व-सहायता समूह, जय मॉ शारदा स्व-सहायता समूह को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। शिविर में श्री बजाज द्वारा हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं के तहत सामाग्री का वितरण कर लाभान्वित किया गया। कृषि विभाग द्वारा 09 हितग्राहियों को श्री चंद्रशेखर साहू, श्री नीलकंठ साहू, घनश्याम साहू, श्री लेघू यादव, श्री बहमनानंद साहू, श्री लावन साहू, श्री सुदामा साहू, श्री अश्वनी साहू और श्री लखन साहू को स्प्रेयर का वितरण किया गया। इसी प्रकार 12 हितग्राहियों को कृषि यंत्रों के लिए अनुदान राशि दी गई जिसमें श्री हिम्मत लाल, श्री रोहित साहू, श्री कोमल साहू, श्री शंकर लाल सेन, श्री सालिक राम, श्री ताराचंद, श्री रामकुमार निर्मलकर और श्री तुकाराम, श्री होरी लाल, श्री रेखू राम, श्री मालिक राम साहू और श्री पुनित राम साहू शामिल है। शिविर में कलेक्टर ठाकुर रामसिंह और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अवनीश शरण द्वारा विभिन्न स्टॉलों का निरीक्षण किया गया।DPR RAIPUR
 क्रमाक: 08-120/रचना
haribhomi raipur 29.8.2015
                                                                                 
haribhomi raipur 29.8.2015
                                                                                 
Deshabandhu raipur 29.8.2015
                                                                           
Agradoot raipur 29.8.2015

24 अगस्त 2015

प्रधानमंत्री के ’मन की बात’ ने बढ़ाया रेडियो का महत्व

श्रोता दिवस पर रायपुर में अखिल भारतीय रेडियो श्रोता सम्मेलन संपन्न

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 20 अगस्त 2015 को छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ द्वारा ’श्रोता दिवस’ के अवसर पर यहां अखिल भारतीय श्रोता सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ सहित हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र आदि कई राज्यों के रेडियो श्रोता संघों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सम्मेलन में रेडियो श्रोताओं को छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों पर जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिकाएं भी वितरित की गई। 

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूचना क्रांति के इस आधुनिक युग में टेलीविजन और इंटरनेट जैसे संचार संसाधनों में वृद्धि के बावजूद रेडियो की महत्ता और प्रासंगिकता आज भी कायम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपने मन की बात कहने के लिए रेडियो को चुना है। उनके द्वारा आकाशवाणी से ’मन की बात’ कार्यक्रम के जरिए हर महीने देश की जनता को सम्बोधित करने की जो शुरूआत की गई है, उससे भारत में रेडियो का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। यह हम सबके लिए एक बड़ी उपलब्धि है। श्री बजाज ने कहा कि छत्तीसगढ़ के रेडियो श्रोता भी प्रधानमंत्री के ’मन की बात’ बड़े चाव से सुनते हैं। उन्होंने कहा कि रेडियो की महत्ता को खत्म करने के सारे कुचक्र फेल हो गए हैं। रेडियो अपने नये रूप में एक बार फिर लोकप्रियता हासिल करने लगा है। श्री बजाज ने कहा कि भारत में प्रथम रेडियो प्रसारण स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारियों द्वारा 20 अगस्त 1921 को हुआ था। इस दिन को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के रेडियो श्रोताओं द्वारा विगत दस वर्षों से लगातार हर साल ’श्रोता दिवस’ और श्रोता सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। 

 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ संपादक श्री नीलकण्ठ पारटकर ने कहा कि आधुनिक समय में रेडियो का महत्व न तो कभी कम हुआ है और न कभी कम होगा। रेडियो गांव में, नाव में और कहीं भी, कभी भी सुना जा सकता है। रेडियो देश की रक्षा के लिए सरहदों पर मोर्चे पर तैनात हमारे वीर जवानों का भी साथी है। सम्मेलन को विशेष अतिथि की आसंदी से विविध भारती (मुम्बई) के वरिष्ठ उदघोषक श्री अशोक सोनावाणे ने भी सम्बोधित किया। उनके अलावा आकाशवाणी रायपुर के उदघोषक श्री दीपक हटवार, हिन्दी और छत्तीसगढ़ी के लोकप्रिय कवि श्री रामेश्वर वैष्णव, वरिष्ठ रंगकर्मी श्री चंद्रशेखर व्यास और आकाशवाणी अम्बिकापुर के उदघोषक श्री शोभनाथ साहू सहित अनेक वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। इस मौके पर लगभग 109 बार रक्तदान कर चुके श्री विनोद माहेश्वरी को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। देहदान की घोषणा करने वाले सर्वश्री रतन जैन, विनय शर्मा और परसराम साहू भी सम्मानित किए गए। अनेक वरिष्ठ और सक्रिय रेडियो श्रोताओं को भी सम्मानित किया गया। श्रोताओं और उदघोषकों के बीच रेडियो कार्यक्रमों को लेकर परस्पर दिलचस्प बातचीत भी हुई। फरमाइशी गीतों के कार्यक्रमों में अपना नाम शामिल नहीं किए जाने को लेकर आत्मीय शिकायतें भी कुछ श्रोताओं ने रखी। उदघोषकों ने इसे रेडियो के प्रति श्रोताओं के गहरे जुड़ाव का परिचायक बताया। 

छत्तीसगढ़ रेडियो श्रोता संघ के अध्यक्ष श्री परसराम साहू, सचिव श्री विनोद वंडलकर सहित सर्वश्री रतन जैन, मोहन देवांगन, कमल लखानी, डॉ. प्रदीप जैन, कमलकांत गुप्ता, सुरेश सरवैया, पुरूषोत्तम सिंह, कांतिलाल बरलोटा, हरमिंदर सिंह चावला, चंद्रपाल सिंह, आर.सी. कामड़े, दिनेश वर्मा, भागवत वर्मा, ईश्वरी प्रसाद साहू, दुर्गाराम साहू, लक्ष्मण सिंह, रमेश यादव, धरमदास वाधवानी, प्रदीप चंद, तुकाराम कंसारी, श्रीमती वीणा वंडलकर, श्रीमती कोकिला जैन, श्रीमती रवीना लखानी, वाराणसी (उत्तरप्रदेश) के सर्वश्री बबलू आम्रवंशी, मुस्ताक सुलेमानी, आजान कुमार सिंग, सरीफुद्दीन अंसारी, रोहतक (हरियाणा) के श्री महेन्द्र शाह, सागर (मध्यप्रदेश) के श्री चंद्रेश गौहर और कटनी(मध्यप्रदेश) के श्री अनिल ताम्रकार भी सम्मेलन में उपस्थित थे। 

वरिष्ठ श्रोताओं का सम्मान 



19 अगस्त 2015

स्वतंत्रता दिवस 2015 के नज़ारे

  स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने निवास के अलावा अपेक्स बैंक मुख्यालय रायपुर, सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर, शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला अभनपुर, एवं शासकीय बजरंगदास हायर सेकेण्डरी स्कूल अभनपुर में ध्वजारोहण एवं इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर मिला. इसके अतिरिक्त नगर पंचायत अभनपुर के स्टेडियम में आयोजित वृक्षारोपण कार्यक्रम तथा आवाज़ सोशल वेलफेयर सोसाईटी द्वारा मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना के प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों के प्रमाणपत्र वितरण समारोह में भाग लिया. इसके पश्चात् टाउन हाल रायपुर में प्रदेश सरकार के जनसम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित फोटो प्रदर्शनी ‘सोनहा बिहान’ के उद्घाटन समारोह एवं राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला.   
स्वतंत्रता दिवस 2015 : चौपाल रायपुर में ध्वजारोहण.

स्वतंत्रता दिवस 2015 : अपेक्स बैंक मुख्यालय रायपुर में ध्वजारोहण.
                                                                                     
स्वतंत्रता दिवस 2015 : अपेक्स बैंक मुख्यालय रायपुर.
                                                                             
स्वतंत्रता दिवस 2015 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर में ध्वजारोहण.
                                                                         
स्वतंत्रता दिवस 2015 : सरस्वती शिशु मंदिर अभनपुर.
                                                                                 
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. कन्या उच्च. माध्य. शाला अभनपुर में ध्वजारोहण.
                                                                               
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. कन्या उच्च. माध्य. शाला अभनपुर.

                                                                     
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. कन्या उच्च. माध्य. शाला अभनपुर.

                                                                       
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. बजरंग उच्च. माध्य. शाला अभनपुर में ध्वजारोहण.
                                                                                 
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. बजरंग उच्च. माध्य. शाला अभनपुर के मेघावी छात्र.
                                                                               
स्वतंत्रता दिवस 2015 : शास. बजरंग उच्च. माध्य. शाला अभनपुर
                                                                                 
स्वतंत्रता दिवस 2015 : नगर पंचायत अभनपुर के स्टेडियम में वृक्षारोपण.
                                                                             
मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले हूनरबाजों को आवाज़ सोशल वेलफेयर सोसाइटी अभनपुर द्वारा 15 अगस्त को राष्ट्रीय माड्यूलर रोजगारपरक कौशल प्रमाण पत्र वितरित किये गए.
                                                                           
संबोधन 
                                                                               
मुख्यमंत्री मान. डाॅ. रमन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रायपुर के ऐतिहासिक टाउन हाल में
प्रदेश सरकार के जनसम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित फोटो प्रदर्शनी ‘सोनहा बिहान’ का शुभारंभ किया.
                                                                             
टाउन हाल रायपुर में जनसम्पर्क विभाग द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर
आयोजित फोटो प्रदर्शनी ‘सोनहा बिहान’ का अवलोकन.
                                                                    
 




02 अगस्त 2015

छत्तीसगढ़ के 6.29 लाख किसानों को ब्याज मुक्त ऋण

6.29 लाख किसानों को 1854 करोड़ का  ब्याज मुक्त ऋण वितरित - अशोक बजाज 

रायपुर, 01 अगस्त 2015/ चालू खरीफ मौसम के दौरान छत्तीसगढ़ में किसानों को प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से बिना ब्याज के अल्पकालीन कृषि ऋण वितरण तेजी से चल रहा है। पांच दिन पहले अर्थात 27 जुलाई तक प्रदेश के छह लाख 29 हजार 61 किसानों को एक हजार 854 करोड़ 35 लाख 58 हजार रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। इस खरीफ मौसम में दो हजार 650 करोड़ रूपए का ऋण वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। 27 जुलाई तक लक्ष्य का 69 प्रतिशत ऋण बांटा जा चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप किसानों को खेती-किसानी के लिए शून्य ब्याज दर पर ऋण दिया जा रहा है। ऋण का 60 प्रतिशत नगद तथा 40 प्रतिशत खाद एवं बीज के रूप में दिया जाता है।

छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक (अपेक्स बैंक) के अध्यक्ष श्री अशोक बजाज ने आज यहां बताया कि किसानों को खरीफ फसलों के लिए एक हजार 333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में ऋण वितरण का कार्य एक अप्रेल से शुरू हो गया है, जो 30 सितम्बर तक चलेगा। श्री बजाज ने बताया कि चालू खरीफ मौसम में किसानों को 2650 करोड़ अल्पकालीन कृषि ऋण के रूप में बांटने का लक्ष्य रखा गया है। श्री बजाज ने बताया कि रायपुर संभाग के रायपुर जिले के 41 हजार 800 किसानों को 115 करोड़ 47 लाख रूपए, गरियाबंद जिले के 22 हजार 80 किसानों को 58 करोड़ 43 लाख रूपए, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के 55 हजार 635 किसानों को 147 करोड़ 94 लाख रूपए, महासमुन्द जिले के 35 हजार 537 किसानों को 120 करोड़ रूपए तथा धमतरी जिले के 33 हजार 367 किसानों को 74 करोड़ 81 लाख रूपए का ऋण नगद और कृषि आदान सामग्री के रूप में वितरित किया जा चुका है। इसी प्रकार दुर्ग जिले के 26 हजार 747 किसानों को 119 करोड़ 44 लाख रूपए, बालोद जिले के 26 हजार 202 किसानों को 146 करोड़, बेमेतरा जिले के 33 हजार 649 किसानों को 152 करोड़ 91 लाख रूपए, राजनांदगांव जिले के 91 हजार 273 किसानों को 191 करोड़ रूपए और कबीरधाम जिले के 36 हजार 982 किसानों को 174 करोड़ 80 लाख रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण बांटा जा चुका है। 

बिलासपुर संभाग के बिलासपुर जिले के 34 हजार 186 किसानों ने 85 करोड़ 46 लाख रूपए, मुंगेली जिले के 22 हजार 260 किसानों ने 55 करोड़ 65 लाख रूपए, जांजगीर-चांपा जिले के 46 हजार 782 किसानों ने 116 करोड़ 55 लाख रूपए तथा कोरबा जिले के 9 हजार 184 किसानों ने 22 करोड़ 96 लाख रूपए का अल्पकालीन कृषि ऋण गत 27 जुलाई तक ले लिया है। 

बस्तर संभाग के सातों जिलों के 45 हजार 266 किसानों को 133 करोड़ का ऋण वितरित किया जा चुका है। इनमें बस्तर (जगदलपुर) जिले के 10 हजार 792 किसान, कोण्डागांव जिले के 6 हजार 940 किसान, नारायणपुर जिले के एक हजार 76 किसान, उत्तर बस्तर (कांकेर) जिले के 24 हजार 245 किसान, दक्षिण बस्तर (दंतेवाड़ा) जिले के 219 किसान सुकमा जिले के 632 किसान तथा बीजापुर जिले के एक हजार 362 किसान शामिल हैं। बस्तर जिले के किसानों को 51 करोड़ 80 लाख रूपए, कोण्डागांव जिले के किसानों को 18 करोड़ 95 लाख रूपए, नारायणपुर जिले के किसानों को तीन करोड़ पांच लाख रूपए, कांकेर जिले के किसानों 51 करोड़ 57 लाख रूपए, दंतेवाड़ा जिले के किसानों को 94 लाख रूपए, सुकमा जिले के किसानों को दो करोड़ 29 लाख रूपए तथा बीजापुर जिले के किसानों को चार करोड़ चार लाख रूपए का ऋण बांटा जा चुका है। 

सरगुजा संभाग के 33 हजार 205 किसानों को 139 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। इस संभाग के सरगुजा जिले के 11 हजार 73 किसानों को 33 करोड़ 87 लाख रूपए, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के चार हजार 412 किसानों को 13 करोड़ 17 लाख रूपए, सूरजपुर जिले के 11 हजार 214 किसानों को 22 करोड़ 37 लाख रूपए, कोरिया जिले के आठ हजार 207 किसानों को 13 करोड़ 65 लाख रूपए, रायगढ़ जिले के 27 हजार 319 किसानों को 48 करोड़ 72 लाख रूपए तथा जशपुर जिले के पांच हजार 886 किसानों को सात करोड़ 22 लाख रूपए से अधिक के ऋण 27 जुलाई तक की स्थिति में बांटे जा चुके हैं। DPR

30 जुलाई 2015

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के नाम कलाम की पाती

विकसित भारत का सपना साकार करेगा छत्तीसगढ़ का आर्थिक विकास : डॉ. कलाम 

पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का कहना था कि आर्थिक रूप से विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए आर्थिक रूप से विकसित छत्तीसगढ़ बनाना बहुत जरूरी है। उनका यह भी कहना था कि आर्थिक रूप से विकसित छत्तीसगढ़ देश को शांति और समृद्धि की तरफ ले जा सकता है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अपने निधन के लगभग दो महीने पहले भेजी गई एक चिट्ठी में इस आशय के विचार व्यक्त किए थे। डॉ. कलाम ने मुख्यमंत्री को लिखा था - इस राज्य (छत्तीसगढ़) की संभावनाओं को देखकर मुझे इस बात का अहसास हुआ है कि विकसित भारत के लिए विकसित छत्तीसगढ़ का होना जरूरी है।
  
मुख्यमंत्री को सम्बोधित करते हुए डॉ. कलाम ने लिखा था - मैं 7 नवंबर 2006 को आयोजित छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस समारोह पर दिए गए अपने उद्बोधन की याद दिलाना चाहता हूं। मैंने अपने उद्बोधन में छत्तीसगढ़ राज्य के संपूर्ण विकास के लिए दिए गए अपने सुझावों में सात मिशनों का उल्लेख किया था। तब से लेकर आज तक इस राज्य ने कई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना किया है। मेरे पूरे व्यावसायिक जीवन के दौरान, मेरा छत्तीसगढ़ के साथ गहरा जुड़ा रहा है- राज्य बनने के पहले भी और राज्य बनने के बाद भी। मैंने इस राज्य के कई हिस्सों का दौरा किया है और हजारों नागरिको से बातचीत की है। मैंने उनकी काबिलियत, उनके साहस, उनके विचार, उनकी उद्यमशीलता को देखा और जाना है। इस राज्य के लोगो से मिलकर मैंने यह पाया कि चाहे युवा हों या अनुभवी, यहाँ का हर व्यक्ति बहुत मेहनती, बुद्धिमान और राज्य के विकास में योगदान लेने के लिए तत्पर है।

डॉ. कलाम अपने पत्र में आगे लिखते हैं - इन अनुभवों से प्रेरित होकर, मैं इस पत्र में अपने कुछ विचार आपसे साझा करना चाहता हूँ. भारत के आर्थिक और सामाजिक मानचित्र पर छत्तीसगढ़ राज्य का एक महत्त्वपूर्ण स्थान है. ढाई करोड़ की आबादी के साथ, जिनमे अधिकतर युवा है, यह राज्य राष्ट्र की मानव संसाधन क्षमता की दृष्टि से बहुत महत्त्वपूर्ण है.  देश के 21 प्रतिशत कोयले, 16 प्रतिशत लौह अयस्क और 11 प्रतिशत डोलोमाइट का उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है। साथ ही, छत्तीसगढ़ भारत में चावल सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। यहाँ की संस्कृति, कला और संगीत समृद्ध है, खास तौर पर आदिवासी धरोहर की दृष्टि से. लेकिन वर्तमान में मानव विकास सूचकांक को अगले चार-पांच वर्षों में 0.358 से 0.750 तक पहुँचाने की एक अहम चुनौती राज्य के सामने है। इसके अलावा, युवाओं के लिए ग्रामीण स्तर पर गुणवत्तायुक्त ज्ञान आधारित रोजगार के अवसर पैदा करने, और राज्य के कुछ अशांत क्षेत्रों से जुड़े कुछ मुद्दे भी सामने हैं।

इस राज्य की संभावनाओं को देखकर मुझे एहसास हुआ की आर्थिक रूप से विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए आर्थिक रूप से विकसित छत्तीसगढ़ बने, यह अत्यंत आवश्यक है। मैंने इस राज्य के बारे में बारीकी से अध्ययन किया है और कई विशेषज्ञों से भी राय ली हैं, जिसके आधार पर मैं अपनी ओर से कुछ सुझाव और विचार साझा करना चाहता हु जो मेरी दृष्टि में राज्य के लिए उपयुक्त हैं --

1. छत्तीसगढ़ वृहद पेयजल मिशन की ओर अग्रसर हो सकता है ताकि अपने नागरिकों को कम दरों पर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा सके, जिससे उनके (विशेष रूप से बच्चो के) स्वास्थ्य में सुधर हो सके।

2. हस्तशिल्प तथा कला और संस्कृति में समृद्ध होने के कारण, छत्तीसगढ़ इनकी वैश्विक रूप से ब्रांडिंग कर सकता है और ऐसे उत्पादों के लिए ई-मार्केट भी विकसित कर सकता है, ताकि राज्य के युवाओं को रोजगार उपलबध हो और राज्य को भी अतिरिक्त राजस्व मिल सके.

3. छत्तीसगढ़ के किसान सिंचाई के लिए मुख्य रूप से वर्षा पर निर्भर है। इस वजह से उन पर फसल की विफलता का जोखिम हमेशा मंडराता रहता है.  नयी तकनीकों, प्रौद्योगिकी और सहकारी आधारित मॉडल को अपनाकर, राज्य सरकार सिंचाई व्यवस्था का  आपूर्ति और मांग की दृष्टि से आधुनिकीकरण कर सकती है।

4. छत्तीसगढ़ में कई फसलें पायी जाती है, जिनका मूल्य संवर्धन किया जाना आवश्यक हैं। इसके अनुरूप, छत्तीसगढ़ खाद्य उत्पादन, प्रसंस्करण, भण्डारण और विपणन के लिए मिशन स्थापित कर सकता है।

5. कुछ क्षेत्रों में, विशेष रूप से आदिवासी इलाकों में सिकल सेल जैसी बीमारी के इलाज के लिए अनुसंधान और विकास के कार्यों में छत्तीसगढ़ अग्रणी राज्य बन सकता है।

6. छत्तीसगढ़ मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी वाला राज्य है। यहां की 76 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। हम यहां के 20,000 गांवों को शहरी सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ‘पुरा‘ (प्रोवाइडिंग अर्बन एमिनिटिज इन रूरल एरियाज) जैसे मिशन की परिकल्पना कर सकते हैं। इसे विशेष रूप से सेवा क्षेत्र के विकास, सूचना प्रौद्योगिकी, स्थानीय फसलों के कृषि प्रसंस्करण, संस्कृति और पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित अनुसंधान पर केंद्रित कर सकते हैं। 

7. अशांत क्षेत्रों में सुरक्षा सेवाओं से जुड़े अपने अभियान के लिए छत्तीसगढ़ समन्वित आधुनिक तकनीकों  का इस्तेमाल कर सकता है। 

8. छत्तीसगढ़ में सूरज की पर्याप्त रोशनी होती है। इसका उपयोग किया जाए तो राज्य के 40 लाख घरों, विशेष रूप से ग्रिड कनेक्टिविटी के बाहर के क्षेत्रो, के लिए यहाँ रूफ-टॉप सोलर पावर (छत पर सौर ऊर्जा) का एक मिशन शुरू किया जा सकता हैं।

9. जब कभी भी मैने छत्तीसगढ़ के लोगों और प्रोफेशनल्स से मुलाकात की, उन्होंने राज्य के विकास में अपनी भागीदारी निभाने की इच्छा प्रकट की। क्या छत्तीसगढ़ शासन इन विशेषज्ञों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक-दो वर्षों की फेलोशिप नीति लागू कर सकती है, जिसके तहत उन्हें स्थानीय प्रशासन विशेष रूप से जिला कलेक्टरों और स्थानीय विधायकों के साथ काम करने का मौका मिले और वे स्थानीय समस्याओं के निराकरण के लिए नये प्रकार के समाधान चिन्हांकित कर सकें ? मुझे विश्वास है कि इस प्रकार का मॉडल यहां की जनता को काफी प्रोत्साहित कर सकता है, जिनमें से कई लोग काफी सफल भी हो चुके हैं। 

मैने और मेरी टीम ने छत्तीसगढ़ की वास्तविक क्षमताओं को ध्यान में रखकर अपने इन विचारों पर आधारित एक विकासमूलक योजना तैयार की है, जिसमें इन्हें क्रियान्वित करने के लिए कुछ तरीके भी सुझाये गए हैं। अपनी चिट्ठी के अंत में डॉ. कलाम ने मुख्यमंत्री को लिखा है- मुझे यकीन है आप इस बात से सहमत होंगे कि आर्थिक रूप से विकसित छत्तीसगढ़ देश को शांति और समृद्धि की तरफ ले जा सकता है। राज्य की दो करोड़ 60 लाख जनता के विकास के लिए प्रकार का मॉडल राज्य और इसके ढाई करोड़ लोगों के विकास लिए इन मिशनों को लागू करने के लिए किसी भी प्रकार का सहयोग करने में मुझे खुशी होगी। DPR