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01 जनवरी 2011

मानवता का धर्म नया है ----- अशोक बजाज

कविता / मानवता का धर्म नया है

धूप वही है, रुप वही है,
सूरज का स्वरूप वही है ;
केवल उसका प्रकाश नया है ,
किरणों का एहसास नया है .

दिन वही है, रात वही है ,
इस दुनिया की , बात वही है ;
केवल अपना आभाष नया है ,
जीवन में कोई खास नया है .

रीत वही है, मीत वही है ,
जीवन का संगीत वही है ;
केवल उसका राग नया है ,
मित्रों का अनुराग नया है .

 नाव वही  है, पतवार वही  है ,
बहते जल की रफ़्तार वही है ;
केवल नदी का किनारा नया है ,
इस जीवन का सहारा नया है .

खेत वही है, खलिहान वही है ,
मेहनतकश किसान वही है ;
केवल उत्पादित धान नया है ,
धरती का परिधान नया है . 

मन वही है, तन वही है ,
मेरा प्यारा वतन वही है ;
केवल अपना कर्म नया है ,
मानवता का धर्म नया है .

प्रस्तुतकर्ता - अशोक बजाज

नव-वर्ष 2011 आपके लिए मंगलकारी   हो !!!

18 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

नूतन वर्ष की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं

Dorothy ने कहा…

खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.

अनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.

आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

आपको भी शुभकामनायें। सुन्दर कविता।

Rahul Singh ने कहा…

धन्‍यवाद, नया साल मुबारक.

Arvind Jangid ने कहा…

अत्यंत ही सुन्दर रचना...........सुन्दर भाव!

नव वर्ष की मुबारक हो!

साधुवाद.

Swarajya karun ने कहा…

सूरज के पुराने प्रतिरूप में नए प्रकाश की
परिकल्पना अच्छी लगी . सुंदर कविता .
नए ईस्वी वर्ष 2011 के आगमन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं .

36solutions ने कहा…

अनंत शुभकामनाएँ ....

Suman ने कहा…

apkobhi naye varsh ki anek shubh kamanaye....
ab ap ke blog aaram se padhungi..........

Khushdeep Sehgal ने कहा…

सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
यह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम

नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...

जय हिंद...

vandana gupta ने कहा…

आपको तथा आपके पूरे परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनाएँ!

bilaspur property market ने कहा…

""" आप को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये """

Unknown ने कहा…

इसाई नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें.

डॉ टी एस दराल ने कहा…

इस सार्थक रचना के साथ आपको सपरिवार नव वर्ष की बधाई एवम हार्दिक शुभकामनायें ।

ZEAL ने कहा…

सुन्दर भाव!
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें

कडुवासच ने कहा…

नया साल शुभा-शुभ हो, खुशियों से लबा-लब हो
न हो तेरा, न हो मेरा, जो हो वो हम सबका हो !!
... nav varsh ki haardik badhaai va shubhakaamanaayen !!

cgswar ने कहा…

2011 शुभ हो, मंगलमय हो, फलदायक हो, खुशि‍यों से भरपूर हो, हर ख्‍वाब साकार करने वाला हो, ग्राम चौपाल से आप ऐसे ही हमें बहुत कुछ अच्‍छा अच्‍छा देते रहें .....हमारी कामना, शुभकामना आपके साथ है।

कुमार राधारमण ने कहा…

दिल्ली से बाहर हूं बजाज साहब। इसलिए,नववर्ष की बधाई देने में थोड़ी देर हुई है। आप स्वयं व्यस्त रहते हैं,इसलिए आपके लिए समझना सहज होगा।
नववर्ष में भी कभी न कभी मिलने का सुयोग बने,ऐसा प्रयास रहे। बधाई और शुभकामनाएँ।

बेनामी ने कहा…

नए वर्ष का स्वर्णिम प्रकाश आपके और आपके पुरे परिवार को खुशियों से सराबोर कर de यही सुभकामना है
अनिमेष जैन