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07 नवंबर 2010

प्रदूषण के डर से , ना निकला घर से ;

प्रदूषण  के डर से ,
ना निकला घर से ;

पटाखों की लड़ियाँ ,
और फुलझड़ियाँ ,
सुहाने चमन  में ,
कहर  बन के बरसे ; 
प्रदूषण  के डर से ,
ना निकला घर से ;


हर मोड़ पर है मधुशाला ,
हर हाथ में मस्ती का प्याला ;
कैसे बचाऊँ  तुम्हें ,
इस जहर से ;
प्रदूषण  के डर से ,
ना निकला घर से ;

कहाँ है दिवाली ,
कहाँ खुशहाली ;
उसे देखनें को ,
ये नैना तरसे ;
प्रदूषण  के डर से ,
ना निकला घर से ;

तूफां में जलते दीयों के नजारें ,
घनें बादलों में छिपे है सितारे ;
जाऊँ तो कैसे ,
पथरीली डगर  से ; 
प्रदूषण के डर से ,
ना निकला घर से ;

साल के बाद आयेगी फिर से दिवाली ,
झोली रहें ना किसी की खाली ;
ब्लॉग से ही बधाई हो ,
मेरी तरफ से  ;
प्रदूषण के डर से ,
ना निकला घर से ;
लोकप्रिय सांध्य दैनिक ' छत्तीसगढ़ समाचार ' 8-11-2010

     प्रवक्ता . काम में भी पढ़ें        

12 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

आपकी चिंता जायज है।
लेकिन आज तो घर से निकलना पड़ेगा।
मातर जो है:)

पंकज कुमार झा. ने कहा…

अच्छी कविता. आप थोड़े एलर्जिक भी हैं सो ज्यादे ही ख्याल रखियेगा. तवीयत ठीक रहे तो दीवाली मिलन तो बाद में भी होता रहेगा. मेरा
मिठाई लेकिन ज़रूर बचा कर रखियेगा...सादर...पंकज झा.

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

कविता में पिरो दिया एक संदेश, बहुत सुन्दर।

Urmi ने कहा…

आपको और आपके परिवार को दिवाली की हार्दिक शुभकामनायें !

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

भईया, ये तो बहुत अच्छे सन्देश देती एक सुन्दर कविता है.
सतर्कता बहुत जरुरी है आज.

Swarajya karun ने कहा…

एक ज्वलंत समस्या पर सुंदर,सम-सामयिक और सार्थक कविता के लिए बधाई .पटाखों से होने वाले प्रदूषण का डर बिल्कुल जायज है.शराब-बंदी,पानी और पर्यावरण के लिए जन-जागरण के साथ-साथ इसके लिए भी कोई जागरूकता अभियान आपको ज़रूर शुरू करना चाहिए. हम सब आपके साथ रहेंगे. भाई-दूज की हार्दिक शुभकामनाएं

ASHOK BAJAJ ने कहा…

@ श्री स्वराज जी ,
आपका सुझाव पसंद आया , धन्यवाद !
दिवाली की पुनः बधाई .

ASHOK BAJAJ ने कहा…

@ श्री पंकज झा ,
कविता आपको पसंद आई इसके लिए आपका आभारी हूँ . आपकी मिठाई एवं पटाखें सुरक्षित है .
दिवाली की पुनः बधाई स्वीकार करें .

ASHOK BAJAJ ने कहा…

@ श्री ललित शर्मा जी ,
@ श्री प्रवीण पाण्डेय जी ,
@ सुश्री बबली जी ,
@ श्री एस. एम्. हबीब जी ,

आप लोंगों का आभारी हूँ .

दिवाली की पुनः बधाई एवं शुभकामनाएं !

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर संदेश....

राम त्यागी ने कहा…

बहुत सुन्दर सन्देश

Shalini kaushik ने कहा…

bachpan aur hamara paryavaran vishay par aayojit lekh contest ka kya raha kuchh pata nahi chala kripya mere blog pate par batain[http://shalinikaushik2.blogspot.com]