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12 सितंबर 2010

पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बच्चों के नाम ख़त ....

बच्चों के नाम ख़त.. 

प्यारे बच्चों , 

                जयहिंद

यह पत्र मै ऐसे समय में लिख रहा हूँ जब पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी ) से चिंतित है . मनुष्य स्वभाव-गत कारणों से जल एवं उर्जा का अपव्यय करता है , इस छोटी उम्र में तुम जल एवं उर्जा की बचत की ओर ध्यान दोगे तो भविष्य में कठिनाई नहीं होगी . हमें पर्यावरण की सुरक्षा के लिए न केवल पेड़ लगाना है बल्कि पेड़ों को बचाना  भी है .हम अपने सुखद भविष्य के लिए आज से ही चिंतन करें .  यदि मेरी बात अच्छी लगे  तो  सबको  बताना और मेरे ख़त  का जवाब देना  .                                    शुभकामनाओं सहित .......

      12-9-2010                                                                    अशोक बजाज   
                                                                                             
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11 टिप्‍पणियां:

ब्लॉ.ललित शर्मा ने कहा…

विद्यार्थियों को पत्र लिखने का काम तो बहुत अनोखा है,अगर प्रत्येक विद्यार्थी के पते पर आपका लिखा पत्र जाएगा तो उसके मन में नि:संदेह पर्यावरण के प्रति जागरुकता के भाव प्रकट होगें।
जोकि हमारे पर्यावरण एवं मनुष्य की रक्षा के लिए अत्यावश्यक है।
मैं आपके इस उल्लेखनीय कदम की तहेदिल से प्रशंसा एवं समर्थन करता हूँ।

पर्यावरण कार्यक्रम को बढाते चलिए
विद्यार्थियों को जागरुक बनाते चलिए

Rahul Singh ने कहा…

निश्‍चय ही पेड़ लगाने से भी जरूरी, उन्‍हें बचाना है.

राजभाषा हिंदी ने कहा…

बहुत अच्छी प्रस्तुति।

हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है।

देसिल बयना – 3"जिसका काम उसी को साजे ! कोई और करे तो डंडा बाजे !!", राजभाषा हिन्दी पर करण समस्तीपुरी की प्रस्तुति, पधारें

ASHOK BAJAJ ने कहा…

ललित जी ,

बच्चों पर इस कार्यक्रम का अच्छा असर दिखाई दे रहा है, उन्हे जागरूक करने मै स्वयं स्कूलों मे जा रहा हूँ .कल १३ सितंबर को ११ बजे अभनपुर तथा २ बजे खोरपा ग्राम में कार्यक्रम आयोजित है . बच्चों के साथ बड़ों को भी इसमें शामिल होना चाहिए .धन्यवाद

ASHOK BAJAJ ने कहा…

राहुल जी ,
आपने बिल्कुल सहीं कहा ,पेड़ लगाने से भी जरूरी, उन्‍हें बचाना है. धन्यवाद ..

Apanatva ने कहा…

ek aur prarthana thee aapse ki plastic bag ka upyog naa kare ye bhee appeal kare aap unse.......hamare desh ke bhavi nirmata to aakhir ye hee hai.......
prashansneey kadam .
shubhkamnae .

कडुवासच ने कहा…

... behatreen, prasanshaneey !!!

ASHOK BAJAJ ने कहा…

अपनत्व जी ,

आपका सुझाव स्वागत योग्य है ,धन्यवाद

उदय जी ,

हौसला अफजाई के लिए आभार .

खबरों की दुनियाँ ने कहा…

शुभ कामनाओं के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद । श्री गणेश आप सभी की मंगल कामनाएं पूर्ण करें , सविनय - आशुतोष मिश्र ।

Swarajya karun ने कहा…

पर्यावरण की रक्षा के लिए बच्चों को पत्र लिख कर
आपने बड़ों को भी कुछ करने की प्रेरणा दी है .
आपका यह अभियान ज़रूर रंग लाएगा .
हिन्दी -दिवस की बधाई और शुभकामनाएं .

Swarajya karun ने कहा…

पर्यावरण की रक्षा के लिए बच्चों को
पत्र लिख कर आपने बड़ों को भी कुछ
करने की प्रेरणा दी है . आपका यह
अभियान ज़रूर रंग लाएगा .
हिन्दी दिवस की बधाई और बहुत-बहुत
शुभकामनाएं .