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26 जून 2010

माँ

माँ

जो मस्ती आँखों में है,

मदिरालय में नहीं ;

अमीरी दिल की कोई,

महालय में नहीं ;

शीतलता पाने के लिए

कहाँ भटकता है मानव ;

जो माँ की गोद में है
वह हिमालय में नहीं ;

-(अज्ञात)